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इस एक गलती की वजह से अल्ट्रासाउंड लैब को माता पिता को देना पड़ेगा अब सवा करोड़ रुपये का हर्जाना, जाने पूरा मामला

नागपुर. अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट एक ऐसी चीज़ है जिस पर डॉक्टर से लेकर मरीज़ हर कोई आंख मूंदकर भरोसा करते हैं. लेकिन नागपुर में अल्ट्रासाउंड की एक लैब ने एक दो बार नहीं, बल्कि 4 बार मरीज़ की रिपोर्ट गलत दे दी. अब इस लैब पर भारी-भरकम जुर्माना लगाया गया है. नेशनल कंज्यूमर कमीशन ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए इस लैब को आदेश दिया है कि वो एक बच्चे और उनके माता-पिता को हर्जाने के तौर पर 1.25 करोड़ रुपये दे.

नागपुर में एक महिला अपनी प्रेगनेंसी के दौरान अल्ट्रासाउंड करवाती थी. लेकिन हर बार उन्हें गलत रिपोर्ट दी गई. लिहाजा उनका बच्चा कंजेनिटल एनोमलिज यानी जन्मजात विसंगतियों के साथ पैदा हुआ. बता दें कि ऐसे बच्चों के शरीर की बनावट में जन्म से पहले से कई तरह की कमियां रहती है. ऐसी चीजों का पता प्रेगनेंसी के 17-18 हफ्ते तक चल जाता है. इसके बाद डॉक्टर अबॉर्शन की सलाह देते हैं.

नागपुर की है ये लैब

पीड़ित परिवार को जन्म के बाद पता चला कि उनके बच्चे को अंगुलियां नहीं है. साथ ही इस बच्चे के पैर में पूरी तरह से नहीं बने थे. इसके लिए गलत अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट को ज़िम्मेदार ठहराया गया. अखबार के मुताबिक महिला अपनी प्रेगनेंसी के दौरान नागपुर की इमेजिंग प्वाइंट लैब से अल्ट्रासाउंड करवाती थी. एनसीडीआरसी की दो सदस्यीय बेंच ने लैब को बच्चे के वेलफेयर के लिए मुआवजे, इलाज के लिए भविष्य के खर्च और अंग कृत्रिम अंग की खरीद के लिए भुगतान करने को कहा है.

16 साल बाद मिला इंसाफ

ये मामला साल 2006 का है. डॉक्टर ने ही इस महिला को उस खास लैब में जाने की सलाह दी थी. लेकिन सभी चार रिपोर्ट गलत साबित हुए. परिवार ने इस मामले में 10 करोड़ हर्जाने की मांग की थी. अब बेंच ने सवा करोड़ रुपये देने को कहा है. साथ ही कहा है कि ये पैसे फिक्स डिपॉजिट के तौर पर रखे जाएंगे.

5 दिन के अंदर दो बार प्रेगनेंट हो गई महिला, जुड़वां नहीं हैं बच्चे पर एक जैसी शक्ल !

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कुदरत भी एक से बढ़कर एक चमत्कार करती रहती है. इंसान का शरीर भी उसकी ऐसी ही रचनाओं में से एक है, जिसमें कई बार हैरान कर देने वाली घटनाएं सामने आती हैं. कुछ ऐसा ही हुआ अमेरिका के टेक्सस में रहने वाली एक महिला के साथ. महिला ने एक साथ दो बच्चों को जन्म दिया है, लेकिन वे जुड़वां नहीं कहे जा सकते.

मेडिकल विज्ञान में कुछ चीज़ें बेहद दुर्लभ मानी जाती हैं. टेक्सस की रहने वाली 25 साल की कारा विनहोल्ड का केस भी इनमें से ही एक है. उन्होंने हाल ही में 2 स्वस्थ बच्चों को जन्म दिया है. दोनों बच्चों की शक्ल-सूरत एक जैसी ही है, फिर भी डॉक्टर इन्हें तकनीकी तौर पर जुड़वां नहीं कह रहे हैं. ये मामला बेहद दिलचस्प और अलग है, चलिए जानते हैं कैसे?

5 दिन में 2 बार प्रेगनेंट हुई महिला

दरअसल कारा विनहोल्ड की प्रेगनेंसी थोड़ी असाधारण है. वे 5 दिन के भीतर 2 बार प्रेगनेंट हुईं. जब उन्होंने टेस्ट कराया, तो उन्हें पता चला कि वे पहले से ही प्रेगनेंट थीं और उनका दूसरा बच्चा 5 दिन पहले ही गर्भ में आया है. डॉक्टर्स ने ये भी बताया कि वे एक साथ बड़े होंगे और उनका जन्म भी एक साथ ही होगा, फिर भी इन्हें जुड़वां नहीं कहा जाएगा. दोनों ही बच्चे बेबी ब्वॉय हैं और उनकी शक्ल देखकर अंतर कर पाना मुश्लि है. इनका नाम सेल्डन और सेडन रखा गया है. डॉक्टरों की भाषा में ऐसी घटना को सुपरफीटेशन कहते हैं.

क्या है सुपरफीटेशन ?

सुपरफीटेशन ऐसी स्थिति है, जिसमें महिला के गर्भ में भ्रूण की शुरुआत होने के बाद उसमें एक और बच्चा आ जाए. ये घटना कुछ दिन या हफ्ते बाद भी हो सकती है. इस परिस्थति में दोनों ही गर्भावस्था को अलग-अलग माना जाता है और बच्चों को जुड़वां नहीं कहा जाता है. सामान्य तौर पर प्रेगनेंट होने के बाद शरीर में हॉर्मोन्स से रिलेटेड बदलाव होते हैं और महिला के गर्भाशय से अंडे निकलना बंद हो जाते हैं. ऐसे में उसके प्रेगनेंट होने की संभावना खत्म हो जाती है, लेकिन सुपरफीटेशन इसका अपवाद है. पूरी दुनिया में गिन-चुनकर इस तरह के दर्जनभर मामले ही सामने आए हैं.

चाकू मारकर हत्या की वारदात को अंजाम देने वाले दो आरोपियों को करनाल पुलिस ने किया गिरफ्तार

IBN24 न्यूज़ नेटवर्क 01 जून 2022 करनाल,  जिला पुलिस करनाल की सीआईए टू की टीम द्वारा चाकू मारकर हत्या की वारदात को अंजाम देने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है। इस वारदात के संबंध में शिकायतकर्ता संजय टांक पुत्र रामकिशोर छिम्पी वासी सराफा बजार मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश हाल किरायेदार मकान नम्बर 552 सेक्टर-16 करनाल ने 30 मई 2022 को थाना शहर में शिकायत दी। जिसमें उसने बताया कि उसका लडका अनुज कुमार उर्फ अमन कुमार जो होटल पर मजदूरी करता है, 29 मई 2022 को अपने दोस्त विशाल वासी आन्नद विहार करनाल का जन्मदिन बांसो गेट करनाल के रहने वाले दूसरे दोस्त विपुल के घर मनाए जाने की बात कहकर गया था।

शिकायतकर्ता ने बताया कि उस दिन करीब 10 बजे रात्रि को डी.जे. बंद होने पर गली में शिबु उर्फ शिवम पुत्र राजेन्द्र कुमार, कर्ण पुत्र सुनील, अरमान उर्फ बिल्ला, ज्ञानी पुत्रान राजेन्द्र उर्फ काका, गौतम वासियान बासोगेट, जानू व नोटी उर्फ नतीस वासी इन्द्रा कालोनी व नोना वासी मंगल कालोनी ने मिलकर उसके लडके अनुज कुमार उर्फ अमन कुमार व अमन के दोस्त सचिन व एक अन्य लडके के साथ लडाई-झगड़ा करके तेजधार हथियारों से चोटें मारी थी। इस लडाई-झगडे में आई चोटों के कारण उसके लडके अनुज उर्फ अमन की मृत्यू हो गई। इस संबंध में शिकायतकर्ता संजय टांक के ब्यान पर थाना शहर करनाल में उपरोक्त आरोपियों के खिलाफ नामजद मुकदमा नम्बर 481 30 मई 2022 धारा 148, 149, 323, 324, 302 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया गया।

मामले की गंभीरता को देखते हुए व आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के लिए मामले की जांच निरीक्षक मोहनलाल के नेतृत्व में कार्यरत सीआईए टू की टीम को सौंपी गई। दौराने तफ्तीश टीम के सहयोग से आज 01 जून 2022 को उपरोक्त वारदात को अंजाम देने वाले दो आरोपियों 1. कर्ण पुत्र अनिल वासी बांसो गेट करनाल व 2. नोना उर्फ अंकुश पुत्र रमेश कुमार वासी गली नंबर 2 मंगल कॉलोनी करनाल को नजदीक रेलवे स्टेशन करनाल से गिरफ्तार किया गया। 

आरोपियों से पूछताछ व अन्य विश्वसनीय साक्ष्यों के आधार पर प्रारम्भिक जांच में खुलासा हुआ कि मृतक के साथ आरोपी अरमान उर्फ बिल्ला व गौतम की एक लड़ाई झगड़े को लेकर पुरानी रंजिश दी। जिसकी वजह से आरोपियों ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया था। आरोपियों को कल पेश अदालत करके पुलिस रिमाण्ड पर लिया जाएगा। दौराने रिमाण्ड आरोपियों से गहनता से पूछताछ की जाएगी व वारदात में इस्तेमाल चाकू को बरामद किया जाएगा। वारदात में संलिप्त अन्य आरोपियों की भी गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।

बड़ा हादसा: 3 मंजिला बिल्डिंग गिरने से तीन लोग घायल, कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश

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मध्य प्रदेश के भोपाल के शाहपुरा में बुधवार को बड़ा हादसा हो गया. यहां एक 3 मंजिला मकान गिरने से तीन लोग घायल हो गए. मामले में जांच के आदेश दिये गए हैं. इसमें एक मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गया है. भोपाल के कलेक्टर अविनाश लावण्या ने कहा, “किसी के निजी मकान को तोड़ने का कार्य चल रहा था उसी दौरान एक मज़दूर के दबने की खबर मिली, जिसके बाद थोड़ी देर पहले उन्हें निकाला गया और अस्पताल ले जाया गया है.”

हादसे को लेकर आगे जानकारी देते हुए भोपाल के कलेक्टर अविनाश लावण्या ने कहा कि घायल मजदूर की स्थिति अभी गंभीर बनी हुई है. इसके संबंध में एक विस्तृत जांच के आदेश दिए गए हैं. 2 लोग पहले वहां थे जिन्हें थोड़ी चोट लगी है. जांच के आधार पर हम आगे की कार्रवाई करेंगे.

हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों पर होगी कार्रवाई

भोपाल के कलेक्टर अविनाश लवानिया ने बताया कि हादसे में घायल मजदूर को रेस्क्यू कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि भोपाल के शाहपुरा इलाके में तीन मंजिला इमारत गिराने के दौरान मलबे में फंसे एक मजदूर को बचा लिया गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि हादसे के लिए जिम्मेदार पाए जाने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी. उन्होंने कहा कि इस हादसे में दो मजदूरों को मामूली चोटे आई है.

दर्दनाक हादसा! हरियाणा में शौचालय के लिए खोदी गई टंकी में गिरने से एक ही परिवार के 3 लोगों की हुई मौत, पढ़ें पूरा मामला

मेवात. हरियाणा के नूंह मेवात के पुन्हाना उपमंडल के गांव बिछौर में शौचालय की टंकी में गिरने से एक परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई. जैसे ही इस दर्दनाक हादसे की खबर ग्रामीणों को लगी, वैसे ही पूरे गांव में हड़कंप मच गया. तीनों मृतकों की पहचान समु और सराजु लामु और सराजु पुत्र दीनू व एक मासूम बच्चा आरिज पुत्र सराजु के रूप में हुई है. एक ही परिवार में तीन लोगों की मौत से पूरे गांव में मातम छा गया है. वहीं पीड़ित परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है.

जानकारी के मुताबिक, आज सुबह करीब 6 बजे आरिज अपने घर खेल रहा था. तभी अचानक शौचालय के ऊपर रखा पत्थर टूट गया और मासूम बच्चा उसमें गिर गया. इसके बाद उसका पिता सराजु बच्चे को निकालने के लिए गड्ढे में कूद गया. लेकिन वह भी गड्ढे से बाहर नहीं निकल सका, जिसके बाद सराजु का बड़ा भाई सलामु भी उन्हें बचाने के लिए गड्ढे के अंदर उतर गया. लेकिन गड्ढे में ज्यादा गंदगी के कारण वह भी गड्ढे से बाहर नहीं निकल सका.

परिवार के साथ- साथ सभी को झकझोर कर रख दिया है

वहीं, जब अंदर ही रह गए तब  परिवार के लोगों ने आसपास के लोगों की मदद ली और तीनों को बाहर निकाला. लेकिन जैसे ही तीनों को बाहर निकाला गया तब तक उनकी मौत हो चुकी थी. हादसे की खबर लगते ही परिवार और गांव में  मातम पसर गया.  वहीं, बताया जा रहा है कि अभी 2 दिन पहले ही घर से दो बहनों की शादी हुई थी. परिवार के लोगों का रो रोकर बुरा हाल है.  इस हादसे ने परिवार के साथ- साथ सभी को झकझोर कर रख दिया है.

निजी स्कूल के स्विमिंग पूल में बच्चे की डूबने से मौत

झज्जर जिले के एक निजी स्कूल में 5 दिन पहले स्विमिंग पूल में डूबने से 7 वर्षीय बच्चे की मौत हो गई थी. उसका खुद संज्ञान झज्जर के पुलिस कप्तान वसीम अकरम द्वारा लिया जा रहा है. आज इसी कड़ी में बच्चे के पिता ने स्कूल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने आरोप लगाया कि स्कूल के स्टाफ की लापरवाही की वजह से ही बच्चे की मौत हुई है. बच्चे को मारा गया है. स्कूल प्रबंधन कोई भी सच्चाई नहीं बता रहा है. 12 बजे हादसा हुआ और 2 घंटे के बाद सूचना दी गई. स्कूल की तरफ से फोन आया कि बच्चे को चोट लग गई है. 12 से 2 तक अन्य अस्पतालों में ले जाया गया. जिसकी सूचना परिजनों को नहीं दी गई. पुलिस अधिकारियों ने निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया.

सरकार का बड़ा फैसला: 25 लाख से ज्यादा की संपत्ति खरीदने पर देनी होगी ज्यादा ट्रांसफर ड्यूटी

दिल्ली में अब प्रॉपर्टी खरीदना महंगा हो जाएगा। दरअसल दिल्ली सरकार ने दिल्ली में संपत्ति हस्तांरण शुल्क को एमसीडी ने एक प्रतिशत बढ़ा दिया है। इसके बाद में दिल्ली में अब 25 लाख रुपये से अधिक की संपत्ति खरीदना महंगा हो जाएगा। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने राष्ट्रीय राजधानी में 25 लाख रुपये से अधिक की संपत्ति की खरीद पर हस्तांतरण शुल्क एक प्रतिशत बढ़ाने का फैसला किया है। इस बढ़ोतरी के बाद पुरुषों के लिए हस्तांतरण शुल्क चार प्रतिशत और महिलाओं के वास्ते तीन प्रतिशत हो जाएगा। इस कदम का मकसद निगम की आर्थिक स्थिति को सुधारना है। जो पिछले कुछ सालों में, खासकर कोविड-19- महामारी के कारण, बुरी तरह से बिगड़ी है।

बता दे कि नए नियम के अनुसार हस्तांतरण शुल्क में बढ़ोतरी का असर केवल उन खरीदारों पर पड़ेगा जो 25 लाख रुपये से अधिक की पंजीकृत कीमत वाली संपत्ति खरीदेंगे। संपत्तियों को उनके क्षेत्र के आधार पर आठ श्रेणियों ए, बी, सी, डी, ई, एफ, जी और एच में विभाजित किया गया है और दिल्ली सरकार संपत्तियों की बिक्री और खरीद पर स्टांप शुल्क एकत्र करती है। हस्तांतरण शुल्क, स्टांप शुल्क से अलग है।

यह पिछले महीने दिल्ली के तीनों – उत्तरी, पूर्वी और दक्षिणी- निगमों को एक करने के बाद, पहला बड़ा फैसला है। मंगलवार को हुई एक बैठक में यह फैसला किया गया, जिसमें हस्तांतरण शुल्क में एक प्रतिशत की बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव पेश किया गया था।प्रस्ताव दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के विशेष अधिकारी द्वारा पारित किया गया था, जिन्हें नया सदन चुने जाने तक निगम को चलाने का अधिकार दिया गया है।

आधिकारिक सूत्रों ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘स्थायी समिति के तौर पर विशेष अधिकारी के समक्ष 25 लाख रुपये से अधिक मूल्य की संपत्तियों पर हस्तांतरण शुल्क में एक प्रतिशत की वृद्धि करने का प्रस्ताव रखा गया था। प्रस्ताव को एसओ  ने मंजूरी दे दी। बढ़ोतरी के बाद पुरुषों के लिए हस्तांतरण शुल्क चार प्रतिशत और महिलाओं के वास्ते तीन प्रतिशत हो जाएगा।’’

वर्तमान में, राष्ट्रीय राजधानी में संपत्ति की बिक्री और खरीद पर हस्तांतरण शुल्क पुरुषों के लिए तीन प्रतिशत और महिलाओं के लिए दो प्रतिशत है।एमसीडी के एक अधिकारी ने कहा कि स्थायी समिति के स्तर पर मंजूरी दी गई है और औपचारिक सदन स्तर की मंजूरी भी प्रदान की जाएगी। स्थायी समिति एमसीडी की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च समिति है। एमसीडी सदन और स्थायी समिति के अधिकार विशेष अधिकारी को सौंपे गए हैं।

अधिकारी ने कहा कि प्रस्ताव को लागू करने के लिए इसे सरकार के पास भेजा जाएगा। एमसीडी के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि निगम के पास पांच प्रतिशत तक हस्तांतरण शुल्क लगाने का अधिकार है और उसे इस पर सरकार से मंजूरी लेने की जरूरत नहीं है। अधिकारी ने कहा, “ सरकार में सब-रजिस्ट्रार हस्तांतरण शुल्क का संकलन करता है, इसलिए इसे उनको  ही लागू करना है। लेकिन डीएमसी अधिनियम के अनुसार, इसे बढ़ाने का नगर निकाय को अधिकार है।”सितंबर 2020 में, पूर्ववर्ती दक्षिण दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) ने हस्तांतरण शुल्क बढ़ाने के लिए इसी तरह के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, लेकिन यह दिल्ली सरकार के पास लंबित पड़ा है।

अधिकारियों ने कहा, ‘‘इस कदम से राजस्व में वृद्धि होगी और एमसीडी के खजाने को मजबूती मिलेगी, जिसका उपयोग वित्तीय चुनौतियों पर काबू पाने और लोगों को सर्वोत्तम सेवाएं प्रदान करने के लिए किया जाएगा।”

अधिकारियों ने कहा कि हस्तांतरण शुल्क में बढ़ोतरी का असर केवल उन खरीदारों पर पड़ेगा जो 25 लाख रुपये से अधिक की पंजीकृत कीमत वाली संपत्ति खरीदेंगे।

क्या दिल्ली से उठेगा पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला के हत्या की साजिश से पर्दा? पढ़ें बड़ा खुलासा

नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की कांउटर इंटेजलिस यूनिट और रोहिणी यूनिट स्पेशल सेल लंबे समय से पंजाब टेरर और पंजाब गैंगस्टर गतिविधियों पर नजर बनाए हुये हैं. सुरक्षा एजेंसियों और स्पेशल सेल के कई इनपुट में ये खुलासा हुआ है कि पंजाब के पुलिस कर्मी, पंजाब के पत्रकार भी गैंगस्टर के निशाने पर है. लेकिन इस सब के बीच सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के राज से पर्दा क्या दिल्ली से उठेगा यह बड़ा सवाल है.

क्योंकि लॉरेंस विश्नोई, काला राणा, काला जठेड़ी, संपत नेहरा, जग्गू भगवनपुरिया ये तमाम एक ही कुनबे के गैंगस्टर दिल्ली की जेलों में बंद है. जिन्होंने पंजाब जरायम के दर्जनों राज सुरक्षा एजेंसियों के सामने खोल कर रख दिये है. उसी में सामने आई मुसेवाला के कत्ल की एक खास वजह जो पहली बार आपको बता रहा है….

सिद्धू मूसेवाला की हत्या क्यों हुई?

सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े अधिकारी बताते है की जिस तरह बॉलीवुड में अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम और उसकी D कंपनी का दबदबा है, ठीक उसी तरह पंजाब म्यूजिक पंजाब फ़िल्म इंडस्ट्री मे पंजाब के गैंगस्टर सिक्का जमाने की होड़ में लगे है. ये पहले चलन न के बराबर था, पर जिस तरह पंजाब में गन कल्चर बढ़ा, शायद ही कोई पंजाबी सिंगर होगा जिस के गाने में बंदूक खून खराबा का जिक्र न हो. दरअसल आपको बताते हैं आखिर क्यों पंजाब के सिंगर गैंगस्टर के निशाने पर हैं, और आखिर क्यों सिद्धू मूसेवाला गैंगस्टर की गोली का निशाना बने.

जिस तरह जगजाहिर है की पंजाब में दो गैंग्स एक दूसरे के जानी दुश्मन हैं. लॉरेंस बिश्नोई गैंग और दविंदर बमबीहा लेकिन बमबीहा की मौत के बाद इस गैंग की कमान आरमानिया में बैठे गैंगस्टर लकी पटियाल ने संभाली तो पंजाब की म्यूजिक और फ़िल्म इंड्रस्टी पर कब्जा करने या अपना दबदबा रुतबा कायम रखने और पैसे की चाह की खातिर बमबीहा गैंग ने अपनी म्यूजिक कंपनी खोल दी.

पंजाब की म्युजिक इंडस्ट्री पर कब्जे की लड़ाई

सूत्रों के मुताबिक ठग्स लाइट्स और गोल्ड मीडिया ने पंजाब की म्यूजिक इंडस्ट्री पर कब्जा जमाने के लिए सिंगर को धमकी देना शुरू की हथकंडे अपनाए, लेकिन वो वजह तो कोई नहीं जानता की आखिर कैसे पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला इस दोनों कंपनी के करीबी बने पर पंजाब के कई लोग इस बात से वाकिफ हैं. सिद्धू मुसेवाला ने इन दोनों कंपनियों के बैनर तले गाने गाए और जो काफी हिट रहे, इन दोनों कंपनियों से जुड़े अर्शदीप मनदीप धालीवाल भी एक तरह से बमबीहा गैंग से जुड़े थे. इन पर कई आपराधिक मुकदमे भी दर्ज हैं. जो सीधे तौर पर लकी पटियाल के लिए बसूली का काम करता है.

अगस्त 2021 में मोहाली पुलिस ने इसकी गिरफ्तारी की थी

यही वजह लॉरेंस विश्नोई खेमे को पंसद नहीं थी, वो भी इस तरह ही अपनी म्यूजिक कंपनी खोलना चाहते थे और पंजाब के गैंगस्टर पर अपना दबदबा कायम करना चाहते थे. जिसके लिए लॉरेंस ने अपने कॉलेज के दोस्त या बड़े भाई कह ले विक्की मुद्दुखेड़ा का इस्तेमाल किया यह कहना गलत नही होगा. विक्की के जरिये लॉरेंस बिश्नोई गैंग सिद्धू मूसेवाला पर दबाब बनाने की लगातार कोशिश कर रहे थे. सिद्धू ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग की धमकी या यूं कहें उसके मन मुताबिक काम करने से इनकार कर दिया.

पंजाब के इस मशहूर सिंगर मूसेवाला से लॉरेंस गैंग उसके गैंगस्टर ने वसूली की या नहीं, यह बात तो केवल सिद्धू ही जानते होंगे जो अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन यह बात पंजाब पुलिस, चंडीगढ़ पुलिस, दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल सब जानते हैं. कि पंजाब के गैंगस्टर पंजाबी सिंगर एक्टर्स से प्रोटक्शन मनी की डिमांड लगातार करते आए हैं. हर गैंगस्टर अपने खेमे में पंजाब के पापुलर सिंगर को करना चाहते हैं, वो किस शो में अपने गाने गाए वहां से मिलने वाला पैसे का कमीशन गैंगस्टर खेमे को जाए. ये बात भी किसी से छिपी नहीं है कि सिद्धू मूसेवाला का रुझान या उठना बैठना लकी पटियाल गैंग्स के साथ था.

यही वजह है जब विक्की का मोहाली में कत्ल हुआ. फिर उसके कातिल दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पकड़े तो खुलासा हुआ था कि इस हत्याकांड के पीछे सिद्धू मूसेवाला का हाथ है. न्यूज़ 18 इंडिया ने अप्रैल के महीने में ही खुलासा कर दिया था की पंजाब के अकाली नेता विक्की की हत्या के पीछे पंजाबी म्यूजिक इंड्रस्ट्री में वर्चस्व की जंग एक मुख्य वजह है.

हमने लगभग सभी शूटरों की पहचान कर ली: मनासा एसएसपी

मनसा के SSP गौरव तूरा ने बताया AK 47 इस्तेमाल हुआ इससे इंकार नही करते हम. हमने 3 गाड़ियां बरामद कर ली हैं, एक कोरोला, एक बुलेरो और तीसरी आल्टो हमलावरों ने मौका-ए-वारदात से आगे जाकर कोरोला कार छोड़ दी थी और एक राहगीर की आल्टो कार छीनकर भागे थे. हमलावरों ने कोरोला कार से सिद्दू के घर की कई बार रेकी की है, कई सीसीटीवी फुटेज हमें मिले हैं. अभी तक 3 तरह के हथियारों के इस्तेमाल के सबूत मिले हैं. केंद्रीय एजेंसियों का भी सहयोग ले रहे हैं.

अलग-अलग राज्यों की पुलिस से हम सहयोग ले रहे हैं हमले में 6-7 शूटर शामिल हैं. हत्या के पीछे गोल्डी बराड़ और लारेंस का ही हाथ है. इनकी एक हिस्ट्री है, खासतौर से विक्की की हत्या का बदला लेने के लिए सिद्दू की हत्या की गई. अभी तक हमने 3 लोगों को पकड़ा है, 2 को प्रोडक्शन वारंट पर लिया है, जबकि एक को देहरादून से पकड़ा है. सभी लारेंस बिश्नोई के मेम्बर हैं. गोल्डी बरार के ख़िलाफ़ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करवाएंगे. हम जल्दी ही बिश्नोई को अपनी कस्टडी में लेंगे. आगे गैंगवार न हो इस पर नजर बनाये हुए हैं.