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हरियाणा में 3 जून से दौड़ेगी एक और स्पेशल एक्सप्रेस- ट्रेन, यात्रियों को मिलेगी ये सुविधा

रेवाड़ी| कोरोना महामारी की वजह से बंद पड़ी बहुत सी लोकल एवं एक्सप्रेस ट्रेनों को धीरे- धीरे फिर से ट्रैक पर उतारा जा रहा है. इसी कड़ी में यात्री लंबे समय से जींद- रेवाड़ी ट्रेन के फिर से संचालन की मांग कर रहे थे. भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुविधा का ख्याल रखते हुए रेवाड़ी- जींद- रेवाड़ी अनारक्षित स्पेशल एक्सप्रेस- ट्रेन  का संचालन फिर से शुरू कर दिया है.

उत्तर- पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण ने जानकारी देते हुए बताया कि ट्रेन नंबर 04093, रेवाड़ी- जींद अनारक्षित स्पेशल एक्सप्रेस-ट्रेन 3 जून से आगामी आदेशों तक रेवाड़ी से 07:10 बजे रवाना होकर 09:50 बजे जींद पहुंचेगी. रविवार के दिन इस ट्रेन का संचालन नहीं किया जाएगा. उन्होंने बताया कि लंबे समय से यात्री इस रेलवे लाइन पर ट्रेन चलाने की मांग कर रहे थे जो अब पूरी हो गई है.

उन्होंने बताया कि इसी प्रकार गाड़ी संख्या 04094, जीन्द-रेवाड़ी अनारक्षित स्पेशल एक्सप्रेस- ट्रेन 3 जून से आगामी आदेशों तक जींद से 16.30 बजे रवाना होकर 19.20 बजे रेवाड़ी पहुंचेगी. उन्होंने बताया कि यह ट्रेन गोकलगढ़, पाल्हावास, माछरौली, झज्जर, डीघल, अस्थल बोहर, रोहतक, सोमर गोपालपुर, करैंथी, लाखन माजरा, किला जफरगढ, जुलाना, जय जयवन्ती, किनाना व बिशनपुर स्टेशनों पर ठहरती हुई अपने गंतव्य तक पहुंचेगी.

खुशखबरी, पानीपत के आइबी पीजी कालेज में मेगा प्लेसमेंट ड्राइव का आयोजन, जानें कितना मिलेगा पैकेज

पानीपत। पानीपत के आइबी पीजी कालेज में शुक्रवार को मेगा प्लेसमेंट ड्राइव का आयोजन होगा। इसमें पानीपत के अलावा करनाल जिले के 14 कालेजों के बीए पास विद्यार्थी भाग ले सकेंगे। प्लेसमेंट को लेकर 700 से ज्यादा युवा रजिस्ट्रेशन भी करा चुके हैं। 241 पदों को लेकर साक्षात्कार होगा। कंपनी प्रतिमाह 13 हजार से लेकर 3.2 लाख रुपये सालाना का पैकेज देंगी।

ये जानकारी आइबी पीजी कालेज के प्राचार्य डा. अजय गर्ग ने प्रेसवार्ता के दौरान दी। प्राचार्य ने बताया कि किसी भी एडिड कालेज में इतने बड़े स्तर पर ये पहला प्लेसमेंट ड्राइव होने जा रहा है। हमारी कोशिश है कि हर विद्यार्थी पढ़ने लिखने के साथ रोजगार पाकर सफल व जिम्मेदार नागरिक बने। रजिस्ट्रेशन को लेकर लिंक जारी किया गया है।

कालेज प्रबंधक समिति के महासचिव एलएन मिगलानी ने कहा कि इससे पहले भी कालेज में प्लेसमेंट आयोजित किए जा चुके हैं। प्लेसमेंट के दौरान विद्यार्थी हिचक जाते हैं। उक्त दिक्कत को दूर करने के लिए विद्यार्थियों को प्रशिक्षण भी दिलाया जा रहा है। इस मौके पर उप प्राचार्य डा. मधु शर्मा, प्रो. पीके नरूला, डा. अर्पणा गर्ग, डा. अश्वनी गुप्ता भी मौजूद रहे।

कौन कौनसी कंपनी लेंगी भाग

प्राचार्य ने बताया कि मेगा प्लेसमेंट ड्राइव में आधा दर्जन बैंकिंग व फाइनेंस सेक्टर से जुड़ी कंपनी भाग लेंगी। इसमेंइंडसन बैंक में 20, एचडीएफसी म्यूचल फंड में 100, उत्कर्ष स्माल फाइनेंस बैंक 80, उज्जीवन स्माल फाइनेंस बैंक में 5, क्रासएब्स फिटनेस में 6 व अल्फा सिलिकान में 30 पदों को लेकर साक्षात्कार होगा। उन्होंने बताया कि भर्ती बिजनेस डवलपमेंट एक्जीक्यूटिव, क्लाइंट सर्विस सेल्स, ट्रेनर कस्टमर सर्विस आफिसर, ट्रेनर क्रेडिट आफिसर, कस्टमर रिलेसनसिप आफिसर, आफिस एंड सेल्स एक्जीक्यूटिव व यूएस आइटी रिक्रूमेंट के पद पर होगी।

हरियाणा: आधुनिक तरीके से तैयार की धान की नर्सरी, सालाना लाखों रुपए मुनाफा कमा रहा किसान

कुरुक्षेत्र| आधुनिकता के इस युग में परम्परागत खेती किसानों के लिए लगातार घाटे का सौदा साबित हो रही है, जिसके चलते कुछ किसानों ने तो खेती से ही मुंह मोड़ लिया है, लेकिन कुछ किसान ऐसे भी हैं जिन्होंने परम्परागत खेती का मोह त्याग कर आधुनिक खेती में किस्मत आजमाना शुरू कर दिया, जिसके जरिए वो मालामाल हो गए हैं. इनमें एक नाम कुरुक्षेत्र जिले के गांव मथाना के रहने वाले किसान रामप्रकाश का भी है.

किसान रामप्रकाश केडी सिंह के नाम से अपनी सीड कंपनी चलाते हैं. इस कंपनी के जरिए रामप्रकाश गेहूं और धान के बीज खुद तैयार कर किसानों तक सप्लाई करते हैं. उन्होंने बताया कि पिछले 6 साल से आधुनिक तरीके से धान की नर्सरी तैयार कर बीज को तैयार करते हैं. इसके बाद इसे किसानों को बेचा जाता है, जिससे अच्छी- खासी आमदनी हो जाती है.

25 दिन में वैज्ञानिक तरीके से तैयार करते हैं धान की नर्सरी

किसान रामप्रकाश ने बताया कि परम्परागत तरीके से धान की नर्सरी तैयार करने में समय ज्यादा लगता है, जिससे पैदावार पर भी काफी प्रभाव पड़ता है. हम यहां वैज्ञानिक तरीके से धान की नर्सरी तैयार करते हैं जो 25 दिन में बनकर तैयार हो जाती है. लगभग 5 से 10 दिन के अंदर उसको खेत में लगाना होता है. उसके अंतराल में ही हम सारी अपनी धान की नर्सरी किसानों को बेच देते हैं. यहां पीआर धान, बासमती धान और हाइब्रिड की कई किस्में तैयार करके किसानों तक पहुंचाई जाती है.

पहले लैब में जांच

किसान रामप्रकाश ने बताया कि बीज को वैज्ञानिक विधि से तैयार कर लैब में जांच के लिए भेजा जाता हैं और फिर खेत में बुआई की जाती है. खेत में बीज डालने से पहले वैज्ञानिक तरीके से खेत की मिट्टी का ईलाज किया जाता है. इसके साथ बीज का भी उपचार किया जाता है. इस प्रक्रिया के चलते बीज का जमाव अच्छा होता है और कोई भी जड़- गलन की समस्या पैदा नहीं होती और जब खेत में इसकी रोपाई की जाती है तब जल्दी उसका जमाव हो जाता है.

प्रति एकड़ लाखों रुपए आमदनी

किसान रामप्रकाश ने बताया कि वह 5 एकड़ में नर्सरी तैयार करते हैं जिसमें 1 एकड़ में लगभग 2 से ढाई लाख रुपये तक की नर्सरी बिक जाती है. जिसमें शुद्ध मुनाफा लगभग डेढ़ लाख रुपया प्रति एकड़ तक हो जाता है. यह एक से डेढ़ महीने में समाप्त हो जाती है. इसके बाद वह अपने खेत में धान की रोपाई भी करते हैं. उसके पास हरियाणा से लेकर यूपी तक के किसान धान की नर्सरी लेने के लिए आते हैं. उन्होंने कहा कि किसानों को परम्परागत खेती का मोह त्यागना होगा और अपनी आमदनी में इजाफा करने के लिए खेती में नई तकनीक को साथ लेकर चलना होगा.

एक्स्ट्रा लगेज जेब पर भारी: हवाई जहाज की तर्ज पर ट्रेन में भी लगेगा ज्यादा सामान पर भाड़ा, जानें कितने वजन की होगी इजाजत

अगर आप ट्रेन में सफर कर रहे हैं और ज्यादा सामान ले जा रहे हैं, तो अब आपको इसके लिए ज्यादा पैसे चुकाने पड़ सकते हैं। दरअसल, अब रेलवे ज्यादा सामान ले जाने के नियम को सख्ती से लागू करने जा रहा है। इसकी जानकारी रेल मंत्रालय ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करके दी। इसमें लोगों को सफर के दौरान ज्यादा सामान न लेकर चलने की सलाह दी गई है। मंत्रालय ने अपने ट्वीट में कहा, “रेल यात्रा के दौरान अधिक सामान लेकर न जाएं। अगर ऐसा हो तो उसे लगेज वैन में जरूर बुक कराएं। सामान ज्यादा होगा तो यात्रा का मजा आधा हो जाएगा!”

हर कोच के हिसाब से लिमिट तय

भारतीय रेलवे के नियमों के मुताबिक अलग-अलग श्रेणियों में रेल यात्री 40 किलो से लेकर 70 किलो तक का भारी सामान अपने साथ ट्रेन के डिब्बे में रख सकते हैं। इससे अधिक सामान होने पर यात्री को अलग से किराया देना पड़ सकता है। रेलवे ने हर कोच के हिसाब से वजन निर्धारित कर रखा है। यात्री स्लीपर क्लास में 40 किलोग्राम तक वजन अपने साथ ले जा सकते हैं। एसी टू टीयर में 50 किलो तक के वजन का सामान ले जाने की छूट है। जबकि फर्स्ट क्लास एसी में सबसे ज्यादा 70 किलो तक के वजन का सामान यात्री अपने साथ कोच में ले जा सकते हैं। निश्चित सीमा से अधिक वजन होने पर यात्रियों से रेलवे अतिरिक्त शुल्क वसूल सकता है।

लगेगा भारी-भरकम जुर्माना

जानकारी के अनुसार, अगर कोई यात्री ज्यादा सामान के साथ यात्रा करते पाया गया जाता है, तो उसे अलग से बैगेज रेट का छह गुना भुगतान करना होगा। यानी अगर कोई 40 किलो से ज्यादा के वजन का सामान के साथ 500 किमी की यात्रा कर रहा है, तो यात्री केवल 109 रुपये का भुगतान करके इसे लगेज वैन में बुक कर सकता है। वहीं अगर यात्री सफर के बीच में ज्यादा सामान के साथ पकड़ा जाता है, तो उसे 654 रुपये का जुर्माना भरना होगा।

प्रतिबंधित वस्तुएं ले जाने पर कार्रवाई

रेल यात्रा के दौरान प्रतिबंधित वस्तुएं ले जाना अपराध है। यात्री गैस सिलेंडर, किसी तरह का ज्वलनशील केमिकल, पटाखे, तेजाब, बदबूदार वस्तुएं, चमड़ा या गीली खाल, पैकेजों में लाए जाने तेल, ग्रीस, घी, ऐसी वस्तुएं जिनके टूटने या टपकने से वस्तुओं से यात्रियों को क्षति पहुंच सकती है। यात्री फिर भी इन प्रतिबंधित वस्तुओं को लेकर यात्रा करते हैं, तो यात्रियों पर रेलवे एक्ट की धारा 164 के तहत कार्रवाई की जा सकती है।

हरियाणा सरकार का बड़ा आदेश: 15 जून से पहले धान की रोपाई करने वाले किसानों की फसल की जाएगी नष्ट, देना होगा इतना जुर्माना

सोनीपत| भूजल बचाने को लेकर लगातार प्रयासरत हरियाणा सरकार ने अब इस दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है. सरकार और कृषि विभाग ने स्पष्ट किया है कि समय से पहले धान की रोपाई करने वाले किसानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. बता दें कि प्रदेश सरकार ने धान की रोपाई 15 जून से पहले न करने के आदेश जारी किए हैं. कृषि विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि जो किसान आदेशों की पालना नहीं करेगा, उससे प्रति एकड़ 4 हजार रुपए जुर्माना वसूल किया जाएगा.

कृषि विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि ग्राम सचिव, पटवारी और कृषि विभाग की संयुक्त टीम 15 जून से पहले रोपी गई धान की फसल को संबंधित खेत में पहुंच कर नष्ट करेगी और फसल नष्ट करने का खर्चा भी किसान से वसूला जाएगा. नियम बताते हैं कि 15 जून से पहले धान की रोपाई हरियाणा प्रिजर्वेशन ऑफ सब सोयल वाटर एक्ट 2009 की उल्लंघना है. इस मामले में जुर्माना व सजा का भी प्रावधान है. कृषि विभाग का कहना है कि समय से पहले धान की रोपाई करना लोगों को जल संकट के मुहाने पर लाकर खड़ा करना है.

धान का रकबा घटाने के प्रयास

मिली जानकारी अनुसार, सोनीपत जिले में करीब 90 हजार हेक्टेयर भूमि पर धान की रोपाई व बिजाई की जाती है. ऐसे में समय से पहले धान की रोपाई रोकने के लिए कृषि विभाग की टीमें गठित कर दी गई हैं. टीम खंड कृषि अधिकारी व कृषि विभाग के नेतृत्व में खेतों में जाकर निरीक्षण करेगी.

बता दें कि भूजल बचाने के लिए ही सरकार ने हरियाणा राज्य अधोभूमि जल संरक्षण अधिनियम लागू किया था, जिसमें 15 जून से पहले रोपाई पर प्रतिबंध है. प्रदेश सरकार भी लगातार गिरते भूजल स्तर को सुधारने के लिए जिला प्रशासन के साथ मिलकर धान का रकबा घटाने को लेकर प्रयासरत हैं.

दी जाएगी प्रोत्साहन राशि

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, उपनिदेशक, डॉ. अनिल सहरावत ने बताया कि मेरा पानी- मेरी विरासत योजना को इस साल भी लागू किया गया है. धान की खेती छोड़कर फसल विविधीकरण के तहत बाजरा, मक्का, दाल या सब्जी उगाने वाले किसानों को 7000 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. उन्होंने बताया कि सरकार की तरफ से सख्त निर्देश है कि 15 जून से पहले धान की रोपाई नहीं कर सकते. उन्होंने मानवता के नजरिए से भी किसानों से इन आदेशों की पालना करने की अपील की है.

खुशखबरी: HCS परीक्षा की भी मुफ्त तैयारी करवाएगी हरियाणा सरकार

चंडीगढ़| युवाओं का रुझान आजकल प्रशासनिक सेवाओं की तरफ बढ़ रहा है इसी को देखते हुए हरियाणा सरकार  अब हरियाणा सिविल सर्विस की भी तैयारी मुफ्त में करवाएगा. इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग ने मोहाली के शिक्षाविद चेतन शर्मा के चेतन भारत लर्निंग और दिल्ली से उमेश पावा द्वारा संचालित अभयूदय कम्युनिकेशंस प्राइवेट लिमिटेड से समझौता भी किया है.

संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा, इंजीनियरिंग हरियाणा सरकार से संबंधित परीक्षा और बैंकिंग एसएससी परीक्षा की तैयारी के लिए विभाग ने अपनी वेबसाइट पर पाठ्य सामग्री डाल दी है. शिक्षा विभाग में मेधावी नाम से उन छात्रों के लिए पहल की है जो सार्वजनिक सेवा में आगे बढ़ने की इच्छा रखते हैं.

उम्मीदवारों को एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पत्रिकाएं,करंट अफेयर्स एनसीईआरटी की किताबें, और सामान्य ज्ञान सामग्री उपलब्ध करवाई जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा है कि परिवार पहचान पत्र के अंतर्गत जिन परिवारों की सत्यापित आय 1 लाख 80 हज़ार से कम है, उनके बच्चों को शिक्षा मुफ्त में मिलेगी. हाल ही में सरकार द्वारा 5 लाख बच्चों को टेबलेट दिए गए हैं.

अंबाला, रोहतक, झज्जर के बाद अब इस जेल में मिला मोबाइल, एक साल में 7 बंदियों से मिल चुके हैं फोन

पानीपत। हरियाणा की जेलों से आये दिन बंदियों से मोबाइल प्राप्त हो रहे हैं। अंबाला, रोहतक और झज्जर के बाद प्रदेश की सबसे सुरक्षित जेल मानी जाने वाली पानीपत की सिवाह जेल में भी फिर से मोबाइल फोन मिला है। उप जेल अधीक्षक गीता रानी ने पुलिस को शिकायत दी कि सूचना के आधार पर वार्डर सुरजीत ने सुरक्षा वार्ड एक में तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान काले रंग का एक टच स्क्रीन मोबाइल फोन बरामद किया गया। मोबाइल फोन की काल डिटेल निकलवाई जाए। ताकि पता चल सके कि किन-किन बंदियों से फोन से कहां-कहां बात की है। सेक्टर-29 थाना पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।

पानीपत जेल में पहले भी मोबाइल फोन व नशे की खेप मिल चुके हैं। ये हालात तो तब जब जेल प्रशासन दावा कर रहा है कि जेल में परिंदा भी पर नहीं मार सकता है। इसके बावजूद भी जेल में बंदियों के पास मोबाइल फोन पहुंच रहे हैं। बिना किसी की मिलीभगत के मोबाइल फोन जेल में जाना संभव नहीं है। पुलिस को शक है कि इसमें किसी कर्मचारी का हाथ है। कुख्यात अपराधी सिवाह के राकेश उर्फ पंपू व उसके साथियों से मोबाइल फोन बरामद कर चुकी हैं। इसके अलावा सात बंदियों से भी मोबाइल फोन मिल चुके हैं। अक्टूबर 2020 को जेल में ठेके पर लगाए गए सफाईकर्मी दिवाना के दीपक को 10 ग्राम अफीम सहित काबू किया था।

पानीपत की सिवाह स्थित जिला जेल में फिर से मोबाइल फोन मिला है। जबकि इस जेल को देश की सबसे सुरक्षित जेल में शुमार किया जाता है। उप जेल अधीक्षक गीता रानी ने पुलिस को शिकायत दी कि सूचना के आधार पर वार्डर सुरजीत ने सुरक्षा वार्ड एक में तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान काले रंग का एक टच स्क्रीन मोबाइल फोन बरामद किया गया। मोबाइल फोन की काल डिटेल निकलवाई जाए। ताकि पता चल सके कि किन-किन बंदियों से फोन से कहां-कहां बात की है। सेक्टर-29 थाना पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।

पानीपत जेल में पहले भी मोबाइल फोन व नशे की खेप मिल चुके हैं। ये हालात तो तब जब जेल प्रशासन दावा कर रहा है कि जेल में परिंदा भी पर नहीं मार सकता है। इसके बावजूद भी जेल में बंदियों के पास मोबाइल फोन पहुंच रहे हैं। बिना किसी की मिलीभगत के मोबाइल फोन जेल में जाना संभव नहीं है। पुलिस को शक है कि इसमें किसी कर्मचारी का हाथ है। कुख्यात अपराधी सिवाह के राकेश उर्फ पंपू व उसके साथियों से मोबाइल फोन बरामद कर चुकी हैं। इसके अलावा सात बंदियों से भी मोबाइल फोन मिल चुके हैं। अक्टूबर 2020 को जेल में ठेके पर लगाए गए सफाईकर्मी दिवाना के दीपक को 10 ग्राम अफीम सहित काबू किया था।

सेक्टर-29 थाना पुलिस ने जेल में मोबाइल फोन मिलने का तो मामला दर्ज कर लेती है। पुलिस कुख्यात अपराधियों से यह राज नहीं उगलवा पाई है कि किन-किन लोगों से बात की है। कई बदमाश जेल में बैठ कर मोबाइल फोन के जरिये बाहर गुर्गों को संदेश भेजते हैं। गुर्गें आपराधिक वारदात कर देते हैं। ये बदमाश पुलिस के लिए चुनौती बने हुए हैं।

सेक्टर-29 थाना पुलिस ने जेल में मोबाइल फोन मिलने का तो मामला दर्ज कर लेती है। पुलिस कुख्यात अपराधियों से यह राज नहीं उगलवा पाई है कि किन-किन लोगों से बात की है। कई बदमाश जेल में बैठ कर मोबाइल फोन के जरिये बाहर गुर्गों को संदेश भेजते हैं। गुर्गें आपराधिक वारदात कर देते हैं। ये बदमाश पुलिस के लिए चुनौती बने हुए हैं।

जाने ऐसे रीति- रिवाज के बारे में, जहाँ शादी के बाद बेटी की होती है अजीबोगरीब विदाई, सिर पर थूककर ससुराल भेजता है बाप

दुनिया में हर जाति, धर्म के लोग अलग-अलग रिवाज मानते हैं. सिर्फ भारत की ही बात कर लें तो हर एक एरिया में रहने वाले लोगों की अपनी एक अलग परंपरा है. रीति-रिवाज हर एक धर्म और एरिया के हिसाब से बदलता जाता है. आज हम आपको जिस ट्राइब के बारे में बताने जा रहे हैं, वहां बेटी की शादी के बाद बाप को बेहद अजीबोगरीब रिवाज निभाना पड़ता है. इस ट्राइब में भी शादी के बाद बेटियों की विदाई की जाती है. लेकिन ये विदाई आम से बेहद अलग होती है.

हम बात कर रहे हैं केन्या और तंजानिया में रहने वाले मसाई ट्राइब की. ये लोग कई तरह के अजीबोगरीब परंपराओं को मानने के कारण जाने जाते हैं. यहां शादी-ब्याह को काफी महत्व दिया जाता है. हर कपल की शादी में लोग इक्कठा होते हैं और जमकर जश्न मानते हैं. सारे रस्म तो ठीक होते हैं लेकिन बेटी की विदाई सबसे अजीब होती है. जहां अब तक आपने विदाई के दौरान घरवालों को रोकर अपनी बेटी को विदा करते देखा होगा, वहीं इस जनजाति में पिता अपनी बेटी पर थूककर उसे विदा करता है.

सिर पर थूकता है बाप

मसाई जनजाति में शादी के बाद विदाई का भी अपना महत्व है. लेकिन इनकी विदाई नॉर्मल से थोड़ी हटकर होती है. वैसे यो इस जनजाति में शादी ब्याह के दौरान कई तरह के अलग-अलग रीति रिवाज माने जाते हैं लेकिन जब बेटी को विदा करने की बारी आती है, तब जो नजारा देखने को मिलता है, वो आमतौर पर आप नहीं देख सकते. विदाई के दौरान बेटी का बाप घर से लेकर दरवाजे तक अपनी बेटी के सिर पर थूकता रहता है. ये इस जनजाति की शादियों में विदाई के दौरान निभाई जाने वाली खास रस्म है, जिसे हर बाप मानता है.

थूक को मानते हैं आशीर्वाद

भारत में बेटियां शादी के बाद विदा होते हुए अपने रिश्तेदारों, माता-पिता के गले लगती है. उनके पैर चूतिन्है. बदले में पेरेंट्स सिर पर हाथ रख उसे आशीर्वाद देते हैं. लेकिन मसाई जनजाति में विदाई के दौरान सिर पर थूकने को आशीर्वाद माना जाट है. अगर बाप ने सिर पर नहीं थूका, यानी उसने अपनी बेटी को आशीर्वाद नहीं दिया. इस कारण सारे पिता को अपनी बेटियों की विदाई के दौरान सिर पर जरूर से जरूर थूकते हैं ताकि बेटी का नया जीवन खुशियों से भरा रहे.

आम आदमी को झटका ! आसमान पर भाव-किलो की जगह पाव, दोगुने हो गए सब्जियों के दाम, आखिर क्यों बढ़ रही कीमत

नई दिल्‍ली. सब्जियों के दाम पिछले एक साल में जिस तेजी से बढ़े हैं, लोगों की खरीदारी भी उसी रफ्तार से कम हो रही है. महंगी सब्जियों की वजह से लोग कम खरीद कर रहे हैं. सरकारी आंकड़ों पर नजर डालें तो अधिकतर सब्जियों की कीमतें पिछले साल से दोगुनी हो चुकी हैं.

सिर्फ टमाटर की बात करें तो दिल्‍ली में अभी यह 39 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव बिक रहा है, जबकि एक साल पहले इसकी कीमत 15 रुपये थी. राजधानी को छोड़ दें तो अन्‍य शहरों में टमाटर कई गुना महंगा हो चुका है. मुंबई में इसकी कीमत 77 रुपये किलो है, जो पिछले साल 28 रुपये के भाव था. कोलकाता में भी पिछले साल 38 रुपये किलो बिकने वाला टमाटर अब 77 रुपये पहुंच चुका है. रांची में भी इसकी कीमत 50 रुपये किलो है, जो पिछले साल तक 20 रुपये के भाव बिक रहा था.

उत्‍पाद राज्‍यों से सप्‍लाई पर असर

मंडी में ट्रेडर्स से बात करने पर पता चला कि टमाटर की कीमतों में वृद्धि का कारण इसके उत्‍पादक राज्‍यों से अन्‍य जगहों पर सप्‍लाई घटना है. आंध्र प्रदेश और कर्नाटक टमाटर उत्‍पादन के प्रमुख राज्‍य हैं. जहां से इसकी सप्‍लाई पर बाधाएं आ रही हैं. टमाटर ही नहीं अन्‍य सब्जियों के दाम भी बेतहाशा बढ़ रहे हैं.

दिल्‍ली में पिछले साल आलू का भाव 20 रुपये किलो था, जो अब 22 रुपये के भाव बिक रहा है. इसी तरह, मुंबई में पिछले साल तक 21 रुपये किलो बिक रहा आलू अब 27 रुपये में बिक रहा है. कोलकाता में भी पिछले साल के 16 रुपये से बढ़कर आलू 27 रुपये किलो पहुंच गया है. रांची में भी एक साल के भीतर इसकी कीमत 17 रुपये से 20 रुपये प्रति किलो पहुंच गई है.

प्‍याज ने दिखाई नरमी

अक्‍सर उपभोक्‍ताओं के आंसू निकालने वाला प्‍याज इस बार नरमी बरत रहा है. दिल्‍ली में प्‍याज की कीमत पिछले साल के 28 रुपये से गिरकर 24 रुपये पर आ गई है. मुंबई में भी यह 25 रुपये से गिरकर 18 रुपये पर आ गया है, जबकि कोलकाता में 27 रुपये फिसलकर 23 रुपये प्रति किलोग्राम और रांची में 25 रुपये से गिरकर 18 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव प्‍याज बिक रहा है. ये आंकड़े उपभोक्‍ता मंत्रालय की ओर से जारी किए गए हैं.

महंगा तेल है सबसे बड़ी वजह

एमके ग्‍लोबल फाइनेंस सविर्सेज के प्रमुख अर्थशास्‍त्री माध्‍वी अरोड़ा का कहना है कि सब्जियों की कीमतों में उछाल आने का सबसे बड़ा कारण महंगा ईंधन है. डीजल के दाम ज्‍यादा होने की वजह से सब्जियों की ढुलाई पर खासा असर पड़ा है, जिससे इसकी खुदरा कीमतों में उछाल आया. अप्रैल में ऊर्जा क्षेत्र की महंगाई दर 10.80 फीसदी पहुंच गई, जो एक महीने पहले तक 3.5 फीसदी थी. इससे खाद्य वस्‍तुओं की महंगाई दर भी 1.6 फीसदी से छलांग लगाकर 8.4 फीसदी पहुंच गई.