नई दिल्ली. सब्जियों के दाम पिछले एक साल में जिस तेजी से बढ़े हैं, लोगों की खरीदारी भी उसी रफ्तार से कम हो रही है. महंगी सब्जियों की वजह से लोग कम खरीद कर रहे हैं. सरकारी आंकड़ों पर नजर डालें तो अधिकतर सब्जियों की कीमतें पिछले साल से दोगुनी हो चुकी हैं.
सिर्फ टमाटर की बात करें तो दिल्ली में अभी यह 39 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव बिक रहा है, जबकि एक साल पहले इसकी कीमत 15 रुपये थी. राजधानी को छोड़ दें तो अन्य शहरों में टमाटर कई गुना महंगा हो चुका है. मुंबई में इसकी कीमत 77 रुपये किलो है, जो पिछले साल 28 रुपये के भाव था. कोलकाता में भी पिछले साल 38 रुपये किलो बिकने वाला टमाटर अब 77 रुपये पहुंच चुका है. रांची में भी इसकी कीमत 50 रुपये किलो है, जो पिछले साल तक 20 रुपये के भाव बिक रहा था.
उत्पाद राज्यों से सप्लाई पर असर
मंडी में ट्रेडर्स से बात करने पर पता चला कि टमाटर की कीमतों में वृद्धि का कारण इसके उत्पादक राज्यों से अन्य जगहों पर सप्लाई घटना है. आंध्र प्रदेश और कर्नाटक टमाटर उत्पादन के प्रमुख राज्य हैं. जहां से इसकी सप्लाई पर बाधाएं आ रही हैं. टमाटर ही नहीं अन्य सब्जियों के दाम भी बेतहाशा बढ़ रहे हैं.
दिल्ली में पिछले साल आलू का भाव 20 रुपये किलो था, जो अब 22 रुपये के भाव बिक रहा है. इसी तरह, मुंबई में पिछले साल तक 21 रुपये किलो बिक रहा आलू अब 27 रुपये में बिक रहा है. कोलकाता में भी पिछले साल के 16 रुपये से बढ़कर आलू 27 रुपये किलो पहुंच गया है. रांची में भी एक साल के भीतर इसकी कीमत 17 रुपये से 20 रुपये प्रति किलो पहुंच गई है.
प्याज ने दिखाई नरमी
अक्सर उपभोक्ताओं के आंसू निकालने वाला प्याज इस बार नरमी बरत रहा है. दिल्ली में प्याज की कीमत पिछले साल के 28 रुपये से गिरकर 24 रुपये पर आ गई है. मुंबई में भी यह 25 रुपये से गिरकर 18 रुपये पर आ गया है, जबकि कोलकाता में 27 रुपये फिसलकर 23 रुपये प्रति किलोग्राम और रांची में 25 रुपये से गिरकर 18 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव प्याज बिक रहा है. ये आंकड़े उपभोक्ता मंत्रालय की ओर से जारी किए गए हैं.
महंगा तेल है सबसे बड़ी वजह
एमके ग्लोबल फाइनेंस सविर्सेज के प्रमुख अर्थशास्त्री माध्वी अरोड़ा का कहना है कि सब्जियों की कीमतों में उछाल आने का सबसे बड़ा कारण महंगा ईंधन है. डीजल के दाम ज्यादा होने की वजह से सब्जियों की ढुलाई पर खासा असर पड़ा है, जिससे इसकी खुदरा कीमतों में उछाल आया. अप्रैल में ऊर्जा क्षेत्र की महंगाई दर 10.80 फीसदी पहुंच गई, जो एक महीने पहले तक 3.5 फीसदी थी. इससे खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर भी 1.6 फीसदी से छलांग लगाकर 8.4 फीसदी पहुंच गई.