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The New Maruti e Vitara is Launching Soon: The Maruti e Vitara is all set for Launch Get Ready to be Amazed by its Features and Models

The New Maruti e Vitara is Launching Soon

The New Maruti e Vitara is Launching Soon: India First Electric SUV

Maruti Suzuki, a household name in the Indian automotive industry, is set to revolutionize the electric vehicle (EV) landscape with the launch of its first EV, the e Vitara. Unveiled at the Bharat Mobility Global Expo 2025, the e Vitara marks a significant milestone in Maruti’s commitment to sustainable mobility.

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The New Maruti e Vitara is Launching Soon: Design and Exterior Features

The e Vitara draws inspiration from the eVX concept showcased at the 2023 Auto Expo. Its design features LED headlights with three-piece Y-shaped Daytime Running Lights (DRLs), a blacked-out bumper with integrated fog lamps, and silver skid plates, giving it a robust and modern appearance.

The New Maruti e Vitara is Launching Soon: Depending on the variant, the SUV rides on either 18-inch or 19-inch alloy wheels, complemented by body cladding and rear door handles mounted on the C-pillar. At the rear, connected LED taillights, a shark fin antenna, and a roof spoiler enhance its sporty look. ​

Maruti offers the e Vitara with two battery pack options: a 49kWh unit and a 61kWh unit. The 61kWh battery variant boasts an impressive range of up to 500 km on a single charge, addressing range anxiety among potential EV buyers.

The 49kWh battery delivers 142 bhp and 189 Nm of torque, available exclusively in the two-wheel-drive (2WD) variant The 61kWh battery variant produces 172 bhp and 189 Nm of torque in the 2WD model, while the all-wheel-drive (AWD) variant offers 300 Nm of torque, ensuring a dynamic driving experience. ​

The New Maruti e Vitara is Launching Soon: Interior and Comfort Features

Inside, the e Vitara offers a dual-tone interior with squared-off elements on the dashboard and air vents. A standout feature is the dual integrated screens: a 10.1-inch infotainment system and a 10.1-inch digital driver’s display. The infotainment system supports wireless Apple CarPlay and Android Auto, ensuring seamless connectivity.

Additional comfort features include a panoramic sunroof, ventilated front seats, automatic climate control, a wireless charger, and a 360-degree camera. The cabin ambiance is further enhanced by multi-color ambient lighting and an Infinity sound system comprising 10 speakers.

The New Maruti e Vitara is Launching Soon

Safety is paramount in the e Vitara, which comes equipped with Level-2 Advanced Driver Assistance Systems (ADAS) as standard. Additional safety features include seven airbags, front and rear parking sensors, Anti-lock Braking System (ABS) with Electronic Brakeforce Distribution (EBD), electronic stability control, and an electronic parking brake with auto-hold functionality. ​

The New Maruti e Vitara is Launching Soon: Pricing and Availability

Maruti Suzuki has announced that the e Vitara will be available in India starting from the Spring of 2025, with prices expected to range between ₹17 lakh and ₹26 lakh (ex-showroom). The SUV will be sold through Maruti’s premium Nexa dealerships. Upon launch, the e Vitara will compete with models like the Hyundai Creta Electric, Tata Curvv EV, and Mahindra BE 6.

The New Maruti e Vitara is Launching Soon: Maruti Commitment to EV Infrastructure

Recognizing the importance of charging infrastructure in promoting EV adoption, Maruti Suzuki has announced plans to install fast-charging points in India’s top 100 cities. The company is also considering launching a battery rental service to address cost concerns, aiming to make EV ownership more accessible. ​

The New Maruti e Vitara is Launching Soon: Conclusion

The Maruti Suzuki e Vitara is poised to make a significant impact on India’s EV market, offering a blend of style, performance, and advanced features. With its competitive pricing and Maruti’s commitment to enhancing EV infrastructure, the e Vitara is set to drive the future of sustainable mobility in India.

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Study Earthquakes And Become An Expert: भूकंप की पढ़ाई से बनें एक्सपर्ट, लाखों की सैलरी और बंपर कमाई का मौका

Study Earthquakes And Become An Expert

Study Earthquakes And Become An Expert: आपदा प्रबंधन का अध्ययन करना

भूकंप विशेषज्ञ बनने के लिए, आपको भूकंपीय, भूविज्ञान, भूभौतिकी और आपदा प्रबंधन का अध्ययन करना होगा। कई भारतीय संस्थान थीसिस विषयों पर पेश करते हैं! और इसलिए भूकंप प्रबंधन और एंटी -केक डिजाइन के वैज्ञानिक पहलुओं को सूचित करते हैं।

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Study Earthquakes And Become An Expert: कहां-कहां पढ़ाई होती है?

अब सवाल उठता है कि अगर भूकंप मामलों का जानकार बनना है या इसमें करियर बनाना है, तो इसके कोर्सेज कहां कहां कराए जाते हैं?

IIT रुड़की: यहां सिस्मोलॉजी और भूकंप इंजीनियरिंग में मास्टर्स और पीएचडी कोर्स कराए जाते हैं! यहां पर भूकंपरोधी बिल्डिंग डिजाइन पर रिसर्च होती है!


IIT बॉम्बे और IIT खड़गपुर: जियोलॉजी और जियोफिजिक्स में और M.Tech कोर्स कराए जाते हैं!


IIT गांधीनगर: डिजास्टर मैनेजमेंट और सिस्मिक रिस्क पर कोर्स होते हैं!

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc), बैंगलोर: जियोफिजिक्स और सिस्मोलॉजी में और पीएचडी प्रोग्राम होते हैं! यहां भूकंप की भविष्यवाणी और टेक्टोनिक प्लेट्स पर रिसर्च होती है!


नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट: यहां सिस्मोलॉजी में रिसर्च प्रोग्राम चलाए जाते हैं.इसके अलावा यहां पोस्ट-डॉक्टरल और पीएचडी भी होता है!


यह संस्‍थान हिमालय क्षेत्र में भूकंप रिसर्च के लिए मशहूर है! यहां जियोलॉजी और सिस्मोलॉजी में M.Sc और पीएचडी प्रोग्राम होते हैं!


टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR), मुंबई: जियोफिजिक्स और सिस्मिक स्टडीज में रिसर्च होती है!


यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली और जादवपुर यूनिवर्सिटी, कोलकाता: जियोलॉजी और जियोफिजिक्स में होती है! नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (NDMA) से जुड़े कोर्स NDMA के साथ मिलकर कई संस्थान (जैसे IGNOU) डिजास्टर मैनेजमेंट में डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स ऑफर करते हैं, जिसमें भूकंप प्रबंधन शामिल है!

Study Earthquakes And Become An Expert: कैसे एडमिशन होता है?

अंडरग्रेजुएट लेवल पर 12वीं पास (PCM/PCB) के बाद यूनिवर्सिटी एंट्रेंस एग्जाम या मेरिट बेसिस पर एडमिशन होते हैं! कुछ यूनिवर्सिटी जैसे DU अपने एंट्रेंस टेस्ट (DUET) के जरिए एडमिशन लेती हैं! पोस्टग्रेजुएट लेवल में एडमिशन के लिए उम्‍मीदवार के पास
ग्रेजुएशन या की डिग्री होनी चाहिए! आईआईटी संस्‍थानों में एडमिशन स्कोर के आधार पर होता है! इसी तरह में एडमिशन एंट्रेंस टेस्ट या स्कोर के आधार पर होता है! वाडिया इंस्टीट्यूट में लिखित टेस्ट और इंटरव्यू के आधार पर दाखिले होते है!

पीएचडी और रिसर्च: M.Sc/M.Tech के बाद UGC-NET, CSIR-NET, या संस्थान के टेस्ट और इंटरव्यू के आधार पर एडमिशन मिलता है!

डिजास्टर मैनेजमेंट कोर्स: IGNOU जैसे संस्थानों में डिप्लोमा के लिए 12वीं पास और सर्टिफिकेट कोर्स के लिए ग्रेजुएशन आवश्‍यक होता है! ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और मेरिट बेसिस पर एडमिशन दिए जाते हैं!

Study Earthquakes And Become An Expert: कितनी होगी सैलरी ?

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भूकंप संबंधी कोर्सेज के बाद अलग अलग जगहों पर नौकरी के मौके मिलते हैं जिसमें सैलरी आपके कोर्स (M.Sc, M.Tech, PhD), अनुभव, और सेक्टर (सरकारी/प्राइवेट) पर निर्भर करती है! एंट्री लेवल पर 0-3 साल के अनुभव वाले उम्‍मीदवारों को सरकारी सेक्‍टर में सिस्मोलॉजिस्ट/जियोलॉजिस्ट के तौर पर वेतन 40,000-60,000 रुपये/महीना तक मिलती है वहीं प्राइवेट सेक्‍टर में इसी पद के लिए कंस्ट्रक्शन कंपनियों में 30,000-50,000 रुपये/महीने का वेतनमान मिलता है! एनजीओ में डिजास्टर मैनेजमेंट एक्सपर्ट के तौर पर 25,000-40,000 रुपये/महीना की सैलरी मिलती है!

Study Earthquakes And Become An Expert: मिड लेवल पर सैलरी

मिड-लेवल यानि 3-7 साल अनुभव वाले उम्‍मीदवारों को सिस्मोलॉजिस्ट के तौर पर 60,000-1,00,000 रुपये/महीना, L&T, टाटा प्रोजेक्ट्स जैसी कंपनियों में भूकंप इंजीनियर की सैलरी 50,000-80,000 रुपये/महीना तक होती है वहीं टेक कंपनियों में डेटा एनालिस्‍ट को 60,000-1,20,000 रुपये/महीने की सैलरी मिलती है!

Study Earthquakes And Become An Expert: अनुभवी उम्‍मीदवारों की सैलरी

7+ साल अनुभव वाले को सीनियर लेवल का एम्‍पलाई माना जाता है सिस्मोलॉजिस्ट/प्रोफेसर के पदों पर 1,00,000-2,00,000 रुपये/महीने तक की सैलरी मिलती है प्राइवेट सेक्टर में
स्ट्रक्चरल इंजीनियर को 1,20,000-2,50,000 रुपये/महीना की सैलरी मिलती है! इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन में डिजास्टर मैनेजमेंट कंसल्टेंट के पद पर 1,50,000-3,00,000 रुपये/महीने की सैलरी मिलती है!

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यह भी पढ़े: Plenty Of Job Opportunities In The Indian Navy: भारतीय नौसेना में धमाकेदार मौका, 10वीं-12वीं पास के लिए शानदार जॉब और बेहतरीन सैलरी

Plenty Of Job Opportunities In The Indian Navy: भारतीय नौसेना में धमाकेदार मौका, 10वीं-12वीं पास के लिए शानदार जॉब और बेहतरीन सैलरी

Plenty Of Job Opportunities In The Indian Navy

Plenty Of Job Opportunities In The Indian Navy: युवाओं के लिए सुनहरा मौका

भारतीय नौसेना में नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं के लिए सुनहरा मौका है। इसके लिए, मिल्टी फ्लीट ने एगमीटर सेलर एंट्री एसएसआर और मिस्टर के पदों के लिए सेट को निर्धारित किया और आप उन सभी उम्मीदवारों के लिए आवेदन कर सकते हैं जो कोई भी उम्मीदवार 10वीं, 12वीं पास हैं joinindiannavy.gov.in की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर नौसेना के बेड़े में प्रवेश करना चाहते हैं। इन जमाओं के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया आज के दिन में शुरू हो गई है।

इस वेबसाइट पर जाने के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करे: joinindiannavy.gov.in

Plenty Of Job Opportunities In The Indian Navy: 10 अप्रैल या उससे पहले करे अप्लाई

जो लोग सैन्य बेड़े में प्रवेश करने की योजना बनाते हैं, वे 10 अप्रैल, 2025 तक या उससे पहले अप्लाई कर सकते हैं। इस सेट के परिणामस्वरूप कई योगदान बहाली किए जाते हैं।उम्मीदवार जो भी भारतीय नौसेना में शामिल होने की सोच रहे हैं, तो सबसे पहले नीचे दिए गए बातों को गौर से पढ़ें

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भारतीय समुद्री में उपयोग के लिए आयु -संबंधित प्रतिबंध
न्यूनतम आयु के उपयोग के लिए: 17.5 वर्ष
आवेदन करने की अधिकतम आयु: 23 वर्ष
आयु सीमा में भारतीय नौसेना के नियमों के अनुसार छूट दी जा सकती है!

Plenty Of Job Opportunities In The Indian Navy: भारतीय नौसेना अग्निवीर में नौकरी पाने की योग्यता

Plenty Of Job Opportunities In The Indian Navy

अग्निवीर एसएसआर: उम्मीदवारों को किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से मैथ्स, फिजिक्स के साथ केमेस्ट्री, बायोलॉजी या कंप्यूटर साइंस में से किसी एक विषय के साथ कक्षा 12वीं पास होना चाहिए.
अग्निवीर एमआर: उम्मीदवार जो कोई भी इन पदों के लिए आवेदन कर रहे हैं, उनको किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से कक्षा 10वीं पास होना चाहि

Plenty Of Job Opportunities In The Indian Navy: आवेदन करने का शुल्क

सामान्य, ईडब्ल्यूएस, ओबीसी उम्मीदवारों के लिए आवेदन शुल्क: 550 रुपये
एससी, एसटी उम्मीदवारों के लिए आवेदन शुल्क: 550 रुपये
आवेदन शुल्क का भुगतान डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिंग, यूपीआई या अन्य डिजिटल भुगतान मोड के माध्यम से किया जा सकता है!

Plenty Of Job Opportunities In The Indian Navy: चयन प्रक्रिया

शॉर्टलिस्टिंग
लिखित परीक्षा
फिजिकल टेस्ट
डॉक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन
मेडिकल टेस्ट

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Jobs After Passing Board Matriculation

Jobs After Passing Board Matriculation: 10 निदेशक मंडल का परिणाम

10 निदेशक मंडल का परिणाम आता है। कई मामलों में, जो युवा प्रवेश परीक्षा में हैं, वे अच्छे काम की तलाश कर रहे हैं। यदि आप दसवीं परीक्षा पूरी करने के बाद बिहार में काम करना चाहते हैं, तो आपके पास ग्यारहवें और बारहवें भाग में एक कार्य विकल्प है। हम बिहार सरकार की वेबसाइट bihar.gov.in और रोजगार पोर्टल की स्थापना के बारे में जानकारी की जांच करना जारी रखेंगे। बिहार में, हाल ही में बिहार में 15,000 नौकरियों के साथ भर्तियों की घोषणाएं जारी की गईं। इसका उपयोग पास 10 में किया जा सकता है। आइए आपको बताते हैं! कि अगर आप बिहार बोर्ड मैट्रिक की परीक्षा पास कर जाते हैं तो क्‍या क्‍या कर सकते हैं?

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Jobs After Passing Board Matriculation: सरकारी कार्य

रेलवे 10वीं के बाद , आप रेलवे रिक्रूटमेंट कमेटी (आरआरबी) से पॉइंटमैन, ट्रैकमैन, हेल्पर्स और बहुत कुछ के रूप में ग्रुप -डी पदों की खोज के लिए आवेदन कर सकते हैं।
पुलिस: बिहार पुलिस के पास गार्ड को काम पर रखने के लिए 10 खनन योग्यताएं हैं।
डाक विभाग: पोस्ट ऑफिस में मल्टी-टास्किंग स्टाफ (MTS) या पोस्टमैन जैसे पदों के लिए 10वीं पास उम्‍मीदवार आवेदन कर सकते हैं।
SSC: चयन आयोग (SSC) पास कर्मचारी मल्टी-टास्किंग स्टाफ (MTS) परीक्षा में शामिल हो सकते हैं!

10वीं के बाद ITI से इलेक्ट्रीशियन, फिटर, वेल्डर, मैकेनिक का कोर्स करके सरकारी या प्राइवेट सेक्‍टर में नौकरी पा सकते है। बिहार में औद्योगिक क्षेत्रों में, प्रशिक्षित कर्मियों की मांग है।

Jobs After Passing Board Matriculation: एक आम सैनिक के लिए आवेदन

Jobs After Passing Board Matriculation

भारतीय सेना 10वीं पास में एक उम्मीदवार के उम्मीदवार भारतीय सेना में एक आम सैनिक (जीडी) के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए, कर्मचारी समय -समय पर बार -बार सेट करते हैं।

BSF/CRPF: क्रेडिट टेस्ट पास करने वाले उम्मीदवार BSF CRPF में कांस्टेल पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं।
कृषि के लिए सहायक: आप बिहार में कृषि विभाग में सहायक या क्षेत्र कार्यकर्ता की स्थिति के लिए आवेदन कर सकते हैं।

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यह भी पढ़े: राहुल कुमार कम्बोज जिनेवा (स्विट्ज़रलैंड) में संयुक्त राष्ट्र में मानवाधिकारों पर भाषण देने वाले हरियाणा के पहले भारतीय के रूप में सम्मानित

Rahul Kumar Kamboj honored in Geneva: राहुल कुमार कम्बोज जिनेवा (स्विट्ज़रलैंड) में संयुक्त राष्ट्र में मानवाधिकारों पर भाषण देने वाले हरियाणा के पहले भारतीय के रूप में सम्मानित

Rahul Kumar Kamboj honored in Geneva: हिंदी संस्करण

जिनेवा, 25 मार्च 2025 – भारत और हरियाणा राज्य के लिए गर्व के इस ऐतिहासिक क्षण में, राहुल कुमार कम्बोज, जो जर्मनी में एक प्रमुख राजनीतिज्ञ और फ्रैंकफर्ट सिटी पार्लियामेंट के सदस्य हैं, को जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 58वें सत्र में एक विशिष्ट पैनलिस्ट के रूप में सम्मानित किया गया। हरियाणा के पहले भारतीय के रूप में संयुक्त राष्ट्र में इस महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दे पर बोलना एक ऐतिहासिक उपलब्धि थी।

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इस कार्यक्रम का विषय था “मध्य पूर्व और एशिया में कमजोर व्यक्तियों के अधिकार – इंडो-मेडिटेरेनियन राजनीतिक परिवर्तन”, जिसमें यूरोप के प्रतिष्ठित नेता शामिल हुए, जैसे कि सीनेटर मार्को ड्रोएस्तो (इटली), माननीय नाइक ग्रुपियोनी (इटली), एरिक सेल्ले (नॉर्वे) और प्रो. फाबियो सेस्टेली (इटली)। राहुल कुमार ने इन प्रमुख हस्तियों के साथ मंच साझा किया और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए वैश्विक सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया।

Rahul Kumar Kamboj honored in Geneva: अंतरराष्ट्रीय सहयोग

Rahul Kumar Kamboj honored in Geneva

अपने संबोधन में, राहुल कुमार ने अंतरराष्ट्रीय सहयोग के महत्व को उजागर किया, जो कमजोर समुदायों को प्रभावित करने वाली मानवाधिकार चुनौतियों को हल करने में सहायक हो सकता है। उनकी भाषण ने दर्शकों पर गहरा प्रभाव डाला, क्योंकि उन्होंने भारत और जर्मनी दोनों के दृष्टिकोणों को सामने रखा, समावेशी नीतियों, सामाजिक न्याय और हाशिए पर मौजूद समूहों के लिए मजबूत सुरक्षा तंत्र की वकालत की।

आज इस वैश्विक मंच पर हरियाणा से एक भारतीय और जर्मनी में एक राजनीतिज्ञ के रूप में खड़े होना मेरे लिए एक बड़ा सम्मान है, कुमार ने कहा। मानवाधिकारों की कोई सीमा नहीं होती, और यह हमारी सामूहिक ज़िम्दारी है कि हम सभी को न्याय और गरिमा सुनिश्चित करें, चाहे वे किसी भी राष्ट्र या पृष्ठभूमि से हों।”

कुमार की संयुक्त राष्ट्र में भागीदारी को व्यापक रूप से सराहा गया, जो अंतरराष्ट्रीय मंच पर सामाजिक न्याय और मानवाधिकारों पर उनकी बढ़ती प्रभावशीलता को दर्शाता है। उनकी मान्यता भारत-जर्मनी संबंधों को मजबूत करने के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर भारतीय नेताओं के बढ़ते प्रभाव को भी उजागर करती है।

Rahul Kumar Kamboj honored in Geneva: मानवाधिकारों की वकालत

यह आयोजन UNITED VILLAGES, CAP Liberté de Conscience, और Italia Che Cambia APS द्वारा संगठित किया गया था, जिसमें मानवाधिकारों की वकालत करने वाले विशेषज्ञों और नीति-निर्माताओं का योगदान रहा। इस चर्चा का संचालन ग्लोकल सिटीज के अध्यक्ष वास शेनॉय ने किया, जिन्होंने कुमार की अंतर्दृष्टि और वैश्विक मानवीय प्रयासों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की सराहना की।

राहुल कुमार की इस उच्च-स्तरीय पैनल में भागीदारी उनके सार्वजनिक सेवा और मानवाधिकार वकालत के प्रति समर्पण का प्रमाण है। एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर छाप छोड़ने वाले भारतीय नेता के रूप में, जिनेवा में उनकी उपस्थिति ने यह सिद्ध किया कि विविध आवाज़ें एक अधिक न्यायसंगत और समान दुनिया के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

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Types of Ration Cards: Why is a Ration Card Important सही जानकारी से आप उठा सकते हैं सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ

Types of Ration Cards: अगर आपके पास राशन कार्ड है, तो जान लें कि उसका कौन-सा रंग है और आपको कौन-कौन से फायदे मिल सकते हैं! सही जानकारी से आप सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ उठा सकते हैं!

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राशन कार्ड सिर्फ सरकार द्वारा सस्ते दामों पर राशन प्राप्त करने के लिए ही नहीं, बल्कि कई अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए भी आवश्यक होता है। यह एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जो आपकी आर्थिक स्थिति के आधार पर सरकारी सहायता प्राप्त करने में मदद करता है। सरकार लोगों की आर्थिक स्थिति के अनुसार अलग-अलग रंगों के राशन कार्ड जारी करती है, जिनसे यह तय होता है कि कौन-सा परिवार किस सरकारी योजना का लाभ ले सकता है। आइए जानते हैं कि राशन कार्ड कितने प्रकार के होते हैं, उनका क्या महत्व है और उनके जरिए कौन-कौन से लाभ मिलते हैं।

Types of Ration Cards: कितने प्रकार के होते हैं राशन कार्ड

भारत में राशन कार्ड मुख्य रूप से चार रंगों में आते हैं, जिनका उद्देश्य विभिन्न आर्थिक वर्गों को उनकी जरूरत के अनुसार सहायता प्रदान करना है। प्रत्येक रंग के राशन कार्ड की अपनी एक विशेष पहचान और फायदे होते हैं। अगर आपके पास राशन कार्ड है, तो यह जानना जरूरी है कि उसका कौन-सा रंग है और उससे आपको क्या-क्या सुविधाएं मिल सकती हैं। सही जानकारी के माध्यम से आप सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ उठा सकते हैं।

Types of Ration Cards

Types of Ration Cards: पीला राशन कार्ड

यह राशन कार्ड गरीबी रेखा से नीचे (BPL) जीवनयापन करने वाले परिवारों को दिया जाता है। इस कार्डधारक को सबसे अधिक सुविधाएं मिलती हैं। इसके तहत सरकार कम कीमत पर आवश्यक वस्तुएं जैसे कि गेहूं, चावल, दाल, चीनी और मिट्टी का तेल उपलब्ध कराती है।

मुख्य लाभ

  • अत्यधिक रियायती दरों पर खाद्य सामग्री
  • उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त गैस कनेक्शन
  • प्रधानमंत्री आवास योजना और अन्य सरकारी योजनाओं में प्राथमिकता
  • बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य योजनाओं में सहायता

Types of Ration Cards: गुलाबी/लाल राशन कार्ड

यह कार्ड उन परिवारों को दिया जाता है, जो गरीबी रेखा से थोड़े ऊपर आते हैं, लेकिन सरकारी सहायता की आवश्यकता होती है।

मुख्य लाभ

  • उचित मूल्य की दुकानों से सामान्य दरों पर अनाज
  • उज्ज्वला योजना में गैस कनेक्शन
  • प्रधानमंत्री आवास योजना में छूट
  • कुछ योजनाओं में विशेष सब्सिडी

Types of Ration Cards: नीला/नारंगी राशन कार्ड

Types of Ration Cards

यह कार्ड उन परिवारों को दिया जाता है, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं लेकिन BPL सूची में शामिल नहीं हैं।

मुख्य लाभ

  • सस्ते दरों पर खाद्य सामग्री और मिट्टी का तेल
  • कुछ राज्यों में बिजली और पानी के बिल में छूट
  • सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं में प्राथमिकता

Types of Ration Cards: सफेद राशन कार्ड

यह राशन कार्ड आर्थिक रूप से सक्षम परिवारों को दिया जाता है, जिन्हें सरकारी राशन की आवश्यकता नहीं होती। यह मुख्य रूप से पहचान पत्र और निवास प्रमाण के रूप में उपयोग किया जाता है।

मुख्य लाभ

  • पहचान पत्र और एड्रेस प्रूफ के रूप में मान्यता
  • कुछ सरकारी योजनाओं में पात्रता

Types of Ration Cards: राशन कार्ड क्यों जरूरी है

राशन कार्ड सिर्फ सस्ता राशन प्राप्त करने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह कई सरकारी सेवाओं और योजनाओं में आपकी पात्रता को प्रमाणित करता है। यह एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जिससे आप विभिन्न प्रकार की सरकारी सहायता प्राप्त कर सकते हैं।

प्रमुख लाभ

  • सस्ता खाद्यान्न प्राप्त करना
  • सरकारी योजनाओं में प्राथमिकता
  • पहचान पत्र और निवास प्रमाण के रूप में उपयोग
  • सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ

Types of Ration Cards: राशन कार्ड कैसे बनवाएं

Types of Ration Cards

यदि आपके पास राशन कार्ड नहीं है, तो आप अपने राज्य की खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन प्रक्रिया सरल है और जरूरी दस्तावेजों के साथ आवेदन करने पर आपका राशन कार्ड आसानी से बन जाता है।

निष्कर्ष

राशन कार्ड न केवल सरकारी राशन प्राप्त करने के लिए आवश्यक है, बल्कि यह कई सरकारी योजनाओं में प्राथमिकता और लाभ प्राप्त करने का माध्यम भी है। यह एक बहुउद्देशीय दस्तावेज है, जो आपकी आर्थिक स्थिति के अनुसार विभिन्न प्रकार की सहायता प्रदान करता है। सही जानकारी और समय पर आवेदन करने से आप सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ उठा सकते हैं।

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Gold Price Hits 90K Mark: गोल्ड के भाव रिकॉर्ड स्तरों पर पहुंचने के बाद कुछ निवेशकों के मन में सवाल है कि क्या अब सोने में मुनाफावसूली करनी चाहिए? इस पर एक्सपर्ट्स की अलग-अलग राय है!

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Gold Price Hits 90K Mark: गोल्ड के भाव रिकॉर्ड स्तरों पर

हाल ही में सोने की कीमतों में लगातार उछाल देखा गया है, जिससे यह कीमती धातु रिकॉर्ड स्तरों पर पहुंच गई है। गोल्ड का भाव 90,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के करीब कारोबार कर रहा है। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के अनुसार, 17 मार्च 2025 को 999 शुद्धता वाला सोना लगभग 88,100 रुपये प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड कर रहा था। इस अभूतपूर्व वृद्धि के चलते निवेशकों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या अब मुनाफावसूली का सही समय आ गया है? इस विषय पर बाजार विशेषज्ञों की राय बंटी हुई है।

Gold Price Hits 90K Mark

Gold Price Hits 90K Mark: मुनाफा वसूली करनी चाहिए

कई विशेषज्ञों का मानना है कि सोने की कीमतों में आई हालिया तेजी जल्द ही थम सकती है। ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, क्वांटम एएमसी के मुख्य निवेश अधिकारी (CIO) चिराग मेहता का कहना है कि वर्तमान में जारी कई डिप्लोमेटिक संवादों के कारण वैश्विक माहौल अधिक स्थिर हो सकता है। इसके अतिरिक्त, महंगाई भी नियंत्रित होती दिख रही है, जिससे सोने की कीमतों पर दबाव आ सकता है।

वेंचुरा सिक्योरिटीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि मजबूत डॉलर और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की कम संभावना भी सोने की कीमतों में तेजी को सीमित कर सकती है।

Gold Price Hits 90K Mark: क्या सोने में निवेश जोखिम भरा

विशेषज्ञों के अनुसार, वर्तमान स्थिति में सोने का निकट-अवधि रिस्क-रिवॉर्ड अनुपात निवेशकों के लिए बहुत अनुकूल नहीं है। अतीत के प्राइस पैटर्न पर नजर डालें, तो सोना इस समय ओवरबॉट (Overbought) स्थिति में है। 1970 के दशक से अब तक के सोने के मूल्य व्यवहार के विश्लेषण से पता चलता है कि जब भी सोने की कीमतें अपने 200-दिन की मूविंग एवरेज से अधिक अंतर दर्शाती हैं, तब कीमतों में दीर्घकालिक कमजोरी देखी गई है।

फंड्सइंडिया के आंकड़ों के मुताबिक, 1980 के बाद से तीन बार ऐसा हुआ है जब सोने की कीमतों में 30% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है। इतिहास बताता है कि जब भी सोने की कीमतें तेज़ी से बढ़ती हैं, तो उसके बाद लंबे समय तक सुस्ती या गिरावट का दौर भी आता है।

Gold Price Hits 90K Mark

Gold Price Hits 90K Mark: क्या करें निवेशक

  1. मौजूदा परिस्थितियों का आकलन करें: यदि आपने पहले ही कम कीमत पर निवेश किया है, तो आंशिक मुनाफावसूली एक समझदारी भरा कदम हो सकता है।
  2. लंबी अवधि के नजरिए से सोचें: यदि आप सोने को दीर्घकालिक निवेश के रूप में देख रहे हैं, तो बाजार में उतार-चढ़ाव की उम्मीद के साथ बने रहना फायदेमंद हो सकता है।
  3. विविधता बनाए रखें: अपने निवेश पोर्टफोलियो में विविधता लाएं और केवल सोने पर निर्भर न रहें।
  4. विशेषज्ञों की सलाह लें: निवेश से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श अवश्य करें।

Gold Price Hits 90K Mark: निष्कर्ष

सोने की मौजूदा कीमतें रिकॉर्ड स्तरों पर हैं, लेकिन बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि निकट भविष्य में इसकी चमक फीकी पड़ सकती है। मजबूत डॉलर, ब्याज दरों में कटौती की कम संभावना और वैश्विक स्थिरता के कारण सोने की कीमतों में ठहराव आ सकता है। निवेशकों को सतर्क रहकर निर्णय लेने की आवश्यकता है और निवेश से पहले विशेषज्ञ की राय लेना जरूरी है।

(डिस्क्लेमर: यह जानकारी बाजार विशेषज्ञों की राय पर आधारित है। सोने में निवेश जोखिम के अधीन है, इसलिए किसी भी निर्णय से पहले योग्य निवेश सलाहकार से परामर्श करें।)

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Haryana Naib Budget 2025: भारत-विकसित हरियाणा

विकसित भारत-विकसित हरियाणा बनाने की दिशा में अग्रसर करने वाला बजट करनाल, 17 मार्च। करनाल के विधायक जगमोहन आनंद ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सोमवार को बतौर वित्त मंत्री हरियाणा विधानसभा में पहला बजट प्रस्तुत किया। विधायक जगमोहन आनंद ने प्रदेश के बजट का स्वागत किया और भूरी-भूरी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह बजट जनता के हित में लाभकारी और हर वर्ग के लिए हितैषी साबित होगा। इतना ही नहीं यह एक लोक कल्याणकारी और विकसित भारत-विकसित हरियाणा बनाने की दिशा में अग्रसर करने वाला बजट है।

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Haryana Naib Budget 2025

Haryana Naib Budget 2025: विधायक जगमोहन आनंद

विधायक जगमोहन आनंद ने कहा कि प्रदेश के विकास और तरक्की के लिए प्रस्तुत किए गए बजट में करनाल जिला को भी बहुत सौगात मिली है। इनमें करनाल में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत बस अड्डा बनाया जाएगा, जिससे यात्रियों को और सुविधा मिलेगी तथा परिवहन व यातायात और सुलभ होगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं का भी बजट में पूरा ध्यान रखा है ताकि गरीब व्यक्ति को बेहतरीन तरीके से सरकारी अस्पतालों में इलाज की सुविधाएं मिल सकें। इतना ही नहीं, दुर्घटनाओं के दौरान तथा ट्रॉमा में होने वाले इलाज की सुविधाओं में बढ़ोतरी के लिए जिला अस्पतालों में एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस एवं अन्य संरचनात्मक सुधारों के लिए भारत सरकार ने वर्ष 2025-26 में 201.59 करोड़ रुपये के निवेश को स्वीकृति दी है। अस्पताल एवं डिस्पेंसरी  बनाने के लिए एचएसआईआईडीसी द्वारा करनाल में ईएसआईसी नई दिल्ली को रियायती दरों पर भूमि दी जाएगी। हर जिला अस्पताल व हर सरकारी मेडिकल कॉलेज में 50 बैड का एक क्रिटिकल केयर ब्लॉक बनाया जाएगा और ब्लड बैंक की सुविधा का आधुनिकीकरण भी किया जाएगा।

Haryana Naib Budget 2025: डिपार्टमेंट ऑफ फ्यूचर

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करनाल के विधायक जगमोहन आनंद ने कहा कि हरियाणा के भविष्य को सक्षम बनाने के लिए डिपार्टमेंट ऑफ फ्यूचर नाम से नया विभाग बनाया जाएगा तथा डंकी रूट की समस्या के निवारण के लिए इसी सत्र में एक बिल लाया जाएगा। हरियाणा प्रदेश में पिछले 10 सालों में प्रदेश सरकार ने ई-गवर्नेंस पर काफी बल दिया है जिसके तहत ई-गवर्नेंस के तहत जनता की सुविधा के लिए कई विभागीय पोर्टल लाभकारी सिद्ध हो रहे हैं। उन्होंने हरियाणा ओवरसीज एम्प्लॉयमेंट सेल और हरियाणा कौशल एवं रोजगार निगम के माध्यम से युवाओं को अंतर्राष्ट्रीय रोजगार दिलाने के लिए प्रयास करने की घोषणा का भी स्वागत किया है और कहा कि युवाओं के लिए यह प्रयास सौगात लेकर आएंगे। स्टार्टअप में निवेश को बढ़ाने के लिए सरकार निजी निवेशकों को 2000 करोड़ रुपये का एक फंड ऑफ फंड्स बनाने के लिए प्रोत्साहित  करेगी तथा युवा पीढ़ी को नशे से बचाने के लिए संकल्प प्राधिकरण का गठन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जीएसडीपी को एक ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के स्तर तक पहुंचाने और हरियाणा में 50 लाख नए रोजगार पैदा करने के लिए मिशन हरियाणा 2047 की शुरूआत की जाएगी।

Haryana Naib Budget 2025: मेक इन इंडिया नीति

Haryana Naib Budget 2025

उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार भारत सरकार की मेक इन इंडिया नीति की तर्ज पर मेक इन हरियाणा कार्यक्रम का प्रारूप बनाएगी। इसके तहत राज्य को निर्माण, डिजाइन और नवाचार का वैश्विक केंद्र बनाने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं लागू की जाएंगीं। अखाड़ों को बेहतर बनाने, प्रतिस्पर्धा बढ़ाने और उच्च गुणवत्ता बनाए रखने के लिए राज्य स्तर पर प्रतिवर्ष तीन सर्वश्रेष्ठ अखाड़ों को 50 लाख, 30 लाख और 20 लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त जिला स्तर पर तीन सर्वश्रेष्ठ अखाड़ों को 15 लाख, 10 लाख व 5 लाख का इनाम दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के एक जिला एक उत्पाद कार्यक्रम के अनुरूप राज्य सरकार की पदमा नीति के तहत एक ब्लॉक एक उत्पाद कार्यक्रम लागू कर रही है। स्थानीय संसाधनों एवं मौजूदा सूक्ष्म उद्यम पारिस्थितिकी तंत्रों को ध्यान में रखते हुए करनाल में नए औद्योगिक क्लस्टर को स्वीकृति दी जा चुकी है। यह क्लस्टर करनाल के अलावा और जिलों में भी खोले जाएंगे।

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ये भी पढ़ेंTemple blast in Amritsar today: पंजाब पर मंडरा रहा कोई बड़ा खतरा

Temple blast in Amritsar today: पंजाब पर मंडरा रहा कोई बड़ा खतरा

Temple blast in Amritsar today: पंजाब के अमृतसर जिले में शनिवार देर रात एक सनसनीखेज घटना सामने आई, जब ठाकुरद्वारा मंदिर पर बाइक सवार दो लोगों ने ग्रेनेड से हमला किया। इस हमले के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल बन गया। यह घटना खंडवाला इलाके में स्थित ठाकुरद्वारा मंदिर की है। दोनों हमलावर मोटरसाइकिल पर आए और मंदिर के पास पहुंचकर ग्रेनेड फेंककर फरार हो गए। यह पूरी घटना मंदिर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है।

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  • अमृतसर मंदिर पर ग्रेनेड हमला, सीसीटीवी में कैद
  • हमले के तार पाकिस्तान से जुड़े, आईएसआई का हाथ
  • पंजाब में 5 महीने में 13 धमाके, बड़ा खतरा मंडरा रहा
Temple blast in Amritsar today

Temple blast in Amritsar today: कहीं RDX तो कहीं ग्रेनेड

पंजाब पुलिस ने इस हमले के बाद जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में इस हमले के तार पाकिस्तान से जुड़े होने की आशंका जताई जा रही है। पंजाब के मुख्यमंत्री ने भी इस हमले के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ होने की बात कही है। पंजाब में बीते पांच महीनों में इस तरह के कई हमले हो चुके हैं। कहीं पुलिस चौकियों पर ग्रेनेड विस्फोट हुए हैं, तो कहीं धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया गया है। यह स्थिति दर्शाती है कि पंजाब पर कोई बड़ा खतरा मंडरा रहा है।

Temple blast in Amritsar today: पिछले पांच महीनों में पंजाब में हुए प्रमुख हमले

24 नवंबर 2024: अजनाला थाने के बाहर आरडीएक्स लगाया गया था, लेकिन यह फटा नहीं। इस घटना की जिम्मेदारी हैप्पी पासियां ने ली थी। पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था और उनसे हैंड ग्रेनेड भी बरामद किए गए थे।

27 नवंबर 2024: गुरबख्श नगर की बंद पुलिस चौकी में ग्रेनेड विस्फोट हुआ।

2 दिसंबर 2024: एसबीएस नगर के काठगढ़ थाने में ग्रेनेड विस्फोट हुआ। इस मामले में तीन आतंकियों को गिरफ्तार किया गया और उनके पास से हथियार बरामद हुए।

Temple blast in Amritsar today

4 दिसंबर 2024: मजीठा थाने में ग्रेनेड विस्फोट हुआ, लेकिन पुलिस ने इसे महज एक दुर्घटना बताया।

13 दिसंबर 2024: अलीवाल बटाला थाने में ग्रेनेड विस्फोट हुआ। इसकी जिम्मेदारी हैप्पी पासियां और उसके साथी ने ली थी।

17 दिसंबर 2024: इस्लामाबाद थाने में ग्रेनेड विस्फोट हुआ। पहले लोकल पुलिस ने इसे मामूली घटना बताया, लेकिन बाद में पंजाब के डीजीपी ने इसे आतंकी हमला करार दिया।

19 दिसंबर 2024: गुरदासपुर जिले की बंद पड़ी पुलिस चौकी बख्शीवाला पर आतंकियों ने ग्रेनेड फेंका।

21 दिसंबर 2024: गुरदासपुर के कलानौर क्षेत्र की पुलिस चौकी में रात में धमाका हुआ। इस हमले की जिम्मेदारी बब्बर खालसा इंटरनेशनल ने ली।

16 जनवरी 2025: अमृतसर जिले के जैंतीपुर गांव में शराब कारोबारी अमनदीप जैंतीपुरिया के घर पर ग्रेनेड हमला हुआ।

19 जनवरी 2025: अमृतसर की गुमटाला चौकी पर धमाका हुआ, जिसकी जिम्मेदारी बब्बर खालसा इंटरनेशनल ने ली।

3 फरवरी 2025: फतेहगढ़ चूडियां रोड स्थित बंद पड़ी पुलिस चौकी को आतंकियों ने निशाना बनाया।

14 फरवरी 2025: गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक में एक पुलिसकर्मी के घर के बाहर धमाका हुआ।

Temple blast in Amritsar today: अमृतसर मंदिर हमला

Temple blast in Amritsar today

शनिवार रात करीब 12:35 बजे ठाकुरद्वारा मंदिर के बाहर सीसीटीवी में कैद हुई तस्वीरों के अनुसार, एक मोटरसाइकिल पर सवार दो युवक मंदिर के बाहर पहुंचे। उनके हाथ में एक झंडा भी नजर आ रहा था। कुछ सेकंड वहां रुकने के बाद उन्होंने अचानक मंदिर की ओर ग्रेनेड फेंका और तेजी से फरार हो गए।

धमाका इतना जोरदार था कि मंदिर को नुकसान पहुंचा, हालांकि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ। घटना के समय मंदिर में पुजारी सो रहे थे, जिनकी जान बाल-बाल बच गई। इस हमले के बाद इलाके में दहशत का माहौल है और पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। इन घटनाओं की बढ़ती संख्या के कारण पंजाब पर मंडरा रहे आतंकवादी खतरे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां इस मामले में हर एंगल से जांच कर रही हैं और संभावित आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर रही हैं।

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ये भी पढ़ेंArmy division after independence: भारत को मिले कितने सैनिक कितने गए पाकिस्तान

Army division after independence: भारत को मिले कितने सैनिक कितने गए पाकिस्तान

Army division after independence: भारत की स्वतंत्रता का संघर्ष 1857 की क्रांति से शुरू हुआ और द्वितीय विश्व युद्ध (1939-1945) के बाद इसमें तेजी आ गई। भारतीयों ने युद्ध में सहयोग के बदले स्वशासन की उम्मीद बढ़ा दी थी। 1945 में बनी नई ब्रिटिश सरकार भारत को आजादी देने के लिए प्रतिबद्ध थी। ब्रिटेन चाहता था कि वह एक एकीकृत भारत छोड़कर जाए, लेकिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और मुस्लिम लीग बार-बार की बातचीत के बावजूद नए राष्ट्र की संरचना पर सहमति नहीं बना सके।

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Army division after independence: स्वतंत्रता और विभाजन 1947

Army division after independence

1946 में एक और असफल सम्मेलन के बाद, मुस्लिम लीग के नेता मुहम्मद अली जिन्ना ने मुस्लिम राज्य की मांग को लेकर सीधा आंदोलन छेड़ दिया। अंततः ब्रिटिश सरकार इस नतीजे पर पहुंची कि विभाजन ही एकमात्र समाधान है। भारत के अंतिम वायसराय एडमिरल लॉर्ड लुईस माउंटबेटन ने 2 जून 1947 को घोषणा की कि भारत को हिंदू बहुल भारत और मुस्लिम बहुल पाकिस्तान में विभाजित किया जाएगा। इसमें पश्चिमी पाकिस्तान (अब पाकिस्तान) और पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) शामिल होंगे।

देश के विभाजन के साथ ही भारतीय सेना का भी बंटवारा हुआ। हालांकि, वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन सेना को बांटने के खिलाफ थे। उन्होंने जिन्ना को प्रस्ताव दिया कि भारतीय सेना को एक अंग्रेज कमांडर के अधीन रखा जाए, जो भारत और पाकिस्तान दोनों के प्रति उत्तरदायी होगा और सुरक्षा का जिम्मा संभालेगा। लेकिन जिन्ना ने इस प्रस्ताव को तुरंत खारिज कर दिया और सेना के विभाजन पर जोर दिया।

Army division after independence: ब्रिटिश सैनिकों को बुला लिया गया

माउंटबेटन ने स्वतंत्रता की तारीख 15 अगस्त 1947 तय की. जैसे ही इसकी घोषणा हुई, ब्रिटिश सैनिकों को उनके बैरकों में वापस बुला लिया गया. अंग्रेजों का जाना और भारत-पाकिस्तान का विभाजन होना तय हो गया था. तब ब्रिटिश वकील सर सिरिल रैडक्लिफ को बॉर्डर बनाने का काम दिया गया, जिसके उस पार का हिस्सा पाकिस्तान और इस पार भारत बना. इसी के साथ भौगोलिक विभाजन पूरा हो गया। अब सवाल यह उठा कि फौज का बंटवारा कैसे किया जाए. 14 अगस्त 1947 को पुरानी भारतीय सेना को खत्म करने का आदेश आ गया. ऑर्डर पर फील्ड मार्शल सर क्लाउड औचिनलेक और मेजर जनरल रेजिनाल्ड सेवरी के हस्ताक्षर थे. ब्रिटिश भारतीय सेना का यह आखिरी आदेश था.

Army division after independence: भारतीय सेना का हुआ बंटवारा

Army division after independence

भारत में ब्रिटिश शासन के अंत के साथ ही मौजूदा भारतीय सेना और उसके प्रशासन का भी अंत हो गया. सैनिकों से कहा गया कि वह अपनी मर्जी से भारत या नए बने राष्ट्र पाकिस्तान को चुन सकते हैं. लेकिन उनके सामने एक शर्त रखी गई थी. एचएम पटेल की किताब ‘राइट्स ऑफ पैसेज’ के मुताबिक, शर्त यह थी कि पाकिस्तान का कोई भी मुस्लिम भारतीय राज्य में और भारत का कोई गैर-मुस्लिम पाकिस्तान के सशस्त्र बलों में शामिल नहीं हो सकता. ब्रिटेन के नेशनल आर्मी म्यूजियम की रिपोर्ट के मुताबिक, विभाजन के बाद दो तिहाई जवान भारत को मिले और एक तिहाई पाकिस्तान चले गए. इस तरह 260,000 जवानों ने भारतीय सेना और 131,000 ने पाकिस्तान को चुना. पाकिस्तान को चुनने वालों में ज्यादातर मुस्लिम थे. नेपाल में भर्ती की गई गोरखा ब्रिगेड को भारत और ब्रिटेन के बीच विभाजित कर दिया गया. सेना का विभाजन फील्ड मार्शल औचिनलेक की देखरेख में हुआ.

Army division after independence: वायुसेना और नौसेना को भी बांटा गया

ब्रिटिश भारतीय सेना के तहत वायु सेना की क्षमता 13,000 थी. इसमें 10,000 वायु सैनिक भारत को और पाकिस्तान को 3000 सैनिक मिले. नौ सेना में 8700 सैनिक थे. इसमें बंटवारे के बाद भारत को 5700 सौनिक मिले और 3000 सैनिक पाकिस्तान के हिस्से में गए. कई ब्रिटिश अधिकारी इस परिवर्तन में सहायता के लिए भारत में रुक गए थे. जिनमें भारत के प्रथम सेनाध्यक्ष जनरल सर रॉबर्ट लॉकहार्ट और पाकिस्तान के प्रथम सेनाध्यक्ष जनरल सर फ्रैंक मेसेर्वी शामिल भी थे. अलग-अलग टुकड़ियां विभाजित कर दी गईं.

Army division after independence: फीसदी मुस्लिम सैनिकों ने चुना भारत

रिपोर्ट के मुताबिक, 98 फीसदी मुस्लिम सैनिकों ने पाकिस्तान को चुना, जबकि केवल 554 मुस्लिम अधिकारियों ने भारत में रहने का फैसला किया। विभाजन से पहले भारतीय सेना में लगभग 36 फीसदी मुस्लिम थे, लेकिन विभाजन के बाद यह संख्या घटकर 2 फीसदी रह गई।

भारत को चुनने वाले प्रमुख मुस्लिम अधिकारियों में ब्रिगेडियर मुहम्मद उस्मान, ब्रिगेडियर मुहम्मद अनीस अहमद खान और लेफ्टिनेंट कर्नल इनायत हबीबुल्लाह शामिल थे, जिन्होंने विभाजन के बावजूद भारत को अपना वतन माना।

Army division after independence

Army division after independence: ब्रिटिश रेजीमेंटों की विदाई

स्वतंत्रता के बाद ब्रिटिश सेना की रेजीमेंटों को धीरे-धीरे भारतीय उपमहाद्वीप से वापस बुला लिया गया। इसमें वजीरिस्तान और उत्तर-पश्चिमी सीमांत के अन्य आदिवासी क्षेत्रों से एक सुनियोजित और व्यवस्थित वापसी शामिल थी।

भारत छोड़ने वाली अंतिम ब्रिटिश इकाई प्रथम बटालियन, समरसेट लाइट इन्फैंट्री (प्रिंस अल्बर्ट) थी, जो 28 फरवरी 1948 को बंबई (अब मुंबई) पहुंची।

हालांकि ये यूनिटें ब्रिटेन में अन्य कामों के लिए उपलब्ध हो गई थीं, लेकिन भारतीय सेना की विदाई से ब्रिटेन की वैश्विक सैन्य क्षमता काफी कमजोर हो गई थी।

कई ब्रिटिश अधिकारी अपने भारतीय सैनिकों को छोड़कर जाने से भावुक और दुखी थे, क्योंकि उन्होंने यहां वर्षों तक सेवा की थी।

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