सोनीपत| भूजल बचाने को लेकर लगातार प्रयासरत हरियाणा सरकार ने अब इस दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है. सरकार और कृषि विभाग ने स्पष्ट किया है कि समय से पहले धान की रोपाई करने वाले किसानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. बता दें कि प्रदेश सरकार ने धान की रोपाई 15 जून से पहले न करने के आदेश जारी किए हैं. कृषि विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि जो किसान आदेशों की पालना नहीं करेगा, उससे प्रति एकड़ 4 हजार रुपए जुर्माना वसूल किया जाएगा.
कृषि विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि ग्राम सचिव, पटवारी और कृषि विभाग की संयुक्त टीम 15 जून से पहले रोपी गई धान की फसल को संबंधित खेत में पहुंच कर नष्ट करेगी और फसल नष्ट करने का खर्चा भी किसान से वसूला जाएगा. नियम बताते हैं कि 15 जून से पहले धान की रोपाई हरियाणा प्रिजर्वेशन ऑफ सब सोयल वाटर एक्ट 2009 की उल्लंघना है. इस मामले में जुर्माना व सजा का भी प्रावधान है. कृषि विभाग का कहना है कि समय से पहले धान की रोपाई करना लोगों को जल संकट के मुहाने पर लाकर खड़ा करना है.
धान का रकबा घटाने के प्रयास
मिली जानकारी अनुसार, सोनीपत जिले में करीब 90 हजार हेक्टेयर भूमि पर धान की रोपाई व बिजाई की जाती है. ऐसे में समय से पहले धान की रोपाई रोकने के लिए कृषि विभाग की टीमें गठित कर दी गई हैं. टीम खंड कृषि अधिकारी व कृषि विभाग के नेतृत्व में खेतों में जाकर निरीक्षण करेगी.
बता दें कि भूजल बचाने के लिए ही सरकार ने हरियाणा राज्य अधोभूमि जल संरक्षण अधिनियम लागू किया था, जिसमें 15 जून से पहले रोपाई पर प्रतिबंध है. प्रदेश सरकार भी लगातार गिरते भूजल स्तर को सुधारने के लिए जिला प्रशासन के साथ मिलकर धान का रकबा घटाने को लेकर प्रयासरत हैं.
दी जाएगी प्रोत्साहन राशि
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, उपनिदेशक, डॉ. अनिल सहरावत ने बताया कि मेरा पानी- मेरी विरासत योजना को इस साल भी लागू किया गया है. धान की खेती छोड़कर फसल विविधीकरण के तहत बाजरा, मक्का, दाल या सब्जी उगाने वाले किसानों को 7000 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. उन्होंने बताया कि सरकार की तरफ से सख्त निर्देश है कि 15 जून से पहले धान की रोपाई नहीं कर सकते. उन्होंने मानवता के नजरिए से भी किसानों से इन आदेशों की पालना करने की अपील की है.