करनाल। हरियाणा स्टेट विजिलेंस की टीम ने बिजली निगम के एसडीओ, जेई और एक निजी ड्राइवर को निसिंग कार्यालय में एक लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है। कार्रवाई के बाद बिजली निगम के दफ्तर में हड़कंप मच गया। कई कर्मचारी मौके से इधर-उधर खिसक गए। विजिलेंस की टीम इन तीनों आरोपियों को शुक्रवार को कोर्ट में पेश कर रिमांड के लिए अर्जी देगी।
हरियाणा स्टेट विजिलेंस के निरीक्षक सचिन ने बताया कि शिकायतकर्ता ने निसिंग में जमीन खरीदी थी। उसकी जमीन से बिजली की लाइन गुजर रही थी। शिकायतकर्ता उस लाइन को वहां से उखाड़कर दूसरी जगह नई लाइन बिछवाना चाहता था। आरोप है कि इसके लिए उसने एसडीओ मनीष लांबा, जेई पवन कुमार से बात की तो उन्होंने रिश्वत के साढ़े चार लाख रुपये मांगे। शिकायतकर्ता ने अपना काम कराने के लिए इन्हें साढ़े तीन लाख रुपये दे दिए, लेकिन इन्होंने उसका कार्य नहीं किया और एक लाख रुपये और मांगने लगे। आरोप है कि 50 हजार रुपये एसडीओ मनीष लांबा और 50 हजार रुपये जेई पवन मांग रहे थे।
इसके साथ ही एसडीओ के ड्राइवर वेद, जो प्राइवेट व्यक्ति है, उसे एसडीओ की ओर से 10 प्रतिशत हिस्सा देना था। शिकायतकर्ता द्वारा विजिलेंस थाने में शिकायत देने के बाद टीम का गठन किया गया। इसके बाद सुनियोजित तरीके से बृहस्पतिवार को आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई और निसिंग बिजली निगम के दफ्तर में ही तीनों को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। विजिलेंस की टीम शुक्रवार को पकड़े गए तीनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड पर लेगी। इन आरोपियों से विजिलेंस को साढ़े तीन लाख रुपये बरामद करने हैं, जो इन आरोपियों ने शिकायतकर्ता से पहले ही ले लिए थे।
लाइनमैन का भी नाम आया सामने
रिश्वत कांड मामले में एक लाइनमैन का भी नाम सामने आया है। विजिलेंस का कहना है कि अभी वह गिरफ्तार नहीं हुआ है। उसे भी विजिलेंस की टीम जल्द ही गिरफ्तार कर सकती है।
निसिंग बिजली निगम के एसडीओ, जेई के खिलाफ रिश्वत मांगने की शिकायत मिली थी, जिसमें निसिंग बिजली निगम के एसडीओ, जेई और एसडीओ के निजी चालक को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया है। तीनों आरोपियों को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।