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DTH की नहीं पड़ेगी जरूरत, 5जी से मोबाइल में सिम लगाकर देख सकेंगे सारे चैनल, जानें कब से शुरू होगी सेवा

नई दिल्ली। आगामी अगस्त-सितंबर में भारत में 5जी सेवा की शुरुआत होने जा रही है। इसके बाद ब्राडकास्टिंग की पूरी दुनिया बदल सकती है। देश के टेक्नोक्रैट्स ने डायरेक्ट-टू-मोबाइल (डीटूएम) ब्राडकास्टिंग सर्विस का सफल परीक्षण कर लिया है। डीटूएम के लांच होने के बाद देश का हर व्यक्ति टेलीविजन पर प्रसारित होने वाले सारे कार्यक्रम अपने मोबाइल पर देख सकेगा। डीटूएम के लांच होने के बाद उपभोक्ता के पास टेलीविजन देखने के दो विकल्प होंगे। इसमें ब्राडबैंड नेटवर्क और ब्राडकास्ट नेटवर्क शामिल होंगे। डीटूएम ब्राडकास्ट नेटवर्क है।

देश में 75 करोड़ से ज्यादा लोगों के पास स्मार्टफोन

अभी देश के 21 करोड़ घरों में टेलीविजन है और इनमें से 11 करोड़ घरों में केबल कनेक्शन हैं। इसके विपरित देश में 1.2 अरब लोगों के पास मोबाइल फोन है और इनमें से 75 करोड़ से अधिक लोगों के पास स्मार्टफोन है। डीटूएम शुरू होने के बाद स्मार्टफोन रखने वाला हर व्यक्ति केबल टीवी पर प्रसारित होने वाले सारे कार्यक्रम अच्छी गुणवत्ता के साथ देख सकेगा।

डीटीएच और केबल आपरेटर्स की जरूरत नहीं

गांवों के बच्चे टीवी पर चलने वाले शैक्षणिक कार्यक्रम देख सकेंगे। आपात स्थिति में उन्हें जागरूक किया जा सकेगा। 5जी डीटूएम शुरू होने के बाद टेलीविजन पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों को देखना सस्ता हो जाएगा क्योंकि इसके लिए किसी डीटीएच (डायरेक्ट टू होम) सेवा या केबल आपरेटर्स की जरूरत नहीं पड़ेगी। एक निर्धारित रकम चुकानी होगी।

ट्राई जल्द ड्राफ्ट पेपर जारी करेगा

सबसे से बात यह होगी कि मोबाइल में चलने वाले टीवी कार्यक्रम को घर के टीवी पर भी देखा जा सकेगा। इससे स्पेक्ट्रम की भी बचत होगी। जल्द ही भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) डीटूएम ब्राडकास्टिंग सेवा लागू करने के लिए ड्राफ्ट पेपर जारी कर सकता है क्योंकि इस सेवा के लागू होने से सैकड़ों केबल आपरेटर्स, डीटीएच सेवा से जुड़ी कंपनियों का कारोबार प्रभावित हो सकता है।

पूरी तरह से देश में विकसित की गई है यह टेक्नोलाजी

यह टेक्नोलाजी पूरी तरह से देश में विकसित की गई है और टीवी कार्यक्रम को चलाने के लिए अलग से चिप लगाने वाले मोबाइल का भी प्रोटोटाइप का निर्माण किया जा चुका है। हाल ही में इस टेक्नोलॉजी को विकसित करने के कार्यक्रम से जुड़े आईआईटी कानपुर के निदेशक अभय करनदीकर ने ट्राई चेयरमैन पी.डी. बघेला और सूचना प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्रा की मौजूदगी में सीमित लोगों के सामने डेमो दिया था।

वीडियो की गुणवत्ता काफी अच्छी होगी

करनदीकर ने कहा कि 2027 तक देश की आबादी 140 अरब की होगी और 35 लाख घरों के लोगों को रोजाना पांच एमबीपीएस डाटा देने पर भी रोजाना 57 हेक्साबाइट डाटा की जरूरत होगी। ऐसे में अच्छी गुणवत्ता वाली वीडियो नहीं मिल सकती है। लेकिन ब्राडकास्ट नेटवर्क के इस्तेमाल से मोबाइल पर चलने वाले वीडियो की गुणवत्ता काफी अच्छी होगी और देश का हर व्यक्ति कम खर्च कर टेलीविजन देख सकेगा।

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