Subhash Chandra Bose Jayanti 2024
Subhash Chandra Bose Jayanti 2024 : नेताजी सुभाष चंद्र बोस भारत के एक महान क्रांतिकारी थे। उन्होंने कई भारतीय स्वतंत्रता आंदोलनों में भाग लिया और आजाद हिंद फौज की स्थापना भी की। देश की आजादी में नेताजी के अद्वितीय योगदान को याद करने और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए हर साल 23 जनवरी को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाता है।
शिक्षा ब्यूरो, नई दिल्ली। महान भारतीय क्रांतिकारी और विभिन्न आंदोलनों के नेता सुभाष चंद्र बोस, जिन्हें नेताजी का उपनाम दिया गया था, उनकी बहादुरी का सम्मान और सराहना करने के लिए हर साल 23 जनवरी को मनाया जाता है। नेताजी का जन्म 23 जनवरी, 1897 को उड़ीसा के कटक में एक बंगाली परिवार में हुआ था।
Subhash Chandra Bose Jayanti 2024 :नेताजी ने भारत की आजादी में अहम भूमिका निभाई और युवाओं में स्वतंत्रता संग्राम के प्रति जुनून पैदा किया। नेताजी ने “जय हिंद, तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा”, “चलो दिल्ली” जैसे आजादी के नारे दिए, जिसने युवाओं को आजादी के लिए प्रेरित किया। स्वतंत्रता के लिए उनके संघर्ष के सम्मान में हर साल उनका जन्मदिन मनाया जाता है।
2021 से पराक्रम दिवस के रूप में हुई शुरुआत
Subhash Chandra Bose Jayanti 2024 :पहले इस दिन को सुभाष चंद्र जयंती के रूप में मनाया जाता था, लेकिन 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि नेताजी के योगदान को देखते हुए इस दिन को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाएगा। तब से हर साल नेताजी का जन्मदिन साहस दिवस के रूप में मनाया जाता है।
नेताजी सुभाषचंद्र बोस से जुड़े रोचक तथ्य
- नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी, 1897 को कटक, ओडिशा में हुआ था।
- इस वर्ष नेताजी की की 127वीं जयंती सेलिब्रेट की जा रही है।
- नेता जी के पिता का नाम जानकीनाथ बोस और माता का नाम प्रभावती देवी था।
- नेताजी ने आजाद हिन्द फौज की स्थापना की थी।
- ऐसा माना जाता है कि नेताजी की मृत्यु 18 अगस्त, 1945 को एक विमान दुर्घटना के कारण हुई थी, लेकिन इसके समर्थन में कोई ठोस सबूत नहीं है।
- नेताजी ने 1920 में इंग्लैंड में चौथी रैंक हासिल करते हुए अपनी सिविल सेवा पूरी की।
- उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया और देश के स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गये।
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