Terrifying Mid-Air Ordeal for IndiGo: पाकिस्तान ने नहीं दी हवाई क्षेत्र की इजाजत
दिल्ली से श्रीनगर जा रही इंडिगो की फ्लाइट 6E-2142, जिसमें 220 से अधिक यात्री सवार थे (इनमें तृणमूल कांग्रेस के सांसद भी शामिल थे), 21 मई को हवा में आए एक भीषण ओलावृष्टि तूफान में फंस गई। यह फ्लाइट बाल-बाल किसी बड़े हादसे से बची।
नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) की रिपोर्ट के अनुसार, खतरनाक मौसम से बचने के लिए पायलट ने पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति मांगी थी, लेकिन वहां की एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) ने इसे खारिज कर दिया।
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हवा में कैसे पैदा हुआ संकट?
फ्लाइट उस समय पंजाब के पठानकोट के पास लगभग 36,000 फीट की ऊंचाई पर थी जब यह तूफान में फंस गई। विमान को ओलों और भयंकर टर्बुलेंस का सामना करना पड़ा, जिससे ऑटो-पायलट सिस्टम बंद हो गया और पायलट को मैनुअल मोड में विमान उड़ाना पड़ा।
ओलों की मार इतनी तीव्र थी कि विमान के आगे का हिस्सा (नोज़ कोन) बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। तस्वीरों में विमान की बाहरी बॉडी पर स्पष्ट डेंट्स देखे जा सकते हैं।
तूफान से बचने की कोशिश

पायलट ने पहले भारतीय वायुसेना (IAF) द्वारा संचालित उत्तरी एयर ट्रैफिक कंट्रोल से संपर्क किया और अंतरराष्ट्रीय सीमा की ओर मुड़ने की अनुमति मांगी ताकि तूफान से बचा जा सके। लेकिन हाल ही में ऑपरेशन ‘सिंदूर’ (7 से 10 मई) और सुरक्षा कारणों की वजह से यह अनुरोध अस्वीकार कर दिया गया।
इसके बाद, पायलट ने लाहौर ATC (पाकिस्तान) से आपात स्थिति में हवाई क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति मांगी, लेकिन वहां से भी इनकार कर दिया गया। DGCA की रिपोर्ट के अनुसार, इससे पायलट के पास आगे बढ़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा।
घातक टर्बुलेंस और खतरनाक उतार
सुरक्षित मार्ग न मिलने की स्थिति में, पायलट ने श्रीनगर की ओर सबसे छोटा रास्ता अपनाने का फैसला किया, जिससे विमान को सीधे तूफान के बीच से गुजरना पड़ा। इस दौरान विमान को ‘अपड्राफ्ट’ और ‘डाउनड्राफ्ट’ – यानी ऊपर और नीचे की ओर जोरदार हवा के दबाव – का सामना करना पड़ा, जिससे विमान की ऊंचाई तेजी से घटने लगी।
एक समय तो विमान का अवतरण दर 8,500 फीट प्रति मिनट तक पहुँच गया, जो विमानन क्षेत्र में बेहद खतरनाक माना जाता है। साथ ही, विमान को बार-बार ‘स्टॉल वार्निंग’ और अधिकतम ऑपरेटिंग स्पीड से अधिक की चेतावनियाँ मिलने लगीं।
सोशल मीडिया पर यात्रियों की दहशत
फ्लाइट में हुई इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर यात्रियों द्वारा रिकॉर्ड किए गए कई वीडियो वायरल हुए हैं। इनमें यात्री चीखते-चिल्लाते, रोते और प्रार्थना करते दिखाई दे रहे हैं।
पायलट ने कैसे कराई सुरक्षित लैंडिंग?
इस कठिन परिस्थिति में पायलट और क्रू ने सभी आपातकालीन नियमों और ECAM (इलेक्ट्रॉनिक सेंट्रलाइज्ड एयरक्राफ्ट मॉनिटरिंग) चेकलिस्ट को फॉलो किया। उन्होंने ‘PAN PAN’ अलर्ट घोषित किया – जो ‘Mayday’ से थोड़ा कम गंभीर लेकिन महत्वपूर्ण स्थिति को दर्शाता है – और श्रीनगर ATC से RADAR गाइडेंस मांगा।
एयर ट्रैफिक कंट्रोल के निर्देश पर विमान को रनवे से जोड़ने में मदद मिली और आखिरकार विमान ऑटो थ्रस्ट मोड के सामान्य संचालन के साथ श्रीनगर एयरपोर्ट पर सुरक्षित लैंड हुआ।
सुरक्षा और राजनीतिक परिप्रेक्ष्य
यह घटना उस समय सामने आई है जब भारत और पाकिस्तान के बीच हवाई संपर्क सीमित हैं। अप्रैल में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया था, जिसके जवाब में पाकिस्तान ने भी भारतीय विमानों के लिए अपनी एयरस्पेस बंद कर दी।
क्या जरूरी है अंतरराष्ट्रीय नियमों की समीक्षा?

इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय विमानन नियमों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि आपात स्थितियों में राजनीतिक तनाव के बावजूद मानवीय सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। DGCA इस घटना के बाद अपनी नीति की समीक्षा कर सकता है और भविष्य में ऐसी परिस्थितियों के लिए पाकिस्तान और अन्य देशों के साथ कूटनीतिक संवाद की संभावना भी जताई जा रही है।
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