Mauni Amavasya 2024 : इस शुभ योग में होगा मौनी अमावस्या का स्नान, यहां जानें स्नान का शुभ समय.

Mauni Amavasya 2024
Mauni Amavasya 2024

Mauni Amavasya 2024

Mauni Amavasya 2024 : प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की 15वीं तिथि को अमावस्या कहा जाता है। सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का बहुत महत्व है। इस विशेष दिन पर इनमें से कई कर्तव्य प्रस्तावित हैं जब आप न केवल अपने पूर्वजों के आशीर्वाद से बल्कि http://Mauni Amavasya 2024 : इस शुभ योग में होगा मौनी अमावस्या का स्नान, यहां जानें स्नान का शुभ समय. भगवान के आशीर्वाद से भी लाभ उठा सकते हैं। ऐसे में ज्योतिषाचार्य आचार्य देवेन्द्र प्रसाद त्रिपाठी आपको इसकी जानकारी देंगे।

Mauni Amavasya 2024

Mauni Amavasya 2024 : माघ माह के सबसे महत्वपूर्ण स्नान पर्व मौनी अमावस्या को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह और श्रद्धा है। नौ फरवरी को पुण्य बेला के अवसर पर संगम के पवित्र जल में स्नान करने के लिए बुधवार को श्रद्धालुओं का रेला प्रयागराज पहुंचने लगा। श्रद्धालु बच्चे, युवा और बुजुर्ग संगम क्षेत्र में पहुंचकर संतों के शिविरों में शरण ले रहे हैं। कल्पवासी. मौनी अमावस्या पर ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति से चतुर्ग्रही योग का अद्भुत संयोग बनता है, जिससे स्नान पर्व का महत्व बढ़ गया है।

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मौनी अमावस्या शुभ मुहूर्त

ज्योतिर्विद आचार्य देवेन्द्र प्रसाद त्रिपाठी के अनुसार, अमावस्या तिथि 9 फरवरी को सुबह 7:15 बजे शुरू होगी और 10 फरवरी को सुबह 5:10 बजे तक रहेगी। इस दौरान श्रवण नक्षत्र मनाया जाता है। चतुर्ग्रहीय योग चंद्रमा, सूर्य, मंगल और बुध के मकर राशि में गोचर से उत्पन्न होता है। इससे संगम के पवित्र जल में स्नान करने वाले व्यक्ति के धन और समृद्धि में वृद्धि होती है।

ऐसे विचार अपने दिमाग में न लाएं

Mauni Amavasya 2024 : पाराशर ज्योतिष संस्थान के निदेशक आचार्य विद्याकांत पांडेय के अनुसार पद्म पुराण में माघ मास की अमावस्या तिथि श्रेष्ठको बताया गया है। ऐसे में मौन व्रत और पवित्र जलधारा में स्नान करने से मनोवांछित फल प्राप्त होता है। स्नान करते समय भगवान का स्मरण करना चाहिए। इस दिन आपको अपने मन में धोखाधड़ी या धोखाधड़ी जैसे अनैतिक विचार नहीं लाना चाहिए, भले ही आप गलत हों।

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करें ये काम

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गाय, कुत्ते और कौए को पितरों का रिश्तेदार माना जाता है। ऐसे में अमावस्या के दिन अपमान से बचना चाहिए और इन तीनों के लिए भोजन बनाना चाहिए। मांस, शराब, लहसुन और प्याज खाने से भी बचें। सुबह स्नान के बाद पीपल के पेड़ की परिक्रमा करना, उसकी पूजा करना और शाम को दीपदान करना शुभ माना जाता है।

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