
इस बार पड़ेगी बर्फीली ठंडी — ला नीना ने दी दस्तक, जानें इस सर्दी में भारत में मौसम का हाल क्या होगा? इस साल भारत में सर्दियों की ठिठुरन-जड़ी दस्तक कुछ पहले-से महसूस की जा सकती है। खासकर जब मौसम वैज्ञानिकों और एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि La Niña परिस्थिति फिर सक्रिय हो सकती है और इसके चलते पूरे देश में—विशेषकर उत्तरी मैदानों में—सामान्य से ठंडी और लंबी सर्दी देखने को मिल सकती है।

La Niña क्या है?
La Niña उस प्राकृतिक जलवायु चक्र का हिस्सा है जिसे El Niño–Southern Oscillation (ENSO) कहते हैं। आम तौर पर जब प्रशांत महासागर के मध्य-पूर्वी हिस्से में समुद्र-तल का तापमान सामान्य से नीचे चला जाता है, तो La Niña उत्पन्न होती है।
इस बार पड़ेगी बर्फीली ठंडी — ला नीना ने दी दस्तक, जानें इस सर्दी में भारत में मौसम का हाल क्या होगा? भारत में इसके प्रभाव अच्छे-खासे होते रहे हैं:
- यह आमतौर पर मानसून को बेहतर बनाती है।
- लेकिन शीतकाल में उत्तरी भारत में भारी ठंडी, अधिक हिमपात और ठंडे हवाओं के अवसर बढ़ सकते हैं।
इस सर्दी में भारत-वर्ष की क्या तस्वीर बन रही है?
हालिया मौसम-अनुमानों तथा विशेषज्ञों की राय से कुछ प्रमुख बिंदु सामने आए हैं:
- भारत में La Niña के सक्रिय होने की संभावना काफी बढ़ चुकी है। उदाहरण के लिए, अमेरिका के मौसम पूर्वानुमान केंद्र ने कहा है कि अक्टूबर-दिसंबर 2025 के दौरान La Niña बनने की संभावना लगभग 71 % है।
- उत्तरी भारत- विशेष रूप से Delhi, गुड़गाँव, नोएडा, फरीदाबाद, गाज़ियाबाद जैसे क्षेत्र- इसके प्रभाव में आ सकते हैं। वहाँ इस सर्दी में अब तक की तुलना में काफी नीचे तापमान, अधिक कोल्ड वेव्स तथा हिमपात की संभावना जताई जा रही है।
- La Niña के दौरान, जबकि मानसून बेहतर रहा हो सकता है, सर्दी में उत्तरी हवाओं का प्रवेश आसान हो जाता है, जिससे न्यूनतम तापमान में भारी गिरावट हो सकती है।
- इसके साथ-साथ, अधिक घने कोहरे, हिमालयी क्षेत्रों में अधिक हिमपात और मैदानों में भी ठंड की लहरें बढ़ने की संभावना है।
क्यों होगी इस बार सर्दी असाधारण ठंडी?
La Niña के समय वायुमंडलीय परिसंचरण (जैसे जेट स्ट्रीम) भारत-उत्तरी अक्षांशों में ठंडी हवाओं को धकेलने का काम करते हैं।
पश्चिमी विक्षोभों (Western Disturbance) की सक्रियता ठंड के लिए एक अतिरिक्त कारक हो सकती है, खासकर उत्तर-पश्चिम व उत्तरी भारत में।
चूंकि पिछले कुछ सर्दियों में तापमान सामान्य से ऊपर रहा था, इसलिए इस बार ‘ठंड का अलग अनुभव’ होने की संभावना ज्यादा है।

किस तरह के क्षेत्र विशेष रूप से प्रभावित हो सकते हैं?
उत्तरी मैदान: न्यूनतम तापमान में गिरावट, कोल्ड वेव्स, कोहरे में वृद्धि।
हिमालयी क्षेत्र: हिमपात में वृद्धि, सड़क-यातायात में बाधा, बर्फबारी के चलते ग्रामीण एवं पर्वतीय इलाकों में परेशानी।
मध्य व दक्षिण भारत: सर्दी सामान्य से थोड़ी ठंडी रहने की संभावना है, लेकिन असर उतना तीव्र नहीं होगा जितना उत्तर में।
संभावित चुनौतियाँ और तैयारी कौन-कौन कर सकते हैं?
स्वास्थ्य संबंधी जोखिम: ठंड के बढ़ने से बुजुर्ग, श्वसन रोगी, बच्चों पर असर बढ़ सकता है। विशेष रूप से उत्तरी शहरों में वायु प्रदूषण कोहरे के चलते और बढ़ सकता है।
कृषि क्षेत्र: रबी फसलों (जैसे गेहूं, सरसों) पर कोल्ड वेव्स का असर पड़ सकता है—यदि बहुत ठंड लंबे समय तक स्थिर रही।
यातायात-संचालन: हिमालयी-मार्गों में हिमपात तथा मैदानों में कोहरे से रूट बंद-यातायात में देरी हो सकती है।
ऊर्जा-उपयोग: हीटर, गर्म करने वाले उपकरणों की मांग बढ़ सकती है। तैयारियों में बढ़ोतरी करनी होगी।
सामुदायिक सतर्कता: समाज के कमजोर वर्ग (बुजुर्ग, बच्चें, भूखे-प्यासे) खास ध्यान के पात्र होंगे।
सुझाव: इस सर्दी के लिए तैयार कैसे रहें?
अधिक ठंडी आने की संभावना को ध्यान में रखते हुए गर्म-कपड़े, घरेलू हीटिंग साधन, गैर-बजायमेंटेड हीटर/कंबल आदि तैयार रखें।
घर-परिवार में बुजुर्ग व बच्चों की देखभाल करें—ठंड से बचने के लिए सही घर-तापमान सुनिश्चित करें।
विशेषकर उत्तरी हिस्सों में कोहरे व वायु-प्रदूषण के लिए सतर्क रहें; सुबह-सुबह निकलने में सावधानी बरतें।
खेती-बाड़ी वाले इलाकों में किसान साथी फसल सुरक्षा-तैयारियाँ заранее देखें, खासकर यदि ठंडी-हवाओं और हिमपात का खतरा हो।
सरकारी और स्थानीय संगठनों द्वारा जारी “कोल्ड वेव एलर्ट” आदि की ताज़ा सूचनाओं को देखें और निर्देशित करें।

इस बार पड़ेगी बर्फीली ठंडी — ला नीना ने दी दस्तक, जानें इस सर्दी में भारत में मौसम का हाल निष्कर्ष
इस सर्दी में भारत के लिए एक अलग-सा अनुभव सामने आ सकता है — जहाँ एक ओर La Niña जैसी जलवायु परिस्थिति ठंड के तेवर बढ़ा सकती है, वहीं दूसरी ओर यह हमें याद दिलाती है कि तैयारियों में कोई कमी नहीं होनी चाहिए।
विशेष रूप से उत्तरी भारत-उत्तरी मैदानों में रहने वाले लोग इस बार ठंड की “गहरी चुभन” का अनुभव कर सकते हैं — इसलिए बेहतर होगा कि हम पूर्व तैयारी करें, ताकि इस सर्दी का सामना सुरक्षित, स्वस्थ व आरामदायक तरीके से कर सकें।
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