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Why Did the Stock Market Crash: भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को भारी गिरावट
भारतीय शेयर बाजार में सोमवार (13 जनवरी) को भारी गिरावट देखी गई। सेंसेक्स और निफ्टी 1 फीसदी से ज्यादा गिरे सभी क्षेत्रों के शेयर सक्रिय रूप से कारोबार कर रहे हैं। ज्यादातर मिडकैप और स्मॉलकैप शेयर 4-5 फीसदी नीचे कारोबार कर रहे हैं। आइए जानते हैं किस वजह से शेयर बाजार में गिरावट आई। आइए जाने अमेरिका के अच्छे नौकरियों के आंकड़ों ने पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया है!
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Why Did the Stock Market Crash: अमेरिकी रोजगार डेटा
अमेरिकी रोजगार डेटा बहुत अच्छा था। अमेरिका ने दिसंबर में 2.56 लाख नौकरियां पैदा कीं, जो 1.65 लाख की उम्मीद से अधिक है। नतीजा ये हुआ कि अमेरिका में बेरोज़गारी दर गिरकर 4.1% हो गई. इससे अमेरिका की मजबूत अर्थव्यवस्था का पता चला लेकिन फेडरल रिजर्व द्वारा दर में कटौती की उम्मीदें कम हो गईं।]
इसका सीधा मतलब है कि भारत जैसे इमर्जिंग बाजारों से पैसा निकलकर अमेरिकी बाजार में जाना जारी रहेगा। यही वजह है कि दुनियाभर के शेयर बाजार में नकारात्मक माहौल बन गया।
Why Did the Stock Market Crash: डॉलर के मुकाबले रुपये का लगातार कमजोर होना
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अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया लगातार कमजोर हो रहा है। यह सोमवार को शुरुआती कारोबार में 27 पैसे कमजोर होकर 86.31 रुपये पर आ गया है। रुपये के कमजोर होने का मतलब है कि निर्यात की लागत बढ़ जाएगी। इससे जरूरी चीजों के दाम बढ़ जाएंगे। महंगाई बढ़ने से रिजर्व बैंक भी ब्याज दरों में कटौती का फैसला लंबे समय के लिए टाल सकता है।
दूसरी ओर, अमेरिका में बॉन्ड यील्ड लगातार बेहतर हो रही है। इससे विदेशी निवेशक भारत जैसे बाजारों से पैसे निकाल कर अमेरिका जैसे बाजारों में लगा रहे हैं। जब तक विदेशी निवेशकों की बिकवाली नहीं रुकती, तब तक भारतीय बाजार में गिरावट का सिलसिला जारी ही रहेगा।
Why Did the Stock Market Crash: कंपनियों के निराशाजनक तिमाही नतीजे
भारतीय कंपनियां वित्त वर्ष 2024-25 की दिसंबर तिमाही के लिए वित्तीय नतीजे जारी कर रही हैं। एक्सपर्ट का मानना है कि दिसंबर तिमाही में भी कंपनियों के वित्तीय नतीजे कमजोर बने रहेंगे। इसका मतलब है कि भारतीय बाजार का वैल्यूएशन भी अधिक बना रहेगा।
यही वजह है कि निवेशक बाजार से पैसे निकालकर रहे हैं। खासकर, रिटेल इन्वेस्टर्स ने पैनिक सेलिंग शुरू कर दी है। इससे बाजार रिकवर नहीं कर पा रहा है और उसमें लगातार गिरावट ही आ रही है। यहां तक कि डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (DII) की खरीदारी भी विदेशी निवेशकों और रिटेलर्स की बिकवाली से हो रहे नुकसान की भरपाई नहीं कर पा रही है।
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