‘कम सैलरी में भी चल जायेगा काम! सर्वे में कर्मचारियों ने मांगी ये सुविधाएँ

नई दिल्ली. देश और दुनिया में पिछले कुछ वर्षों में नौकरीपेशा लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी है. तकनीक के दौर में कर्मचारियों को ऑफिस में मिलने वाली सुविधाएं भी बढ़ी हैं लेकिन जॉब के दौरान कामकाज से जुड़े मुद्दों को लेकर एक सर्वे में कई बाते सामने आई है. इस सर्वे में एम्पलाइज की एक बड़ी संख्या ने अपने वर्किंग टाइम यानी कामकाजी समय में ज्यादा लचीलेपन की मांग की है. हैरानी की बात है कि इसके लिए ये कर्मचारी सैलरी से समझौता करने के लिए भी तैयार हैं.

एडीपी रिसर्च इंस्टिट्यूट के इस सर्वे में भारतीय नौकरीपेशा लोग भी शामिल हुए. पीपल एट वर्क 2022: ए ग्लोबल वर्कफोर्स व्यूशीर्षक के साथ हुए यह सर्वेक्षण में 17 देशों में करीब 33,000 कर्मचारियों के बीच किया गया. इस दौरान कामकाजी घंटों को लेकर इन लोगों से सवाल पूछे गए. इस दौरान 10 में से 7 से ज्यादा कर्मचारियों ने अपने कामकाजी घंटों में ज्यादा लचीलेपन यानी छूट मिलने की मांग की है.

भारतीय नौकरीपेशा लोगों ने मांगी ये सुविधा

बताया गया कि भारत में 76.07 प्रतिशत कर्मचारी अपने काम के घंटों पर कंट्रोल रखना पसंद करेंगे. कर्मचारियों का कहना है कि वे रीमोटया दफ्तर के साथ घर से भी काम करने की सुविधा के लिए सैलरी में कटौती के लिए तैयार हैं.

ऑफिस बुलाया तो करेंगे नई नौकरी की तलाश

जब काम पर मानसिक स्वास्थ्य की बात आती है, तो 56% कर्मचारियों का कहना है कि घर से काम करते हुए भी उन्हें अपने मैनेजर्स से पूरा सपोर्ट मिलता है. रिपोर्ट के अनुसार, भारत में लगभग 76.38 प्रतिशत कर्मचारियों का कहना है कि अगर उन्हें पूरी तरह काम पर लौटने के लिए कहा जाता है, तो वे नई नौकरी की तलाश करेंगे.

एडीपी केSoutheast Asia और भारत के प्रबंध निदेशक राहुल गोयल ने कहा, ‘‘मौजूदा समय में कर्मचारियों को काम पर संतुष्ट रखने के लिए परंपरागत 9 से 5 नौकरी की जगह नए वैकल्पिक विकल्पों पर विचार करने की आवश्यकता है.’’

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