वित्तीय वर्ष 2023 का आम बजट पेश होने में करीब तीन सप्ताह का समय बाकी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से पेश किया जाने वाला पांचवा बजट होगा. 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले यह सरकार का आखिरी पूर्ण बजट होगा. इसलिए सरकार की कोशिश भी सैलरीड क्लॉस से किसानों तक सभी को खुश करने की है. दूसरी तरफ हर वर्ग मोदी सरकार काफी उम्मीदें लगाएं बैठा है. मोदी सरकार ने पिछले कुछ सालों में बजट को लेकर कई तरह के बदलाव किए हैं. उसमें एक बदलाव सरकार ने टैक्स पेयर्स को ध्यान में रखते हुए किया था. लेकिन काफी लोगों के बीच आज भी उसे लेकर स्थिति साफ नहीं है.
ओल्ड टैक्स रिजीम में 7-10 तरह से टैक्स छूट का दावा
यह बदलाव था सरकार की तरफ से आम बजट 2020-21 में पेश की गई वैकल्पिक आयकर व्यवस्था का. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से 2020-21 में न्यू टैक्स रिजीम (new tax regime) और ओल्ड टैक्स रिजीम (old tax regime) की व्यवस्था शुरू की गई थी. इन दोनों में से टैक्स पेयर को किसी एक को सिलेक्ट करना होता है. इस बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि निम्म आय वर्ग के लोग ओल्ड टैक्स रिजीम में 7-10 तरह से टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं.
2020 में सरकार दूसरा टैक्स सिस्टम लाई
दरअसल, 2020 में शुरू की गई ‘न्यू टैक्स रिजीम‘ आजादी के बाद से चली आ रही पारंपरिक टैक्स व्यवस्था (Old Tax regime) से अलग है. ओल्ड टैक्स रिजीम में आप 80सी, 80डी, एचआरए समेत कई तरह के डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं. लेकिन नए टैक्स स्लैब में आप किसी प्रकार का डिडक्शन क्लेम नहीं कर सकते. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कहा कि 2020 में सरकार ओल्ड टैक्स रिजीम के साथ दूसरा सिस्टम लेकर आई. इसमें किसी प्रकार की छूट नहीं है, लेकिन यह सिंपल है और इसमें टैक्स कम है. वित्त मंत्री ने कहा मुझे सात स्लैब इसलिए बनाने पड़े, ताकि कम आय वर्ग के लोगों के लिए कम दरें हों.
ढाई लाख रुपये तक की आय टैक्स फ्री
न्यू टैक्स रिजीम में ढाई लाख रुपये तक की आय टैक्स फ्री है. इसके बाद 2.5 लाख से पांच लाख रुपये तक की आय पर 5 प्रतिशत, पांच लाख से 7.5 लाख रुपये तक आय पर 10 प्रतिशत, 7.5 लाख से 10 लाख रुपये तक की आय पर 15 प्रतिशत, 10 लाख से 12.5 लाख रुपये तक की आय पर 20 प्रतिशत, 12.5 लाख से 15 लाख रुपये तक की आय पर 25 प्रतिशत और 15 लाख से ऊपर आय पर 30 प्रतिशत की दर से टैक्स लगाया जाता है.
यह टैक्स सिस्टम भी समझना जरूरी
इसी तरह पुरानी कर व्यवस्था के तहत 2.5 लाख रुपये तक की आय टैक्स फ्री है. इसके बाद 2.5 लाख से पांच लाख रुपये के बीच की आय पर 5 प्रतिशत टैक्स लगता है. पांच लाख से 10 लाख रुपये के बीच 20 प्रतिशत और 10 लाख से ज्याउा की आय पर 30 प्रतिशत टैक्स लगता है. सीतारमण ने कहा कि पुरानी कर व्यवस्था के लाभ को हटाया नहीं गया है, बल्कि नई छूट मुक्त कर व्यवस्था आयकर रिटर्न प्रणाली का एक वैकल्पिक रूप है.
ओल्ड टैक्स रिजीम
2.5 लाख तक की आय—-0% टैक्स
2,50,001 से 5 लाख रुपये तक की आय—-5% टैक्स
5,00,001 से 7.5 लाख रुपये तक की आय—-20% टैक्स
7,50,001 से 10 लाख रुपये तक की आय—-20% टैक्स
10,00,001 से 12.5 लाख रुपये तक की आय—-30% टैक्स
12,50,001 से 15 लाख रुपये तक—-30% टैक्स
15 लाख रुपये से ज्यादा की आय पर—-30% टैक्स
न्यू टैक्स रिजीम
2.5 लाख तक की आय—-0% टैक्स
2,50,001 से 5 लाख रुपये तक की आय—-5% टैक्स
5,00,001 से 7.5 लाख रुपये तक की आय—-10% टैक्स
7,50,001 से 10 लाख रुपये तक की आय—-15% टैक्स
10,00,001 से 12.5 लाख रुपये तक की आय—-20% टैक्स
12,50,001 से 15 लाख रुपये तक—-25% टैक्स
15 लाख रुपये से ज्यादा की आय पर—-30% टैक्स