
भारत दुनिया के उन देशों में शामिल है, जहां सोने (Gold) की खपत बड़ी मात्रा में होती है. शादियों से लेकर त्योहारों तक के मौके पर लोगो जमकर सोने की खरीदारी करते हैं. शादी-विवाह और जन्मदिन जैसे मौकों पर करीबी लोगों को गिफ्ट देने के लिए भी लोग सोने के गहनों को सबसे ज्यादा तरजीह देते हैं. लेकिन क्या आपको मालूम है कि गिफ्ट में दिए गए ऐसे सोने गहने टैक्सफ्री (Taxfree) नहीं होते. एक लिमिट के बाद इनके ऊपर इनपर टैक्स की देनदारी (Tax On Gift) बनती है.
टैक्स फ्री नहीं होते सभी गिफ्ट
टैक्स से जुड़े मामलों के एक्सपर्ट्स और Clear Tax के फाउंडर-सीईओ अर्चित गुप्ता बताते हैं कि कुछ ही मामलों में गिफ्ट में मिला सोना टैक्स फ्री होता है. अगर परिवार के सदस्य शादी या किसी अन्य मौके पर गिफ्ट में सोने के गहने देते हैं, तो ये टैक्स फ्री होते हैं. एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को विरासत में मिलने वाली सोने की ज्वैलरी के ऊपर भी किसी तरह की टैक्स की देनदारी नहीं बनती है. इस स्थिति में गहनों की मात्रा और कीमत की भी कोई लिमिट नहीं होती हैं. लेकिन जब आप ऐसे गहने को बेचने जाएंगे, तो टैक्स की देनदारी बन जाएगी.
कैपिटल गेन की देनदारी
विरासत में मिले गोल्ड को अगर आप बेचते हैं, तो उसपर लॉन्ग टर्म में कैपिटल गेन की देनदारी बनती है. कैपिटल गेन की गणना होल्डिंग पीरियड के आधार पर होती है. होल्डिंग पीरियड में सोने की गणना इसके खरीदारी वाले दिन से की जाती है. मान लीजिए कि शादी पर आपकी मां ने सोने के गहने गिफ्ट किए.
उन्हें ये गहने उनकी शादी पर उनके पिता यानी आपके नाना ने दिए थे. नाना ने तब के समय में इन गहनों को एक लाख रुपये में खरीदा था. तो कैपिटल गेन की गणना के लिए गहनों की शुरुआती कीमत एक लाख रुपये मानी जाएगी. फिर मौजूदा कीमत में से एक लाख रुपये घटाकर कैपिटल गेन निकाला जाएगा, जिसके ऊपर आपको टैक्स देना होगा.
कितना लगेगा टैक्स?
कैपिटल गेन की दर होल्डिंग पीरियड पर निर्भर करती है. अगर होल्डिंग पीरियड 36 महीने से अधिक है तो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा. ये 20 फीसदी है. अगर होल्डिंग पीरियड 36 महीने से कम होने पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स (Short Term Capital Gain Tax) लगेगा. इसकी दर को तय करने के लिए गहने बेचने से प्राप्त हुई राशि को आपकी कुल इनकम में जोड़ा जाएगा. फिर आपकी इनकम जिस टैक्स स्लैब में आती है. उसी के मुताबिक आपको टैक्स देना होगा.
गिफ्ट में मिला गोल्ड टैक्स फ्री
शादी पर मिले सारे गिफ्ट भी टैक्स फ्री नहीं होते हैं. परिवार से बाहर के लोगों से मिलने वाले गिफ्ट एक सीमा तक ही टैक्स से मुक्त होते हैं. एक टैक्स असेसमेंट ईयर के दौरान 50 हजार रुपये तक की कीमत के गिफ्ट टैक्सफ्री होते हैं. अगर आपको एक साल में 50 रुपये से अधिक के गिफ्ट मिलते हैं, तो टैक्स की देनदारी बन जाती है. सभी गिफ्ट की वैल्यू मिलाकर यदि 50 हजार रुपये से अधिक हो गई तो टैक्स की देनदारी पूरी वैल्यू पर बनती है.