सब्स क्राइबर्स की मृत्यु के बाद क्या बदला जा सकता है नॉमिनी? जानिए नियम

नई दिल्‍ली. नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में पैसे निवेश करने के बाद सब्सक्राइबर की मृत्यु हो जाने पर नॉमिनी को पैसे दे दिए जाते हैं. पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) के बनाए नियमों के मुताबिक, एनपीएस खाते में जमा पैसे का हकदार केवल नॉमिनी (Nominee) ही होता है. लेकिन, कई बार ऐसा होता है कि एनपीएस सब्सक्राइबर नॉमिनी नहीं चुनता है और उसकी मृत्‍यु हो जाती है. पीएफआरडीए ने अब नॉमिनी से जुड़े नियमों को स्पष्ट किया है.

22 अक्‍टूबर को जारी सर्कुलर में पीएफआरडीए ने कहा है कि नॉमिनी का चुनाव केवल सब्‍सक्राइबर्स द्वारा ही किया जा सकता है. एनपीएस के तहत नियोजित और कवर किए गए ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए सर्विस रिकॉर्ड में किए गए नॉमिनी को प्रभावी बनाने के लिए एग्जिट रेगुलेशन के तहत विशेष प्रावधान किए गए हैं. सर्कुलर में क्‍लेम प्रक्रिया में लगे सरकारी और गैर सरकारी सेक्‍टर, पीओपी और एनपीएसटी से संबद्ध विभिन्‍न बिचौलियों की सहायता के लिए अब कुछ बिंदुओं को स्‍पष्‍ट किया गया है

मृत्‍यु बाद नहीं हो सकता संसोधन

सर्कुलर में कहा गया है कि मृतक सब्सक्राइबर के लॉग इन क्रेडेंशियल का उपयोग करके सब्सक्राइबर की मृत्यु के बाद नॉमिनी में किया गया, किसी भी तरह का संशोधन अमान्य होगा. जिन मामलों में नामांकन को अमान्‍य घोषित किया गया है, उनमें मृत्‍यु से पहले सब्‍सक्राइबर्स द्वारा किए गए नॉमिनेशन को वैध माना जाएगा और उसी के अनुसार क्‍लेम प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी. अमान्य नामांकन वाले और सरकारी और गैर-सरकारी क्षेत्र में क्रमशः एग्जिट रेगुलेशन 3 (सी) और 4 (सी) में परिभाषित मामलों के दावों को संबंधित मध्यस्थ द्वारा प्रोसेस किया जाएगा और फंड सब्‍सक्राइबर्स के कानूनी वारिस को दिया जाएगा.

नियोक्‍ता का रिकॉर्ड भी अहम

सरकारी क्षेत्र के सब्‍सक्राइबर्स, जो रेगुलेशन 3 (c) के तहत कवर हैं और रेगुलेशन 4 (c) के तहत आने वाले कॉर्पोरेट सब्‍सक्राइबर्स की मृत्‍यु अगर मान्‍य नॉमिनी के बिना हुई है तो ऐसे मामलों में नियोक्‍ता के रिकॉर्ड में कर्मचारी का कोई नॉमिनी मिलता है तो उसे ही एनपीएस के लिए नॉमिनी माना जाएगा और उसे सारे लाभ दिए जाएंगे. सिस्टम इंटरफेस में, नियोक्ता को यह घोषित करना और प्रमाणित करना होगा कि कर्मचारी के सेवा रिकॉर्ड में नॉमिनी मौजूद है और उसे ही सभी लाभ दिए जा रहे हैं. ओएस के मामले में भी अगर किसी सब्‍सक्राइबर्स की मृत्‍यु के बाद नॉमिनी में किसी तरह का बदलाव किया जाता है तो उसे अमान्‍य माना जाएगा.

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