
नई दिल्ली. सेविंग्स अकाउंट किसी भी व्यक्ति के लिए फाइनेंशियल एक्टिविटी का शुरुआती कदम माना जाता है. इसमें न केवल आपका पैसा सुरक्षित रहता है बल्कि इस पर आपको रिटर्न भी मिलता है. हालांकि यह बहुत कम दर पर दिया जाता है. सेविंग्स अकाउंट का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें आप आसानी से पैसे डिपॉजिट कर सकते हैं या निकाल सकते हैं.
ज्यादातर लोग परिवार के मुखिया के अलावा बाकी सदस्यों और बच्चों के भी सेविंग्स अकाउंट खुलवाते हैं. यह काफ़ी काम आता है और फायदेमंद भी है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बच्चों के लिए सेविंग्स अकाउंट खुलवाने के क्या फायदे हैं और इसे खुलवाने का सही समय क्या है? आज हम आपको इसी बारे में बताने जा रहे हैं.
फाइनेंशियल दुनिया में पहला कदम है सेविंग्स अकाउंट
किसी भी तरह की फाइनेंशियल एक्टिविटी के लिए सेविंग्स अकाउंट होना सबसे जरूरी है. इसे फाइनेंस की दुनिया में पहला कदम माना जाता है. आपको कोई भी बैंकिंग लेनदेन करने के लिए एक सेविंग्स अकाउंट की जरूरत पड़ती है. छोटी उम्र से ही सेविंग्स अकाउंट मैनेज करके बच्चे इस तरह के अकाउंट की सुविधाओं को समझ सकते हैं. ऐसे में खुद का अकाउंट मैनेज करने पर बचत की आदत लगती है और बच्चे बैंकिंग से जुड़े काम करना भी सीख जाते हैं जो जरूरत पड़ने पर काम आता है.
बच्चों के लिए अलग सेविंग करने में उपयोगी
माता-पिता अपनी देखरेख में बच्चों के सेविंग्स अकाउंट को मैनेज कर सकते हैं. वहीं बच्चों के लिए अलग से सेविंग करने का यह एक बेहतर जरिया हो सकता है. इसके लिए बैंकों ने दो कैटेगरी बना रखी है जिसमें पहली कैटेगरी में 10 वर्ष से कम उम्र के और दूसरी में 10 से 18 वर्ष के बीच के बच्चे शामिल किए जाते हैं. 10 वर्ष या उससे कम उम्र के बच्चों के बैंक अकाउंट बच्चों के साथ उनके माता-पिता या अभिभावक मिलकर मैनेज करते हैं. यह बच्चों को बैंकिंग सिखाने में मदद भी करता है.
कब खुलवाएं बच्चों का सेविंग अकाउंट
खुद का बैंक अकाउंट बच्चों को सेविंग के लिए प्रेरित करता है और उनमें फाइनेंशियल डिसिप्लिन (वित्तीय अनुशासन) सिखाने में भी मदद करता है. सेविंग्स अकाउंट में जमा राशि पर बैंक की ओर से रिटर्न भी दिया जाता है. जब बच्चे अपनी बचत को बढ़ते हुए देखते हैं तो वे और ज्यादा बचत करने के लिए प्रेरित होते हैं. आप बच्चों के लिए सेविंग्स अकाउंट उनके स्कूल जाना शुरू करने के समय से ही खुलवा सकते हैं.