
नई दिल्ली. केंद्र सरकार किसानों के हित में कई योजनाएं चला रही है. जिनका सीधा फायदा देश के करोड़ों किसानों को मिल रहा है. इन्हीं योजनाओं में से एक है सरकार की पीएम किसान मानधन योजना (PM Kisan Maan Dhan Scheme). इस योजना से सरकारी नौकरी करने वाले लोगों की तरह ही किसानों को भी हर महीने पेंशन मिलती है. पीएम किसान मानधन योजना के तहत 60 साल की उम्र के बाद पेंशन का प्रावधान है. इस योजना में 18 साल से 40 साल तक की उम्र का कोई भी किसान भाग ले सकता है. इस पेंशन कोष का प्रबंधन भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) कर रहा है.
हर महीने मिलती है 3000 रुपये की पेंशन
इस योजना में उम्र के हिसाब से मंथली अंशदान करने पर 60 की उम्र के बाद 3000 रुपये मंथली या 36000 रुपये सालाना पेंशन मिलती है. इसके लिए अंशदान 55 रुपये से 200 रुपये तक मंथली है. अबतक इस स्कीम से 21 लाख से ज्यादा किसान जुड़ चुके हैं. जानते हैं कि इस योजना का लाभ कैसे उठा सकते हैं.
जानिए क्या है यह योजना
किसान पेंशन योजना में 18 से 40 वर्ष तक की उम्र वाले किसान हिस्सा ले सकते हैं, जिनके पास खेती के लिए अधिकतम 2 हेक्टेयर तक जमीन है. इन्हें योजना के तहत न्यूनतम 20 साल और अधिकतम 40 साल तक करीब 55 रुपये से 200 रुपये तक मासिक अंशदान करना होगा. इस योजना के अंतर्गत जितना योगदान किसान का होगा, उसी के बराबर योगदान सरकार भी करेगी. यानी अगर पीएम किसान अकाउंट में आपका योगदान 55 रुपये है तो सरकार भी 55 रुपये का योगदान आपके खाते में करेगी.
इतने रुपये से शुरू कर सकते हैं इसे
अंशदान किसानों की उम्र पर निर्भर करता है. उदाहरण के लिए अगर 18 साल की उम्र में जुड़ते हैं तो मासिक अंशदान 55 रुपये या सालाना अंशदान 660 रुपये करना होगा. वहीं अगर 40 की उम्र में जुड़ते हैं तो 200 रुपये महीना या 2400 रुपये सालाना अंशदान करना होगा.
ऐसे कराएं रजिस्ट्रेशन
इसके लिए किसान को नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. इसके लिए किसान का आधार कार्ड और खसरा खतियान की नकल ले जानी होगी. इसके साथ ही किसान की 2 पासपोर्ट साइज फोटो और बैंक की पासबुक की भी आवश्यकता होगी. रजिस्ट्रेशन के दौरान किसान को पेंशन यूनिक नंबर और पेंशन कार्ड बना दिया जाएगा. इसके लिए अलग से कोई फीस नहीं लगती.
अगर बीच में बंद करना चाहते हैं स्कीम
अगर कोई किसान बीच में स्कीम छोड़ना चाहता है तो उसका पैसा नहीं डूबेगा. उसके स्कीम छोड़ने तक जो पैसे जमा किए होंगे उस पर बैंकों के सेविंग अकाउंट के बराबर का ब्याज मिलेगा. अगर पॉलिसी होल्डर किसान की मौत हो गई, तो उसकी पत्नी को 50 फीसदी रकम मिलती रहेगी.