दिल्ली हिंसा में महिला ने कुछ इस तरह बचाई अपनी और अपनी बेटियों की जान

देश की राजधानी दिल्ली के उत्तर-पूर्व इलाकों में हुई हिंसा में अबतक 38 लोग मारे जा चुके हैं। राजधानी के जाफराबाद, यमुना विहार, बाबरपुर, खजूरी खास इलाकों में लोगों की गाड़ियों, दुकानों और घरों में आग लगाई गई, जिसके चलते सैकड़ों लोग घायल हो गए हैं। अस्पतालों में भर्ती सभी घायल अपनी आपबीती सुना रहे हैं।

उत्तर-पूर्व दिल्ली के अल-हिंद अस्पताल में भर्ती 45 वर्षीय एक महिला ने भी अपने साथ घटी वारदात के बारे में बताया। 45 वर्षीय इस महिला ने दंगाइयों से अपनी जान बचाने के लिए पहली मंजिल से छलांग लगा दी।

पीड़ित महिला ने यह याद करते हुए कि कैसे उन्हें और उनकी दो बेटियों को अपने घर से भागने के लिए मजबूर किया गया| महिला ने बताया की “हमने अपने आप को बचाने के लिए अपने शरीर में दुपट्टे को लपेटा और पहली मंजिल से छलांग लगा दी।” महिला ने बताया कि उनके घर में अचानक भीड़ आ गई और उनके साथ छेड़छाड़ की।

करावल नगर में एनजीओ चलाने वाली इस महिला ने रोते हुए कहा, “मैं घर पर ही थी जब भीड़ अचानक अंदर आ गई। दंगाइयों ने मेरे और मेरी बेटियों के साथ छेड़छाड़ की और हमारे कपड़े फाड़े।”

उन्होंने कहा कि जब हमने भागना चाहा तो भीड़ ने पीछा किया, जब महिला ने मदद के लिए पड़ोस के किराना दुकानदार अयूब अहमद से मदद की गुहार लगाई तो दंगाई भाग गए। महिला ने कहा, “जब हम अहमद के घर पहुंचे, तो उन्होंने हमें भोजन और अन्य आवश्यक चीजें दीं और बाद में हमें अल-हिंद अस्पताल में भर्ती कराया। मैं बदमाशों की पहचान कर सकती हूं क्योंकि वे हमारी गली से थे।

अहमद ने बताया कि महिलाओं को इस घटना के कारण गहरा सदमा लगा है। यह महिला उन कई लोगों में से एक है जिन्हें पिछले कुछ दिनों में हिंसा प्रभावित उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हथियारबंद लोगों द्वारा हमला करने के बाद अल-हिंद अस्पताल लाया गया था।

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