हरियाणा में विवादों में ये अस्पताल, डेड बॉडी का इलाज करते रहे डॉक्टर्स, 14 लाख रुपये बिल बना डाला

सोनीपत. हरियाणा के सोनीपत जिले का फिम्स अस्पताल अक्सर सुर्खियों में रहता है. एक बार फिर फिम्स हॉस्पिटल सुर्खियों में है. अस्पताल में इलाज के दौरान मौत के बाद मृतक के परिवार के सदस्यों ने अस्पताल प्रशासन और डॉक्टर पर गंभीर आरोप लगाए हैं. परिवार के सदस्यों का कहना है कि उनके मरीज की मौत हो चुकी थी और डॉक्टरों ने जानबूझकर उन्हें इलाज के लिए रखा ओर लाखों रुपये का बिल बना दिया. मौत के बाद डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिवार के सदस्यों ने अस्पताल में जमकर बवाल काटा और पूरे मामले में हॉस्पिटल प्रशासन और डॉक्टरों ने मीडिया के कैमरे से दूरी बना ली है.

दरअसल, सोनीपत के गांव राई निवासी धर्मवीर के परिवार के सदस्यों ने 10 दिन पहले धर्मवीर को बीपी हाई की शिकायत के बाद सोनीपत में स्थित फिम्स अस्पताल में दाखिल करवाया था. उसके बाद डॉक्टरों ने बताया कि उनके दिमाग की नस फट चुकी है और वह लोग 4 लाख जमा करा दें. ऑपरेशन के बाद धर्मवीर भी ठीक हो जाएगा, लेकिन इलाज के दौरान परिवार के किसी भी सदस्य को धर्मवीर से मिलने नहीं दिया गया.

जब परिवार के सदस्यों को शक हुआ तो उन्होंने कहा कि उनके मरीज को कोई भी आराम नहीं हुआ है, वह उसे रेफर कर दें. उसके बाद परिवार का आरोप है कि डॉक्टर ने उन्हें बताया कि उनके मरीज की मौत हो चुकी है. इसके बाद परिवार के सदस्य और ग्रामीणों ने हॉस्पिटल प्रशासन में जमकर बवाल काटा और हॉस्पिटल के सभी गेट को बंद कर दिए गए. परिजन हॉस्पिटल के मेन गेट के सामने धरने पर बैठ गए. परिवार के सदस्यों ने इसकी सूचना पुलिस को दी और पुलिस भी मौके पर पहुंची.

10 दिन पहले धर्मवीर को अस्पताल में दाखिल करवाया

परिवार के सदस्यों का आरोप है कि 10 दिन पहले जब धर्मवीर को अस्पताल में दाखिल करवाया गया तो डॉक्टरों ने कोई जानकारी नहीं दी थी. फिर बाद में जानकारी दी कि उनके दिमाग की नस फट चुकी है और ऑपरेशन करना बहुत जरूरी है. इसके बाद ऑपरेशन करवाया गया और हम जब भी मिलने के लिए जाते थे तो हमें मिलने नहीं दिया जाता था. परिवार का आरोप है कि उनके मरीज की पहले ही मौत हो चुकी थी और जानबूझकर डॉक्टरों ने मृतक का इलाज किया है, ताकि वह लाखों रुपये का बिल बना सकें और 10 दिन का बिल उन्होंने 14 लाख रुपये बनाया गया है. एक गरीब परिवार इतना बड़ा बिल कहां से देगा और डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हमने जानबूझकर मेन गेट को बंद किया है, ताकि किसी और के साथ ऐसा ना हो पुलिस को भी सूचना दे दी गई है.

मामले को सुलझा लिया जाएगा: प्रबंधन

अब हॉस्पिटल प्रशासन शव देने से इंकार कर रहा है और कह रहा है कि पहले जो बकाया राशि जमा करवाई जाए.  पूरे मामले के बाद अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों ने मीडिया के कैमरे से दूरी बना ली, लेकिन जब फोन पर अस्पताल के प्रबंधक से बात की गई तो प्रबंधक राजपाल जैन ने बताया कि परिवार के सदस्यों से बात हो गई है और हम लगातार बात कर रहे हैं. मामले को सुलझा लिया जाएगा.

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