2 और 5 साल की ये दो बहनें करती हैं नौकरी, सैलरी जानकर रह जाएंगे दंग! जानें क्या है पूरा मामला

एक तरफ हरियाणा सरकार जहां ट्रिपल पी यानी (परिवार पहचान पत्र) को लागू कर सभी सेवाओं का डिजिटलाइजेशन की बात कर रही है, तो वहीं दूसरी ओर इस डिजिटलाइजेशन का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है. हम बात कर रहे हैं परिवार पहचान पत्र की जिसके माध्यम से सरकार ने पहले आयुष्मान कार्ड (Ayushman Card), गुलाबी और पीले राशन कार्ड बनाने की योजना चलाई है जिसमें अब बड़ी खामियां भी सामने आ रही है. वहीं सरकार द्वारा परिवार पहचान पत्र में आई तकनीकी खामियों को दूर करने के लिए राज्य के सभी बीडीपीओ कार्यालयों में 3 जनवरी से 6 जनवरी तक कैंप लगाकर उन्हें हटाने की बात बात की जा रही है.

हैरान कर देने वाली बात यह है कि सरकार द्वारा जिन अधिकारी व कर्मचारियों को इन त्रुटियों की ठीक करने की जिम्मेदारी दी गई हैं वह अधिकारी ही खुद सभी कार्य कर रहे हैं कि इनकम कम या ज्यादा करने का उनके पास कोई भी विकल्प नहीं है. यह पूरा सिस्टम चंडीगढ़ से चलता है और वहीं से ठीक होगा

वहीं इतनी ठंड में भी लोग अपनी फैमिली आईडी में हुई गलतियों को ठीक करवाने के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं. लोगों का कहना है की जब वह है सीएससी सेंटर पर जाते हैं तो वह बोलते हैं कि साईट का सर्वर नहीं चल रहा है आप बीडीपीओ कार्यालय में जाएं. जब बीडीपीओ कार्यालय में जाते हैं तो वह बोलते हैं कि आप एडीसी कार्यालय में जाएं और जब वह एडीसी कार्यालय में जाते हैं तो वहां से जवाब मिलता है कि यह पूरा सिस्टम चंडीगढ़ से चलता है और वहीं से ही ठीक होगा. हमने आगे रिक्वेस्ट भेज दी है.

पहला केस :

बीडीपीओ कार्यालय सीवन में लगे कैंप में अपनी फैमिली आईटी की गलती ठीक करवाने वाले पवन कुमार ने बताया कि फैमली आईडी में उनके दो बच्चों की वार्षिक आय 15 हजार रुपए दिखाई हुई है, जबकि उनकी उम्र 5 साल से भी कम है. फिर भी उनका पीला राशन कार्ड काट दिया गया, जिस कारण अब उनको सरकारी राशन नहीं मिल रहा है. इसको ठीक करवाने के लिए वह कई दिनों से सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं, परंतु आज तक भी उनकी समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ.

दूसरा केस:

वही कैंप में अपनी इनकम ठीक करवाने आए धर्मपाल ने बताया कि उनके पास 80 हजार रुपए वार्षिक आय का इनकम सर्टिफिकेट है और उनके पास कमाई का कोई साधन भी नहीं है. इसके बावजूद भी उनके परिवार पहचान पत्र में उनकी इनकम 5 लाख रुपए दिखाई गई है, जिस कारण अब उनका बीपीएल राशन कार्ड कट गया है. जिस को ठीक करवाने के लिए वह दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं, परंतु कहीं पर भी उनकी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है.

वहीं इन पूरे मामलों को लेकर जब हमने एडीसी से बात करनी चाही तो वह किसी कार्य से बाहर गए हुए थे. वहीं फैमिली आईडी का कार्य देख रहे ड‍िस्‍ट्र‍िक मैनेजर सोमनाथ को जब भी समस्या बारे में बताया गया तो उन्होंने कैमरे पर बोलने से मना कर दिया और अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि हमारे यहां पर जो भी शिकायतें आ रही हैं हम उनको अपने मुख्यालय में भेज रहे हैं वहीं से इनको ठीक किया जाएगा.

गौर करने वाली बात यह है कि जब लोगों को आ रही समस्या का समाधान खंड स्तर पर व जिला स्तर पर नहीं हो रहा तो फिर आखिर क्यों लोगों को बेवकूफ बनाया जा रहा है, जो हर रोज अपना काम धंधा छोड़कर सारा दिन सरकारी कार्यालयों के गेट के आगे खड़े रहते हैं परंतु फिर भी उनकी समस्या का समाधान नहीं हो रहा. अब देखना होगा कि लोगों को आ रही इन समस्याओं का सरकार कब तक निदान कर पाती है या फिर परिवार पहचान पत्र की त्रुटियों को ठीक करवाने के लोग ऐसे ही दर-दर की ठोकरें खाते रहेंगे.

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