
झांसी. उत्तर प्रदेश बोर्ड की परीक्षाएं 16 फरवरी से शुरू होने जा रही हैं. दसवीं और बारहवीं दोनों ही कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए बोर्ड परीक्षा का यह पहला अनुभव होगा. 12वीं के वे विद्यार्थी इस बार बोर्ड परीक्षा दे रहे हैं जिन्हें दसवीं कक्षा में कोरोना की वजह से प्रमोट कर दिया गया था. 10वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए भी OMR शीट का प्रयोग करना एकदम नई बात होगी. नकल मुक्त परीक्षा करवाने के लिए माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने कुछ नए नियम भी लागू किए हैं. साथ ही, बोर्ड ने मीडिया को किसी भी प्रकार की ब्रीफिंग देने पर रोक लगा दी है.
नये नियमों में संवेदनशीलता के आधार पर कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं. पहले कई मामले सामने आए थे, जब विद्यार्थियों की जांच के दौरान उनके जूते और मोजे उतरवाए गए थे. इस बार माध्यमिक शिक्षा परिषद ने साफ कर दिया है कि ऐसा अब नहीं किया जाएगा. विद्यार्थियों के साथ किसी प्रकार की अभद्रता नहीं की जाएगी. परीक्षा कक्ष पर सकारात्मक वातावरण बनाने की हर मुमकिन कोशिश की जाए, इस तरह के निर्देश हैं.
पुरुष शिक्षक नहीं करेंगे छात्राओं की जांच
छात्राओं से जुड़े मामलों में संवेदनशीलता बरतते हुए बोर्ड ने यह तय किया है कि जिन केंद्रों पर सिर्फ छात्राएं होंगी, वहां पुरुष निरीक्षकों की ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी. परीक्षा देने केंद्र पर पहुंची छात्राओं की तलाशी पुरुष शिक्षक नहीं लेंगे. जो नए नियम जारी किए गए हैं, उनके अनुसार विद्यार्थी परीक्षा हॉल में मोबाइल, कैलकुलेटर जैसे इलेक्ट्रॉनिक आइटम लेकर नहीं जा सकेंगे.
4 रंग की होगी आंसर शीट
इस बार उत्तर पुस्तिका 4 रंग की होगी. 10वीं कक्षा की ‘अ’ कॉपी लाल रंग की होगी और ‘ब’ कॉपी गहरे गुलाबी रंग की होगी. 12वीं कक्षा की ‘अ’ कॉपी बैगनी रंग की और ‘ब’ कॉपी भूरे रंग की होगी. अब विद्यार्थियों को कॉपी के हर पन्ने पर अपना रोल नंबर और पुस्तिका क्रमांक भी लिखना अनिवार्य कर दिया गया है. अगर कोई नकल करते या करवाते हुए पकड़ा जाता है, तो उस पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की जाएगी.