उबासी लेने पर अध्यापक ने छात्रा का किया ये हाल

जींद: पोली गांव स्थित राजकीय प्राथमिक पाठशाला में चौथी कक्षा की छात्रा को उबासी आने पर अध्यापक ने मुर्गा बना दिया। इतना ही नहीं उसकी पीठ पर दो-तीन छात्रों को बैठा दिया, जिससे वह उनका वजन नहीं झेल पाई और उसकी बाई टांग टूट गई। टांग टूटने पर स्कूल का चपरासी छात्रा को उसके घर छोड़ गया। परिजनों को पता चला तो उन्होंने बच्ची को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करवाया, जहां से चिकित्सकों ने उसे पीजीआई रोहतक रेफर कर दिया। परिजनों ने शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

वीरवार को पोली गांव के प्राथमिक स्कूल में जेबीटी अध्यापक संजय चौथी कक्षा के विद्यार्थियों को पढ़ा रहा था। आठ वर्षीय छात्रा राखी ने बताया कि उसे कक्षा में उबासी आ गई। इस पर अध्यापक ने उसे बुलाकर मुर्गा बना दिया और उसकी पीठ पर दो-तीन बच्चों को बैठा दिया। वह छात्रों का वजन नहीं सह पाई और उसकी बाई टांग टूट गई। इसके बाद चपरासी ने उसे घर छोड़ दिया। अध्यापक के इस अमानवीय कृत्य के कारण परिजनों में रोष है। परिजनों व अन्य लोगों ने अध्यापक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

अध्यापक कई बार स्कूल स्टाफ से भी गाली-गलौज कर चुका है। स्कूल प्रशासन और प्रबंधन समिति को लिखित में माफीनामा भी दे चुका है। बार-बार समझाने पर भी संजय अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा। टांग टूटने पर भी छात्रा को अध्यापक घर तक नहीं लेकर गया। अधिकारियों से मिलकर अध्यापक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जाएगी।

कुलदीप, प्रधान, स्कूल प्रबंधन कमेटीस्कूल में दोपहर बाद छात्राएं खेल रही थीं। स्कूल के किसी काम से वह कक्षा छोड़कर कार्यालय में गया था। जब लौटा तो लड़की ने पैर में दर्द होने की शिकायत की। चपरासी छात्रा को घर छोड़कर आया था। उन पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद और झूठे हैं। यह स्कूल की छुट्टी होने से 10 मिनट पहले की घटना है। पैर की जांच की तो उन्हें लगा कि मोच आ गई है। टांग टूटने जैसी उस समय कोई बात नहीं थी।

संजय, जेबीटी अध्यापकप्राचार्य के माध्यम से मामले का पता चला है, जिसकी गहनता से जांच करवाई जाएगी। अगर अध्यापक की मामले में संलिप्तता मिलती है तो अध्यापक के खिलाफ कार्रवाई के लिए विभाग को लिखा जाएगा।

चार दिन पहले भी छात्रा की पिटाई का मामला आया था सामनेचार दिन पहले भी जुलाना क्षेत्र में ही शादीपुर गांव में छात्रा की पिटाई का मामला सामने आया था। इस मामले में भी शिक्षा विभाग जांच कर रहा है। लगातार इस प्रकार के मामले सामने आने से शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।

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