
कुछ लोगों को किताबें पढ़ना खूब रास आता है. ऐसे लोग किसी किताब को पढ़ने बैठ जाएं, तो उसे पूरा पढ़कर ही दम लेते हैं. इन लोगों के लिए लाइब्रेरी किसी जन्नत से कम नहीं है. वैसे तो लोग लाइब्रेरी से किताबें लेकर उसे कुछ दिन बाद वापस भी कर देते हैं. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो वापस करना भूल जाते हैं. आप यकीन नहीं करेंगे, ब्रिटेन में एक शख्स के पोते ने 84 साल बाद दादा की ली हुई किताब न केवल लाइब्रेरी को वापस की, बल्कि उसका पूरा जुर्माना भी भरा है.
इंग्लैंड के कोवेंट्री में 1938 में कैप्टन विलियम हम्फ्रीज नाम के शख्स ने अर्ल्सडन कार्नेगी कम्युनिटी लाइब्रेरी से बेटी ऐनी के लिए रिजर्ड जेफ्रीज की लिखी रेड डीयर किताब ली थी. 1957 में विलियम की मृत्यु होने तक यह किताब उनकी अलमारियों में ही पड़ी रही और किसी का उस पर ध्यान तक नहीं गया.
हाल ही में विलियम की बेटी के निधन के बाद पोते पैडी रिओर्डन ने दादा की चीजों को खंगालना शुरू किया. इसी दौरान उसे यह किताब मिली. जिसके बाद उन्होंने लाइब्रेरी को यह किताब लौटाने का फैसला किया.बता दें कि पोते ने लाइब्रेरी को किताब £18.27 ( लगभग 1,740 रुपये) के जुर्माने के साथ लौटाया है. दिलचस्प बात ये है कि अमेजन पर यह किताब 4 पाउंड से भी कम कीमत पर मिल रही है
कैप्टन विलियम से पहले इस किताब को केवल आठ लोगों ने ही लाइब्रेरी से पढ़ने के लिए निकाली थी. किताब के पहले पन्ने पर एक नोटिस चस्पा था. जिसमें लिखा था- 14 दिन के अंदर किताब पढ़कर लौटा दें. 14 दिन से अधिक दिन तक किताब रखने पर हर हफ्ते जुर्माने के तौर पर एक पेनी चार्ज किया जाएगा.
लाइब्रेरी के एक स्टाफ मेंबर ने इस वाकये को इंस्टाग्राम पर शेयर करते हुए लिखा है, यहां आपके लिए कुछ ऐसा है, जो शायद ही देखने को मिले. रिचर्ड जेफरीज की लिखी रेड डीयर की एक प्रति किसी ने हमें 84 साल बाद जुर्माने के साथ लौटाई है. इसके साथ ही लिखा है, कितना अच्छा लगता है जब किताब की घर वापसी होती है.