
नई दिल्ली. 1 फरवरी 2023 को केंद्र सरकार संसद में नए साल का बजट पेश करने जा रही है. हर साल की तरह इस बार भी आम बजट (Union Budget) से लोगों को बड़ी उम्मीदें हैं. इसी संबंध में बुजुर्गों ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आम बजट में सीनियर सिटिजन (Senior Citizen) को राहत देने की मांग की है. वरिष्ठ नागरिकों ने पीएम मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से आम बजट में सीनियर सिटिजन को रेल किराए (Rail Fare) में मिलने वाली छूट को बहाल करने की मांग की है.
दिल्ली-एनसीआर स्थित मानव सेवा समिति के वरिष्ठ नागरिक सेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण को ट्वीट करने के अलाव पत्र भेजकर इस साल के केंद्रीय बजट में सीनियर सिटीजन्स को पहले मिलती आ रही रेल किराए में छूट को बहाल करने की घोषणा करने की गुहार लगाई है.
समिति की महिला सेल की चेयरपर्सन, वरिष्ठ नागरिक उषा किरण शर्मा और वरिष्ठ नागरिक सेल के संयोजक एमएल मोदी ने कहा है कि सरकार हर आयु वर्ग के हित में कई महत्वपूर्ण योजनाएं चला रही है. कोरोना काल से पहले वरिष्ठ नागरिकों को भी रेलवे किराए में काफी छूट मिलती थी लेकिन उसके बाद यह छूट बंद कर दी गई है इससे वरिष्ठ नागरिकों को काफी परेशानी हो रही है. इसकी वजह से न तो सीनियर सिटिजन भारत भ्रमण पर कहीं जा रहे हैं और न ही किसी तीर्थ यात्रा पर.
अधिकांश बुजुर्गों को पेंशन नहीं, कैसे हो गुजारा
वरिष्ठ नागरिकों ने कहा कि अधिकांश बुजुर्गों को पेंशन भी नहीं मिल रही है. महंगाई की मार झेल रहे अपने बच्चों से भी वे कहीं आने-जाने, भारत भ्रमण या तीर्थ यात्रा पर भेजने के लिए नहीं कह सकते हैं. जब वर्तमान व पूर्व सांसदों को भी रेल किराए पर सब्सिडी के रूप में झूट मिल रही है तो वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली इस छूट व राहत को बोझ के रूप में क्यों देखा जा रहा है.
संसद की स्थाई समिति भी कर चुकी है सिफारिश
बता दें कि संसद से जुड़ी स्थाई समीति ने भी स्लीपर और थर्ड एसी में सफर करने वाले वरिष्ठ नागरिकों को ट्रेन टिकट में पहले से मिलती आ रही छूट को बहाल करने की सिफारिश की है. ऐसे में वरिष्ठ नागरिकों का पूछना है कि केंद्र सरकार इससे पीछे क्यों हट रही है.