चंडीगढ़ में इस नंबर प्लेट वाली गाड़ियों की जांच की जाएगी, रजिस्ट्रेशन के बाद मिलेगी एंट्री

चंडीगढ़ में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। बीते हफ्तों में आए कोरोना के मामले ज्यादातर अन्य राज्यों से लौटे लोगों की वजह से आए हैं, इसलिए प्रशासन ने यह फैसला किया है कि अब बॉर्डर पर चंडीगढ़ नंबर प्लेट वाले वाहनों को छोड़ दूसरे राज्यों के नंबर प्लेट वाली गाड़ियों को रोका जाएगा और उनसे पूछताछ की जाए।

पिछले करीब दो हफ्तों से चंडीगढ़ प्रशासन शहर में अन्य राज्यों से आने वाले संक्रमण पर रोक लगाने का प्रयास कर रहा है। इसी कड़ी में अन्य राज्यों की नंबर प्लेट वाली गाड़ियों को रोकने का फैसला किया गया है। इन गाड़ियों को रोकने के बाद यह जांच की जाएगी कि उन्होंने चंडीगढ़ प्रशासन की बेवसाइट पर रजिस्ट्रेशन कराया है या नहीं। अगर व्यक्ति ने रजिस्ट्रेशन कराया होगा तभी उसे शहर में एंट्री दी जाएगी अन्यथा वापस लौटा दिया जाएगा।

इसके अलावा यह भी तय किया गया है कि शहर में आने वाले व्यक्ति के फोन में आरोग्य सेतु एप का डाउनलोड होना अनिवार्य है। इसके बाद व्यक्ति की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी और फिर उसे चंडीगढ़ में एंट्री मिलेगी। चंडीगढ़ प्रशासक बीपी सिंह बदनौर ने डीजीपी को इस संबंधी आदेश जारी किए हैं।

अन्य राज्यों से आने वाले लोगों पर डीसी रखेंगे नजर

ट्राइसिटी के अलावा अन्य जगहों से आने वाले लोगों पर नजर रखने की जिम्मेदारी डीसी मनदीप सिंह बराड़ की होगी। डीसी यह सुनिश्चित करेंगे कि अन्य राज्यों से आने वाले लोग चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन कर रहे हैं या नहीं। प्रशासन के आदेशों में ट्राइसिटी के बाहर से 3 दिन से ज्यादा समय के लिए शहर में आने पर 14 दिन के लिए सेल्फ-होम क्वारंटीन अनिवार्य है।

परिवार में फैलते कोरोना संक्रमण ने बढ़ाई प्रशासन की चिंता

चंडीगढ़ में पिछले कुछ दिनों से मिल रहे कोरोना के ज्यादातर मरीज अपने परिवार में संक्रमित किसी दूसरे सदस्य के संपर्क में आने से पॉजिटिव हुए हैं। परिवार में बढ़ते कोरोना की चेन के कारण प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं बढ़ गई हैं। ऐसा माना जा रहा है कि सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों का पालन घर के बाहर तो किया जा रहा है लेकिन घर के अंदर उसकी अनदेखी हो रही है, जिसका खामियाजा पूरा परिवार भुगत रहा है।

बीते 20 जून को शहर में कोरोना के एक साथ 24 मामले सामने आए थे। इनमें से 12 मामले एक परिवार के और 7 मामले दूसरे परिवार के थे। डॉक्टरों का कहना है कि घर के एक सदस्य के संक्रमित होने से उसके संपर्क में आने वाले घर के सभी सदस्य कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। ऐसी स्थिति में जरूरी है कि घर के बाहर जाने वाला सदस्य घर के बाहर कोरोना से बचाव के सारे मानकों का सावधानी से पालन करे। इतना ही नहीं घर के अंदर भी सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का कड़ाई से पालन करना होगा।

इन इलाकों में बढ़ा खतरा 

शहर के जिन क्षेत्रों में घर के अंदर कोरोना संक्रमण तेजी से फैला रहा है, उन इलाकों में मौलीजागरां, खुड्डा अलीशेर, खड्डा जस्सू, सेक्टर-24, डड्डूमाजरा, सेक्टर-38 और मनीमाजरा शामिल हैं। इन इलाकों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें शुरुआती दौर में परिवार का कोई एक सदस्य संक्रमण की चपेट में आया और फिर देखते-देखते पूरे परिवार को कोरोना ने अपनी चपेट में लिया। इन क्षेत्रों से एक हफ्ते के दौरान 40 मरीज सामने आए हैं।

बापूधाम में टूटी कोरोना की चेन 

कुछ दिनों पहले तक शहर के लिए बापूधाम कोरोना का गढ़ बना हुआ था। लेकिन प्रशासन की तरफ से वहां लागू किए गए मानकों का कड़ाई से पालन होने के बाद वहां से संक्रमित मरीजों के आने का क्रम थम चुका है। पिछले कुछ दिनों में बापूधाम से कोरोना के इक्का-दुक्का मामले ही सामने आए हैं, जबकि शहर के अन्य क्षेत्र अब नए संक्रमित जोन बनते जा रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि ऐसी स्थिति में जरूरी है कि लोग कोरोना से बचाव के नियमों का कड़ाई से पालन करें।

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