
इंडिया ब्रेकिंग /करनाल रिपोर्टर(ब्यूरो) प्रदेश में शासित भारतीय जनता पार्टी व जननायक जनता पार्टी की गठबंधन सरकार द्वारा गन्ना के चालू खरीद सीजन के दामों में वृद्धि न किए जाने को लेकर गन्ना उत्पादक किसानों में रोश बढ़ता जा रहा है। जिसके लिए किसानों ने भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले लामबंद्व होना शुरू कर दिया है। गन्ना किसान आंदोलन को तेज करने के लिए आने वाली 25 जनवरी को जींद सहकारी शुगर मील जींद के मुख्य द्वार के सामने प्रदेश स्तरीय किसान महापंचायत बुलाई गई है। जिसकों लेकर प्रदेश की शुगर मीलों में किसान पंचायतों का आयोजन करके गन्ना किसानों से रायशुमारी करने का सिलसिला जारी है। इसी सिलसिले के चलते आज भारतीय किसान यूनियन के तत्वाधान में प्रदेश अध्यक्ष रतनमान की अध्यक्षता में करनाल सहकारी शुगर मील लि. करनाल के परिसर में किसान पंचायत आयोजित की गई। करनाल मील से जुड़े गन्ना किसानों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लेकर सरकार से 340 से 400 रूपए प्रति किवंटल किए जाने की प्रदेश सरकार से जोरदार मांग की गई। पंचायत को संबोधित करते हुए प्रदेशाध्यक्ष रतनमान ने कहा कि गठबंधन की सरकार किसान विरोधी बनी हुई है। गन्ने के दामों में वृद्धि करने के मामले में सरकार टस से मस नही हो रही है। जबकि किसान पंचकूला के कृषि भवन के समक्ष गन्ने की फसल का दहन भी कर चुके है। लेकिन सरकार खामोशी साधे हुए है।
मान ने कहा कि गत 6 साल के दौरान गन्ना के दामों में मात्र 30 रूपए प्रति किवंटल ही की गई है। जबकि गन्ने की पैदावार करने में मजदूरी सहित उपज लागत खर्च में बेहताशा बढ़ौतरी हुई है। जिसकों लेकर किसानों में भारी रोश है। उन्होंने कहा कि इसी मामले को लेकर जींद के सहकारी मील में 25 जनवरी को प्रदेश स्तरीय किसान महापंचायत बुलाई गई है। महापंचायत में प्रबल आंदोलन के लिए रणनीति तय की जाएगी। गठबंधन सरकार को गन्ने के दामों में वृद्धि करवाने के लिए मजबूर किया जाएगा। इस अवसर पर प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह घुम्मन, जिलाध्यक्ष यशपाल राणा, महिला अध्यक्ष नीलम राणा, मेहताब कादियान, श्याम सिंह मान, सुरेंद्र सागवान, श्याम सिंह चौहान, दिलावर डबकोली, सतीश कलसोरा, विनोद राणा, राजाराम, नाथीराम कांबोज, कर्ण कालिया, रामसिंह मोदीपुर, फते सिंह मंगलोरा, जोगिंद्र सांगवान, देवेंद्र सागवान, गजे सिंह शेर गढ़ टापू, देवेंद्र भाटिया, करेशन नम्बरदार, जिले सिंह लालूपुरा, बबलू सोहाना, मोती राम ढ़ाकवाला, राजेश नलीखुर्द, संजीव नसीर पुर, दलविंद्र खराज पुर, जसमेर ढ़ाकवाला रोडान, जसबीर सुभरी, पालाराम महमद पुर, नरेंद्र महमदपुर, बलवंत रींडल, पुरूषोतम लंडोरा, संजय बदर पुर, भीम डबकोली, राममेहर कलसोरा सहित सैंकडों किसान मौजूद थे।