
लगातार बढ़ते प्रदूषण के कारण दिल्ली एनसीआर की हवाएं जहरीली होती जा रही है। प्रदूषण अपने खतरनाक स्तर पर है। आज सुबह से ही एनसीआर के अधिकतर इलाकों में धुंध और धुएं की परत छाई हुई है। बढ़ते प्रदूषण पर काबू पाने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) नई दिल्ली एनसीआर ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चरण 4 को लागू कर दिया है।
पंजाब में लगातार बढ़ रही पराली जलाने की घटनाओं की वजह से दिल्ली एनसीआर में सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है। यही वजह है कि ग्रैप के चौथे चरण को लागू कर दिया गया है। इसके बाद से दिल्ली एनसीआर में कई तरह की पाबंदियां लागू हो गई है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने राजधानी दिल्ली और एनसीआर के अंतर्गत आने वाले जिलों में डीजल से चलने वाले चार पहिया वाहनों पर रोक लगा दी है।
राजधानी दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश पर प्रबंधन लगा दिया गया है। सीएक्यूएम द्वारा जारी आदेश के मुताबिक बीएस-6 मानक, अति आवश्यक वो आपत्कालीन सेवाओं इस्तेमाल हो रहे वाहनों को छोड़ दी जाएगी। आगे आदेश में कहा गया कि राज्य सरकार शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने, गैर-आपातकालीन वाणिज्यिक गतिविधियों और ‘सम-विषम’ के आधार पर वाहनों के चलने पर फैसला ले सकती है।
ग्रैप के चौथे चरण लागू होने से एनसीआर में लगी ये पाबंदियां
1. दिल्ली-एनसीआर में चार पहिया डीजल वाहनों के चलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। हालांकि बीएस-6, आवश्यक और आपातकालीन सेवाओं के वाहनों को छूट दी जाएगी।
2. दिल्ली में इलेक्ट्रिक और सीएनजी से चलने वाले ट्रकों के अलावा अन्य ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। आवश्यक वस्तुओं का ट्रांसपोर्ट करने वाले वाहनों को छूट दी जाएगी। .
3. दिल्ली-एनसीआर में राजमार्ग, फ्लाईओवर, ओवरब्रिज, बिजली पारेषण, पाइपलाइन जैसी ‘लीनियर पब्लिक प्रोजेक्ट्स’ में निर्माण और विध्वंस कार्यों पर रोक लगा दी गई है।
4. केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की छूट दे सकती है।
5. दिल्ली एनसीआर के उद्योगों पर पाबंदी लगा दी गई है। साथ यह अधिकृत सूची से बाहर के ईंधन के प्रयोग पर रोक लगेगी।
6. एनसीआर राज्य सरकारें सार्वजनिक, निगम और निजी दफ्तरों में 50 फीसदी क्षमता के साथ घरों से काम करने की छूट दे सकती है।
7. राज्य सरकारें स्कूल व कॉलेज को बंद करने के साथ गैर आपातकालीन वाणिज्यिक गतिविधियों को बंद कर सकती है।
कहां कितना पहुंचा प्रदूषण का स्तर एक्यूआई
चरखी दादरी: 460
दिल्ली: 450
गुरुग्राम: 430
नोएडा: 423
गाजियाबाद: 416
ग्रेटर नोएडा: 418
फरीदाबाद: 373