
युवाओ पर सोशल मीडिया का प्रभाव ।
युवाओ पर सोशल मीडिया का प्रभाव सकरात्मक या नकरात्मक ।
आज के समय मे सोशल मीडिया सभी के लिए जरूरी हो गया है । खास कर युवा पीढ़ी के लिए । लोग सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते है। लोगो के पास अलग-अलग एकाउंट्स है बहुत सी सोशल आप्लिकेशन है जिस के जरिये हम लोग सोशल नेटवर्क से जुड़े हुए है। लेकिन क्या आप ये जानते है कि सोशल मीडिया के दो पक्ष है सकरात्मक और नकारात्मक । यानी कि सोशल मीडिया के अच्छे और बुरे दोनो प्रभाव है। जिसके पास स्मार्टफोन है वो सोशल मीडिया पे एक्टिव होता ही है। सोशल मीडिया के प्रभाव जानने से पहले ये जान लेते है कि सोशल मीडिया होता क्या है ? लोग अक्सर सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते है। आज लोगो के पास विभिन्न सोशल मिडिया वेबसाइट के अलग-अलग एकाउंट्स है और बहुत सी सोशल आप्लिकेशन है जिस के जरिये हम लोग सोशल नेटवर्क से जुड़े हुए है लेकिन अब ये जुड़ाव हमारी जिन्दगी का अहम हिस्सा बन गया है, इतना अहम कि हम अपनों से दूर होते जा रहे है और चाहते है कि सोशल मीडिया पर जब हम व्यस्त हो तो हमें कोई रोके नहीं । लेकिन क्या आप ये जानते है कि सोशल मीडिया के दो पक्ष है सकरात्मक और नकारात्मक ।इसे लेकर युवा वर्ग और शिक्षक वर्ग में लम्बी बहस होती आ रही है। यानी कि सोशल मीडिया के अच्छे और बुरे दोनो प्रभाव है। जिसके पास स्मार्टफोन है वो सोशल मीडिया पे एक्टिव होता ही है इसका मुख्य कारण सस्ता इन्टरनेट है जिसने सभी को आजादी दे दी कि वो अधिक से अधिक सोशल मिडिया पर एक्टिव रह सके।अब तो चाहे हम सो रहे हो या सुबह उठ रहे हो हमारी पहली नजर अपने फोन पर ही जाती है.हमें ये देखने में ज्यादा दिलचस्पी होती कि रात भर में हमें कितने मेसेज वाट्स एप्प और कितने लाइक व् कमेंट फसबुक पर आये। लेकिन सोशल मीडिया के नकरात्मक व् सकरात्मक प्रभाव जानने से पहले ये जान लेते है कि सोशल मीडिया होता क्या है ?
सोशल मीडिया – हम बहुत से मीडिया का उपयोग करते है । जैसे कि प्रिंट मीडिया इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और समानांतर मीडिया लेकिन सोशल मीडिया इन सभी मीडिया से अलग है सोशल मीडिया इंटरनेट के माध्यम से एक अलग ही दुनिया बनाता है जिसका उपयोग कर के व्यक्ति सोशल मीडिया कि किसी प्लेटफार्म फेसबुक, टि्वटर इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप आदि पर एक्टिव रह सकता है । सोशल मीडिया व्यक्ति के जीवन का एक हिस्सा बन चुका है जिसके बहुत सारे फ़ीचर्स है। जैसे कि सूचनाएं प्रदान करना, मनोरंजन करना और शिक्षित करना । लेकिन सोशल मीडिया का सकरात्मक उपयोग कम देखने को मिलता है। आज का युवा सोशल मीडिया के जाल मे फँसता जा रहा है। आज के समय में बहुत बड़ी संख्या मे युवा पीढ़ी व्हाट्सअप, फेसबुक,इंस्टाग्राम, हाईक और भी कई एप्स ओर साइट्स का उपयोग करता है। ये एक जाल की तरह है जिसमे युवा फस चुका है जहाँ से निकलना बहुत मुश्किल होगा।आज सोशल मिडिया के कारण हम अपने रिश्तो को खोने से भी परहेज नहीं करते।
जब हमारे समाज मे सोशल मीडिया का इतना रोल नही था । तब युवा अपने भविष्य को सुदृढ़ बनाने के लिए बहुत प्रयास करता था। अपने भविष्य को समय दे रहा था लेकिन आज के समय में युवा पीढ़ी के दिन का एक बहुत बड़ा हिस्सा सोशल मीडिया पर निकलता है। पहले युवा खेल कूद मे हिस्सा लेते थे जिससे उनका दिमाग तेज और एक्टिव रहता था । लेकिन आज कल युवा स्मार्टफोन मे गेम एप्लिकेशन डाउनलोड कर के फ़ोन मे ही गेम खेलते है। जिसका नकरात्मक असर उनके दिमाग और शरीर पर पड़ रहा है। इस के अलावा लोग सोशल मीडिया पर गलत सूचनाएं भेजते है जिसका असर समाज पर और व्यक्ति के दिमाग पर पड़ता है। अभी ये काफी नही है लोग सोशल मीडिया का घिनोना उपयोग भी करते है। सोशल मीडिया युवाओ को सही राह पर भी बढ़ावा देता है और गलत राह पर भी बढ़ावा देता है। सोशल मीडिया के लाभकारी ओर हानिकारक दोनो प्रभाव है।
सोशल मीडिया के लाभकारी प्रभाव ।
• यह बहुत तेज गति से दुनिया के एक कोने से दूसरे कोने मे पहुचने वाला संचार का माध्यम है।
• यह देश भर के लोगो को एक साथ जोड़ता है।
• यह सूचनाओ को एक जगह पर इकट्ठा करता है।
• दुनिया भर के समाचार प्रदान करता है।
• यह शिक्षित व अशिक्षित दोनो वर्गो के लिए समान है।
• यहाँ सभी लोग समान है कोई भी उच्च या निम्न स्तर का नही है।
• बड़ी से बड़ी सूचना, विडियो, फ़ोटो आदि को आसानी से शेयर किया जा सकता है।
• आप अपने पक्ष को दुनिया के सामने रख सकते है।
• यह पर हर विषय के बारे मे सूचना उपलब्ध है।
• यहाँ किसी भी प्रकार के कंटेंट का कोई मालिक नही होता है।
सोशल मीडिया के दुष्प्रभाव ।
• यह बहुत सारी जानकारी प्रदान करता है जिनमे बहुत सी गलत जानकारी भी होती है।
• सही जानकारी मे किसी भी तरह के बदलाव कर के पेश किया जा सकता है।
• यहाँ कंटेंट का कोई मालिक न होने से मूल स्रोत का अभाव होता है।
• प्राइवेसी पूर्ण रूप से भंग हो जाती है ।
• फ़ोटो ओर वीडियो की एडिटिंग करके गलत सूचना को फैला कर दंगे होने की आशंका भी उत्पन हो जाती है।
• सोशल मीडिया पर सायबर अपराध सब से बड़ी समस्या है।
• सोशल मीडिया युवाओं की शारीरिक रोग को बढ़ावा देता है।
• युवाओं के दिन का अध्कितर समय सोशल मीडिया पर निकलता है।
• हम अपने अधिकतर समय को परिवार या दोस्तों में बिताने की जगह सोशल मिडिया पर बिता रहे है।
• हम बाथरूम में जाएँ या बाजार में सामान लेने अपना ज्यादातर समय हम सोशल मिडिया को देना चाहते है क्योंकि अब सोशल मिडिया हमारी जिन्दगी में किसी नशे की तरह अपनी जगह बना चूका है।
निष्कर्ष – सोशल मीडिया के दो पक्ष है। लेकिन कही न कहीं युवाओ मे सोशल मीडिया का दुष्प्रभाव ज्यादा देखने को मिलता है।
पत्रकार शिप्रा तिवारी