
नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर अपनी पहचान रखने वाले इंफ्लुएंसर्स और सेलिब्रिटीज अब सरकार के रडार पर हैं. दरअसल केंद्र सोशल मीडिया पर सक्रिय कंटेंट क्रिएटर के लिए पेड प्रमोशन को लेकर नई गाइडलाइंस जारी करने जा रही है.
जिसमें भारी-भरकम जुर्माने का प्रावधान है. एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया (ASCI) के मौजूदा दिशा-निर्देशों के बावजूद इन नए नियमों की घोषणा की गई है.
विज्ञापनों पर नजर रखने वाली इस संस्था ने पिछले साल प्रभावशाली लोगों के लिए प्रमोशनल पोस्ट को लेबल करना अनिवार्य कर दिया था. ASCI से जुड़े लोगों का कहना है कि सरकार के इस कदम के दूरगामी प्रभाव देखने को मिल सकते हैं. क्योंकि भारत में इनफ्लुएंसर्स की मार्केटिंग बहुत तेजी से बढ़ रही है.
क्रिप्टो प्लेटफॉर्म से जुड़ी गड़बड़ी के बाद सख्ती
कंटेंट क्रिएटर आयुष शुक्ला ने कहा कि, क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म से जुड़ी हालिया गड़बड़ी, जहां पैसों की निकासी को रोक दिया गया था और यहां तक कि आरबीआई ने ऑक्टा एफएक्स जैसे ट्रेडिंग ऐप के खिलाफ सख्ती बरती थी. इसलिए सरकार की ओर से इस तरह कदम की बहुत जरूरत थी क्योंकि इससे रेग्युलेशन प्रमोट ट्रांसपेरेंसी को बढ़ावा मिलेगा.
दरअसल इस साल की शुरुआत में जब क्रिप्टोक्यूरेंसी प्लेटफॉर्म वॉल्ड ने अपने प्लेटफॉर्म पर सभी लेनदेन को निलंबित कर दिया, तो अक्षत श्रीवास्तव, अनीश सिंह ठाकुर, अंकुर वारिकू और अनंत लद्दा सहित ब्रांड को बढ़ावा देने वाले प्रभावशाली लोगों को आलोचना का सामना करना पड़ा था.
सोशल मीडिया यूजर्स ने इन YouTubers पर आरोप लगाया कि कई छात्रों और युवाओं ने इन रचनाकारों की सामग्री से प्रभावित होने के बाद अपने पैसों को वॉल्ट में जमा कर दिया था. इन यूट्यूबर्स ने वॉल्ड को सोशल मीडिया पर क्रिप्टो एफडी के रूप में प्रचारित किया था.
ज्यादातर शिकायतें सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स के खिलाफ
क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंजों को पिछले साल गैर-जिम्मेदार विज्ञापनों के लिए सरकार ने फटकार लगाई थी. खासतौर पर T20 विश्व कप के दौरान जब क्रिप्टो ब्रांड की टीवी और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर बाढ़ आ गई थी. इसके कारण कई क्रिप्टो प्लेटफॉर्म ने अपने मार्केटिंग कैंपन को निलंबित कर दिया. क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े विज्ञापनों पर नियंत्रण के लिए ASCI दिशा-निर्देश भी दिए. वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (वीडीए) को विनियमित करने वाले ये अहम निर्देश 1 अप्रैल से लागू हो चुके हैं.
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर बन कर कमा सकते हैं लाखों रूपए, जानिये कैसे
हालांकि जून में ASCI ने बताया कि जनवरी और मई के बीच क्रिप्टो-संबंधित 400 विज्ञापनों उसके दिशा-निर्देशों का उल्लंघन हुआ. इसे लेकर कुल शिकायतों में से 92 प्रतिशत यूट्यूब पर एक्टिव इंफ्लुएंसर्स यानी प्रभावशाली लोगों के खिलाफ दर्ज की गईं.
भारी-भरकम जुर्माने का प्रावधान
उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) द्वारा हाल ही में घोषित नए दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वाले इंफ्लुएंसर्स और यूट्यूबर्स पर 10 लाख रुपये से लेकर 50 लाख रुपये तक का भारी जुर्माने का प्रावधान है. ये नए दिशानिर्देश अगले कुछ दिनों में लागू होने की संभावना है. दरअसल कंटेंट निर्माता और सोशल मीडिया इनफ्लूएंसर्स को सोशल मीडिया पर प्रॉडक्ट को बढ़ावा देने के लिए कई ब्रांड्स द्वारा भुगतान किया जाता है.
प्रस्तावित दिशा-निर्देशों के अनुसार सोशल मीडिया इनफ्लूएंसर्स को किसी ब्रांड के साथ अपने जुड़ाव की घोषणा करनी होगी यदि वे किसी उत्पाद का समर्थन करने के लिए उनसे पैसे लेते हैं.