
देश के डॉक्टर और चिकित्साकर्मी तेजी से कोरोना वायरस महामारी की चपेट में आ रहे हैं जोकि चिंता का विषय बनता जा रहा है। मुंबई के अस्पतालों में पिछले दो सप्ताह में कम से कम 90 डॉक्टर और चिकित्साकर्मी कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए हैं। अब इस महामारी से निपटने के लिए अस्पतालों की तैयारियों पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। मुंबई में 1,500 बिस्तरों वाले आठ निजी सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों को सील कर दिया गया है।
इंदौर में डॉक्टर की मौत
देशभर में कोरोना वायरस से पीड़ित चिकित्साकर्मियों की संख्या बढ़कर 200 हो गई है जबकि 12 निजी अस्पतालों की सील किया गया है। गरुवार को मध्यप्रदेश के कोरोना हॉटस्पॉट इंदौर में एक डॉक्टर की मौत हो गई थी। हालांकि, प्रदेश सरकार ने साफ किया था कि वह कोविड-19 मरीजों का इलाज नहीं कर रहे थे।
मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के स्वास्थ्य कार्यकर्ता संघों ने मास्क, दस्ताने और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) की कमी को लेकर शिकायत की है। देशभर में अभी तक कई स्वास्थ्यकर्मियों की कोरोना संक्रमित होने के बाद मौत हो चुकी है।
मुंबई के कई अस्पतालों पर प्रतिबंध
मुंबई में सैफी, जसलोक, ब्रीच कैंडी और वॉकहार्ट जैसे प्रमुख चिकित्सा केंद्रों में नए मरीजों की भर्ती पर 14 दिनों के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है। शुक्रवार को दादर के शुश्रुषा अस्पताल को सील कर दिया गया था। इन अस्पतालों में चिकित्साकर्मियों के अलावा कम से कम 50 डॉक्टरों का कोविड-19 का इलाज जारी है। डॉक्टरों और नर्सों सहित अन्य 200 चिकित्साकर्मियों को 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन किया गया है।
मरीजों की सुरक्षा के लिए अस्पतालों को बंद रखना जरूरी: बीएमसी
बीएमसी की उप स्वास्थ्य अधिकारी दक्षा शाह ने कहा कि अन्य मरीजों की सुरक्षा के लिए इन अस्पतालों को 14 दिनों की अवधि के लिए बंद रखना आवश्यक है। हम लगातार वार्डों को कीटाणुरहित कर रहे हैं और करीबी संपर्कों के नमूने ले रहे हैं। यह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार किया जा रहा है। वहीं, दूसरी तरफ डॉक्टरों का कहना है कि इस महामारी के दौरान 14 दिनों के लिए अस्पतालों को सील करना सही नहीं है।
राजस्थान में 50 चिकित्साकर्मी संक्रमित
राजस्थान में जयपुर के सूरजपोल इलाके में चिकित्साकर्मियों में कोरोना की पुष्टि होने के बाद एक छोटे से निजी अस्पताल को गुरुवार को सील कर दिया गया। अधिकारियों ने कहा, राज्य में कोरोना वायरस से संक्रमित चिकित्साकर्मियों की कुल संख्या बढ़कर लगभग 50 हो गई है। उनमें से कुछ सही हो गए हैं। इससे पहले तीन डॉक्टरों और 14 चिकित्साकर्मियों में कोविड-19 की पुष्टि होने के बाद भीलवाड़ा में एक निजी अस्पताल को सील कर दिया गया था।
हरियाणा में तीन चिकित्साकर्मी पॉजिटिव
हरियाणा में पंचकुला के एक सामान्य अस्पताल में एक नर्स, गुरुग्राम में सिविल अस्पताल में एक माइक्रोबायोलॉजिस्ट और फरीदाबाद में एक मलेरिया कार्यकर्ता कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। एहतियात को तौर पर इन अस्पतालों के कुछ मुख्य हिस्सों को बंद कर दिया गया है।
यूपी और पश्चिम बंगाल में भी डॉक्टर संक्रमित
उत्तर प्रदेश के लखनऊ में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में एक डॉक्टर संक्रमित पाया गया था। पश्चिम बंगाल में हावड़ा जिला अस्पताल जहां दो व्यक्तियों की कोरोना से पिछले 10 दिनों में मृत्यु हो गई थी वहां के अधीक्षक की बुधवार रात को आई कोविड-19 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। जिसके बाद उन्हें कोविड-देखभाल अस्पताल में भर्ती कराया गया। गुरुवार सुबह अस्पताल में एक चिकित्साकर्मी भी कोरोना पीड़ित पाया गया।
आयुष्मान भारत योजना में शामिल हुए सभी चिकित्साकर्मी
बता दें कि सभी चिकित्साकर्मी अब राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना ‘आयुष्मान भारत’ के अंतर्गत आते हैं। कुछ राज्य सरकारों ने उन्हें अतिरिक्त स्वास्थ्य बीमा कवर भी प्रदान किया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोना वायरस बीमारी के कारण मरने वाले किसी भी चिकित्साकर्मी के लिए मुआवजे की घोषणा की। कई अन्य राज्य सरकारों ने भी समान मुआवजे की घोषणा की है।