
पेशे से आईटी कर्मचारी विनोद जोशी के फोन पर बुधवार को तीन एसएमएस आए। इन एसएमएस में लिखा था कि उनके फास्टैग खाते से 310 रुपये कट गए हैं।
सब ठीक है लेकिन एक समस्या है। समस्या यह कि कार तो पूरा दिन उनके घर पर ही खड़ी थी। फिर फास्टैग खाते से रुपये कैसे कट गए? जोशी ने इस पर नकली या क्लोन फास्टैग की आशंका जताते हुए जांच की मांग की है।
जोशी ने कहा, ‘बुधवार को मैंने अपनी कार का उपयोग केवल बेटी को स्कूल छोड़ने के लिए किया था। उसका स्कूल सेनापति बापत मार्ग पर है। मैं पुणे-मुंबई एक्सप्रेसवे के आस-पास भी नहीं था। मेरे पास सीसीटीवी फुटेज है जिसमें देखा जा सकता है कि कार पूरा दिन घर में ही खड़ी रही।’ उन्होंने बताया, सुबह आए पहले एसएमएस में वाशी टोल प्लाजा से 40 रुपये कटने की जानकारी थी।
जोशी ने कहा, मैं कुछ समझ पाता कि 8.40 पर दूसरा एसएमएस आ गया, जिसमें खालापुर टोल प्लाजा पर 203 रुपये कटने की जानकारी थी। इसके बाद दोपहर 12.40 बजे तीसरा एसएमएस आया। इसमें तालेगांव टोल प्लाजा पर 67 रुपये कटने की जानकारी थी। जोशी ने फास्टैग खाता जारी करने वाले बैंक की ग्राहक सेवा से बात करने की कोशिश की लेकिन कुछ परिणाम नहीं निकला।
उन्होंने कहा, अगर मैंने अपने फास्टैग खाते में ज्यादा रुपये रखे होते तो मुझे कहीं ज्यादा नुकसान उठाना पड़ सकता था। मैं इसे लेकर चिंतित हूं और अधिकारियों को इस मामले की जांच करनी चाहिए। जोशी ने बैंक में शिकायत दर्ज कराई है और जल्द ही वह महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) से भी संपर्क करेंगे। यह एक्सप्रेसवे पर सभी टोल प्लाजा के लिए जिम्मेदार है।
उधर, एमएसआरडीसी के मुख्य महानिदेशक (टोल प्रशासन) कमलाकर फांड ने कहा है कि हम निश्चित तौर पर इस मामले की जांच करेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसी शिकायतें आई हैं कि कुछ फास्टैग खातों से पैसा नहीं कट रहा है और कुछ वाहनों में दो फास्टैग हैं, लेकिन ऐसा मामला पहली बार सामने आया है।