आरटीआई का खुलासा, पढिये पूरी खबर !

पानीपत आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने एक बार फिर बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि आरटीआई से खुलासा हुआ है कि मुख्य सूचना आयुक्त यशपाल सिंघल राज्य सूचना आयोग में केसों का निपटारा करने में नंबर वन पर हैं, जबकि अधिकांश सूचना आयुक्त केसों का फैसला करने में फिसड्डी साबित हुए हैं. नतीजन, राज्य सूचना आयोग मे एक वर्ष में लंबित केसों की संख्या 6080 पहुंच गई है. पिछले वर्षों में सूचना आयोग का वार्षिक बजट 25 लाख से 35 गुणा बढ़कर 8.75 करोड़ पहुंच गया है. इन 14 वर्षों में कुल 52.41 करोड़ रुपये की बजट राशि खर्च की गई, जबकि पिछले 9 वर्षों में आरटीआई के प्रचार प्रसार पर सूचना आयोग व राज्य सरकार ने फूटी कौड़ी तक खर्च नहीं की है. वर्ष 2018 में पूरे प्रदेश में कुल 68,393 आरटीआई आवेदनों में से 61 प्रतिशत यानि 41,888 आवेदन पुलिस विभाग में लगे हैं.

लंबित केसों में 63 फीसदी की हुई वृद्धि :-

सूचना अधिकार कार्यकर्ता पीपी कपूर ने बताया कि राज्य सूचना आयोग में अपीलकर्ताओं को सुनवाई की लंबी-लंबी तारीखें दी जाती हैं. नतीजन प्रदेश में आरटीआई एक्ट मजाक बन कर रह गया है. इस बारे में उन्होंने राज्य सूचना आयोग हरियाणा में आरटीआई लगाई थी. इस पर राज्य सूचना आयोग के अवर सचिव यज्ञदत्त चुघ ने 23 जनवरी को चौंकाने वाली सूचनाएं दी हैं. जनवरी माह में आयोग में लंबित केसों की कुल संख्या वर्ष 2019 में 3,731 से 63 प्रतिशत की बेतहाशा वृद्धि होने से दिसंबर 2019 तक ये संख्या 6,080 हो गई.

वर्ष 2018 में सूचना के लिए 68,393 आवेदन लगाए :-

कपूर ने बताया कि वर्ष 2018 में पूरे प्रदेश के विभिन्न कार्यालयों में सूचना लेने के लिए कुल 68,393 आवेदन लोगों ने लगाए हैं. सबसे ज्यादा आरटीआई आवेदन 41,888 पुलिस विभाग में लगाए गए हैं, जबकि एमडीयू रोहतक में 3,995, खाद्य आपूर्ति विभाग में 2,832, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग में 2057 आरटीआई आवेदन लगाए गए हैं.

सूचना आयुक्त के रिक्त पदों को भरे जाने की मांगपीपी कपूर ने लंबित 6,080 अपील केसों पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार से विशेष अभियान चलाकर इन सभी लंबित केसों का निपटारा करने की मांग राज्य सूचना आयोग से की है. वहीं हरियाणा सरकार से सूचना आयुक्तों के रिक्त पड़े तीन पद भी तत्काल भरे जाने की मांग की है !

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