हरियाणा में बंद होने की कगार पर निजी ITI, कही तीन तिहाई सीट खाली तो कही एक भी नहीं स्टूडेंट, जानिए ऐसा क्यों

रोहतक। हरियाणा सरकार भले ही कौशल विकास पर जोर दे रही हो, लेकिन युवाओं का इस ओर रुझान काफी कम है। प्रदेश में राजकीय आईटीआई की तुलना में निजी आईटीआई की स्थिति काफी खराब है। चार चरणों की दाखिला प्रक्रिया के बावजूद 92.2 फीसदी सीटें रिक्त हैं। रिक्त सीटों के पीछे निजी संस्थानों की महंगी फीस और संसाधनों की कमी को भी वजह माना जा रहा है| अगर ओपन काउंसलिंग में भी सीटें नहीं भरी तो कई संस्थान और कोर्स बंदी की कगार पर हैं।

बता दें प्रदेश में 201 निजी आईटीआई हैं, जहां 21780 सीट हैं, इनमें से अभी तक महज 1691 सीटों पर ही दाखिले हुए हैं। 20089 सीटें अभी भी रिक्त हैं, और 59 ITI ऐसी भी हैं जहां एक भी दाखिला नहीं हुआ। नियम के अनुसार, यदि एक साल में एक ट्रेड या संस्थान में दाखिला नहीं होता तो उसे निरस्त कर दिया जाता है और यदि तीन साल तक ऐसी स्थिति रहे तो उसे पूरी तरह बंद कर दिया जाता हैं।

प्रदेश में महज तीन संस्थान ही ऐसे हैं, जहां चार चरणों की दाखिला प्रक्रिया के दौरान ही सभी सीटें भर गई। राजकीय आईटीआई छछरोली की 104, राजकीय आईटीआई मुहा की 88 और सैनिक परिवार भवन आईटीआई रोहतक की सभी 96 सीट पर दाखिला हो चुका है। सरकारी और प्राइवेट मिलाकर कुल 66,067 सीटें अभी भी ITI में रिक्त पड़ी है।

लिहाजा अब प्रदेशभर की सभी ITI में बुधवार से ऑन दा स्पॉट एडमिशन प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यह प्रक्रिया 26 अगस्त तक चलेगी। इसमें रोजाना मेरिट लिस्ट बनाई जाएगी और जो भी अपने दस्तावेज वेरिफाई करवाएंगे, उन्हें मौके पर ही एडमिशन दे दिया जाएगा। 25 अगस्त को आखिरी ऑन दा स्पाट मेरिट जारी की जाएगी।

इस दौरान तक जो अपने दस्तावेज वेरिफाई करवाएंगे वह 26 अगस्त तक फीस जमा करवा सकेंगे। 9-26 अगस्त तक एडमिशन प्रक्रिया में हिस्सा लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। पुराने पंजीकृत छात्रों के अलावा नए छात्र भी आवेदन कर सकेंगे।

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