
करनाल के रेलवे रोड स्थित प्रेम प्लाजा में गुलाब जामुन में मिले मरे हुए कीड़े तो पत्रकारो ने किया हंगामा।
खाद्य सुरक्षा विभाग को मिलती है हर महीने लाखों की वसूली इसलिए बन्द हो जाती है आंखे।
करनाल : आजकल सीएम सीटी करनाल के नामी-गिरामी होटल व रेस्टॉरेंट में मिलावट का धंधा अपने पैर पसार रहा है।पिछले दिनों इंडिया ब्रेकिंग द्वारा जिन बड़े संस्थानो में हो रही अनदेखी के बारे में जनता को बताया गया उनमें चाहे करनाल के सेक्टर 13 स्थित होटल की बात हो, रेलवे रोड स्थित भंडारी स्वीट्स की बात हो या कल शहर के जाने माने होटल प्रेम प्लाजा का वाकया हो सभी जगह ग्राहक जितने विश्वास से जाते है वँहा उन्हें उतनी ही निराशा होती है।
अब जो ताजा मामला सामने आया है उसमें कल करनाल के प्रेम प्लाजा होटल में पारस अस्पताल की ओर से डॉक्टरों की एक टीम पत्रकार वार्ता का आयोजन कर रही थी।प्रेसवार्ता में करनाल के लगभग सभी जिसमें पत्रकार मौजूद थे। प्रेस वार्ता के के बाद जब पत्रकारो और डाक्टरो के लिए दोपहर के खाने का काउंटर खोला गया तो उस काउंटर में मौजूद गुलाब जामुन के अंदर मरे हुए कीड़े-मकोड़े तैरते मिले जिसके बाद पत्रकारो ने होटल प्रबन्धन को खूब खरी खोटी सुनाई।
मामला किसी आम व्यक्ति के आयात होता तो बात और होती लेकिन पत्रकारो के साथ हुए इस मामले को देख होटल प्रबन्धन के हाथ पांव फूल गए और आनन फानन में होटल प्रबन्धन ने गुलाब जामुन बदल दिए लेकिन अधिकतर पत्रकारो ने इस मामले के बाद खाना नहीं खाया।
मामले के बाद होटल प्रेम प्लाजा के मैनेजर माफिया मांगते हुए नजर आए वहीं दूसरी ओर इतनी बड़ी गलती मैनेजमेंट से कैसे हुई यह एक बड़ा सवालिया निशान है जबकि बड़े होटलों में खाने की जांच के खासतौर पर गुणवत्ता विभाग होता है।वहीं सवाल उठ रहा है कि आये दिन करनाल के बड़े संस्थानो में इस तरह के मामले सामने आ रहे है इसका क्या मतपब निकाला जाए? चाहे मामला सेक्टर 13 स्थित कालड़ा स्वीट्स का हो या रेलवे रोड स्थित भंडारी स्वीट्स और प्रेम प्लाजा होटल का, इस तरह के मामले कहीं न कहीं जनता के मन से बड़े संस्थानो के प्रति विश्वास को गिराने का काम कर रहे है।
वहीं सीएम सीटी करनाल में खाद्य सुरक्षा विभाग भी सेटिंग के बलबूते काम करता दिखाई दे रहा है।खबर है कि खाद्य सुरक्षा विभाग को सिर्फ करनाल शहर से ही कई लाख रुपये महीने की वसूली होती है ऐसे में जनता की जान से खिलवाड़ हो या किसी की जान चली जाए इससे सीएम सीटी करनाल के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को कोई फर्क नहीं पड़ता।आपको बतादें कि यदि किसी व्यक्ति को किसी खाद्य पदार्थ का सेम्पल करवाना हो तो उससे 5000₹ की सरकारी फीस वसूली जाती है ताकि कोई इस तरह सैम्पल करवा ही न पाएं।यदि कोई 5000₹ फीस अदा करने को तैयार हो जाता है तो उसे ये कहकर मना कर दिया जाता है कि अभी हमारे पास टाइम नहीं है।