नई दिल्ली. केंद्र सरकार की एकीकृत खाद्य सुरक्षा योजना को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) नाम दिया गया है, जिसके तहत एक जनवरी से 80 करोड़ से अधिक गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न दिया जा रहा है. सरकार द्वारा पीएमजीकेएवाई के नाम से जानी जाने वाली एक अन्य योजना के तहत गरीब लोगों को पांच किलोग्राम खाद्यान्न का मुफ्त मासिक वितरण बंद करने पर विपक्ष की आलोचना के बीच यह कदम उठाया गया है.
अप्रैल, 2020 में कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर शुरू की गई यह योजना पिछले साल दिसंबर में समाप्त हो गई. पिछले महीने सरकार ने पीएमजीकेएवाई को दो मौजूदा खाद्य सब्सिडी योजनाओं में शामिल करने का फैसला किया और इसके परिणामस्वरूप नई एकीकृत खाद्य सुरक्षा योजना लागू हुई.
मिलेगा मुफ्त राशन
खाद्य मंत्रालय ने बयान में कहा कि नई योजना का नाम प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) रखा गया है. लाभार्थियों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए और राज्यों में एकरूपता बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत पात्रता के अनुसार गरीब लाभार्थियों को वर्ष 2023 के लिए पीएमजीकेएवाई के तहत मुफ्त खाद्यान्न प्रदान किया जाएगा.
हर परिवार को 35 किलो अनाज
एनएफएसए के तहत प्राथमिकता वाले परिवारों की श्रेणी के लिए प्रति व्यक्ति प्रति माह खाद्यान्न की पात्रता पांच किलोग्राम है, जबकि अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) के परिवारों के लिए 35 किलोग्राम प्रति परिवार प्रति माह है. दिसंबर 2022 तक, एनएफएसए लाभार्थियों को मोटा अनाज, गेहूं और चावल के लिए क्रमशः 1 रुपये, 2 रुपये और 3 रुपये प्रति किलोग्राम की अत्यधिक सब्सिडी वाली दर पर खाद्यान्न की पात्रता मिल रही थी. अब, उन्हें यह इस साल मुफ्त में मिलेगा.
गरीब की थाली नहीं रहेगी खाली
मंत्रालय के अनुसार, जमीनी स्तर पर पीएमजीकेएवाई के सुचारू क्रियान्वयन के लिए पहले ही आवश्यक कदम उठाए जा चुके हैं. मंत्रालय और भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के अधिकारी नई योजना को सुचारू रूप से लागू करने के लिए नियमित रूप से राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे हैं. गरीबों के वित्तीय बोझ को दूर करने के लिए केंद्र सरकार एनएफएसए और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत खाद्य सब्सिडी के रूप में 2023 में दो लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च करेगी.