बड़ा खुलासा : कौन चाहता है भारतीय कम्पनी पतंजली को बदनाम किया जाये ?

पतंजली एक भारतीय कम्पनी है और इसे निरंतर नीचा दिखाने की कोशिश हो रही है: पतंजली प्रबन्धन

सवाल :क्या विदेशी कम्पनियों की गिरती बिक्री और पतंजली का बढ़ता व्यापार है विवाद की वजह ?

दोस्तों कल रात इंडिया ब्रेकिंग के सोशल मिडिया वेबसाइट फेसबुक के ऑफिसियल पेज पर एक अपडेट को पोस्ट किया गया जिसमे बताया गया था कि खाड़ी देश कतर में पतंजली के प्रोडक्ट बैन कर दिए गए है.खबर पर काफी विवाद रहा और कुछ मित्रो ने कहा कि ये एक वर्ष पुरानी खबर है जबकि जिस पत्रकार ने ये खबर पोस्ट की थी उसने कहीं ये नहीं लिखा था कि ये खबर पुरानी है या नई लेकिन अपडेट के तौर पर इस खबर को पोस्ट कर दिया गया.खबर पोस्ट होने के बाद पतंजली के मुख्यालय से इंडिया ब्रेकिंग की टीम को सम्पर्क किया गया और कुछ तथ्यों के साथ अपना पक्ष दिया गया जिसे हमने इन्टरनेट पर खंगाला तो कुछ हद पतंजली कि और से आया ब्यान और इन्टरनेट कि जानकारी एक दुसरे से मिलने लगी.पतंजली के अनुसार वो शुरू से आज तक आम जन के गुणवत्ता के आधार पर सस्ते व् महंगे दोनों तरह के खाद्य व् अन्य प्रोडक्ट बनाते आ रहे है.

एक समय ऐसा भी था जब बाकी कंपनियों कि बिक्री में बड़ी गिरावट दर्ज की गई और पतंजली देशभर में नम्बर वन ब्रांड बनने लगा.इसी दौरान कुछ बड़ी कम्पनिया जिनकी बिक्री एकदम गिर चुकी थी ने मार्केटिंग के हर तरह के हथकंडे को अपनाकर पतंजली के खिलाफ एक किस्म का अभियान शुरू कर दिया.खाड़ी देश कतर में पतंजली के प्रोडक्ट बैन की खबर उसी मार्केटिंग का एक हिस्सा था जबकि सच्चाई ये थी कि खाड़ी देश कतर ने केवल लेबल को लेकर आपत्ति दर्ज करवाई जोकि वो अपने देश में बिक्री के हिसाब से बनवाना चाहते थे जबकि पतंजली के किसी भी प्रोडक्ट पर कभी कोई स्थाई बैन या रोक लगाई ही नहीं गई.पतंजली की तरफ से आये ब्यान में बताया गया है कि खाड़ी देशो में एक ही धर्म को लेकर जिस तरह से माहौल बनाया जाता है उसी का फायदा लेकर भारत में काम कर रही बड़ी कम्पनियों ने इस खबर को कुछ ऐसा बनाकर दिखाया जैसे पतंजली के प्रोडक्ट में तकनीकी तौर पर कोई दिक्कत थी.जब इंडिया ब्रेकिंग ने भी इस सन्दर्भ में इन्टरनेट पर जानकारी जुटाई तो पाया कि भारत में काम कर रही कुछ बड़ी विदेशी कम्पनिया जिनके लिए भारत एक बड़ा बाजार मात्र है लम्बे अरसे से पतंजली के विरुद्ध कई भ्रामक सूचनाएं सोशल मिडिया के माध्यम से फैला रहीं है जिसके चलते पिछले कुछ समय में पतंजली को लेकर भारत की जनता का मन बदल रहा है लेकिन एक बड़ा वर्ग आज भी पतंजली के बने प्रोडक्ट्स को ही प्राथमिकता देता है.

पतंजली की तरफ से जो बयान इंडिया ब्रेकिंग को मिला है उसमें बताया गया है कि पतंजली जल्द ही कुछ बड़े और नए प्रोडक्ट के साथ बाजार में वैसे ही धूम मचाएगा जैसे अब से कुछ वर्ष पहले थी.इन्टरनेट पर मिली जानकारी के अनुसार विभिन्न मिडिया रिपोर्ट्स में पतंजली की बिक्री को जितना कम करके दिखाया जा रहा है असल में वो बिक्री उतनी नहीं गिरी है. ये केवल उस रणनीति का हिस्सा है जिससे लोगो के मन में मानसिक तौर पर ऐसी स्थिति बना दी जाए जैसे पतंजली के प्रोडक्ट अब विश्वास के लायक नहीं रहे जबकि जो लोग पतंजली के प्रोडक्ट लम्बे समय से उपयोग में ला रहें है उनका दावा है कि आज भी पतंजली के पदार्थ उतने ही विश्वासपात्र व् शुद्ध है जितना शुरुआत में थे.वहीं पतंजली द्वारा देश भर में खोले गए बड़े माल में बढती हुई बिक्री भी इस ओर इशारा कर रही है कि पतंजलि द्वारा जारी किये गए कई प्रोडक्ट्स ऐसे है जिनकी बिक्री साल दर साल बढ़ती जा रही है और शायद यही विदेशी कम्पनियों के डर कि एक बड़ी वजह है जिस कारण आये दिन भारत कि सबसे बड़ी स्वदेशी कम्पनी पतंजलि के खिलाफ सोशल मिडिया पर भ्रामक खबरें फैलाई जा रहीं है.

 

अब सवाल है कि क्या विदेशी कम्पनियों के मन में ये डर तो नहीं बैठ गया कि पतंजली के आने के बाद उनकी कम्पनी भारत से रवानगी की तरफ बढ़ रही है ? पिछले कुछ समय से पतंजली ने बेहद बड़ी तादाद में अपने आउटलेट देशभर में खोले है जन्हा कई हजार प्रोडक्ट उपलब्ध है जो कम्पनी ने आम आदमी के द्वारा रोजाना उपयोग किये जाने वाली पसंद का एक हिस्सा है.अब सवाल है कि क्या भारत में जन्मी सबसे बड़ी भारतीय कम्पनी पतंजली की बढती लोकप्रियता के कारण ही कम्पनी के विरुद्ध दुष्प्रचार का एक हिस्सा है या किसी जगह पर पतंजली को भी खुद में जनता की जरूरत अनुसार बदलाव करने की जरूरत है ?

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