
रोहतक. लॉकडाउन में पलायन कर चुके मजदूरों ने किसानों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं. किसान धान की फसल लगाने की तैयारी कर रहा है, लेकिन उसे धान की रोपाई के लिए लेबर नहीं मिल रही. कुछ किसान उत्तर प्रदेश और बिहार से स्पेशल लेबर भी ला रहे हैं. किसानों ने बताया कि स्थानीय लेबर ने अपने रेट बढ़ा दिए हैं, जिसके कारण फसल की लागत भी बढ़ गयी है.
बता दें कि उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों से हरियाणा में रोटी की तलाश में मजदूर आते थे और यहां किसानों की फसल रोपाई में मदद करते थे. लेकिन अबकी बार स्थिति बिल्कुल विपरीत है, क्योंकि लॉकडाउन में लगभग सभी लेबर अपने गांव लौट गई. किसान अब अपनी धान की फसल लगाने की तैयारी कर रहा है. धान की पौध भी तैयार हो चुकी है. किसान को इन्तजार है तो सिर्फ लेबर का.
किसानों का खर्च बढ़ा
दरअसल, धान की रोपाई के लिए यूपी और बिहार कुछ किसान किराये की गाड़ी लेकर जा रहे हैं और लगभग 20 हजार रुपये खर्च करके वहां से लेबर रोहतक ला रहे हैं. किसान ऋषिकेश ने बताया की पहले जो मजदूर खेतों में फसल लगाने में मदद करते थे वो लगभग 2200 रुपये प्रति एकड़ लेते थे लेकिन अब लेबर की कमी के चलते रेट बढ़कर 4000 के लगभग हो गया है.
सरकार से की ये मांग
वहीं, आस पास के गाँव की लोकल लेबर भी इन्हीं दामों पर धान की रोपाई कर रही है. जिसके चलते अब धान की लागत में भी बढोतरी होगी. जिसका नुकसान किसान को ही उठाना पड़ेगा. किसान बताते हैं की प्रति एकड़ धान लगाने में लगभग 25 हजार रुपये खर्च होते हैं, लेकिन इन दिनों लागत पहले के मुकाबले और भी ज्यादा बढ़ जाएगी. किसानों ने सरकार से मांग की है कि धान लगाने के लिए सरकार कोई स्पेशल मशीन का प्रबन्ध करे, ताकि लागत में कम लगे और उन्हें कुछ मुनाफा नसीब हो सके.