
प्रयागराज. सब कुछ तय योजना के हिसाब से चला तो गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद (Atiq Ahmed) के चंगुल से प्रयागराज (Prayagraj) के आलीशान लूकरगंज इलाके में खाली कराई गई जमीन करीब 76 परिवारों के लिए आशियाना बन जाएगी. उत्तर प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना (Pradhan Mantri Awas Yojana- PMAY) के लाभार्थियों के लिए इस जमीन पर आवासीय फ्लैटों का निर्माण कर रही है. जिसके लिए आवंटन प्रक्रिया अगले वित्तीय वर्ष से शुरू होने की संभावना है. परियोजना को बनाने के लिए निर्माण एजेंसी प्रयागराज विकास प्राधिकरण (Prayagraj Development Authority-PDA) के सचिव अजीत कुमार सिंह ने कहा कि ‘कुल मिलाकर 1,731 वर्ग मीटर की भूमि पर दो ब्लॉकों को बनाया जा रहा है और ये तीन मंजिला इमारतें होंगी.’
पीडीए के सचिव अजीत कुमार सिंह ने कहा कि एक ब्लॉक में 36 और दूसरे में 40 घर होंगे. ड्रॉ के बाद इन्हें जल्द ही आवंटित किया जाएगा. पीडीए के अधिकारियों ने कहा कि अतीक अहमद के कब्जे से खाली की गई इस जमीन पर प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत बनाए जा रहे 76 घरों के आवंटन के लिए 6,000 से अधिक ऑनलाइन आवेदन हासिल हुए हैं. इसके लिए लोगों की प्रतिक्रिया जबरदस्त थी. पीडीए को आवेदनों के साथ जमा किए गए ‘गारंटी मनी’ के रूप में इच्छुक व्यक्तियों से लगभग 3.16 करोड़ रुपये हासिल हुए हैं. सत्यापन के लिए राज्य शहरी विकास प्राधिकरण (एसयूडीए) को आवेदन भेजे गए हैं. जिसके बाद लॉटरी सिस्टम के माध्यम से घरों का आवंटन किया जाएगा.
लॉटरी ड्रॉ के जरिये मिलेंगे फ्लैट
अधिकारियों ने आगे कहा कि जिन लोगों को लॉटरी सिस्टम के जरिये से फ्लैट नहीं मिलता है, उनकी गारंटी की रकम वापस कर दी जाएगी. उन्होंने कहा कि ड्रॉ के माध्यम से फ्लैट आवंटित किए जाएंगे. इसके लिए पीएमएवाई लाभार्थी को 3.5 लाख रुपये का भुगतान करना होगा, जबकि घरों को तैयार करने की लागत के तौर पर खर्च किए गए बाकी पैसे का बोझ राज्य और केंद्र सरकारें साझा रूप से उठाएंगी. पीडीए ने बताया कि हासिल हुए कुल आवेदनों में से करीब 2,000 आवेदन आवंटन के योग्य पाए गए. इस महत्वाकांक्षी परियोजना की आधारशिला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिसंबर 2021 में रखी थी.
इलाहाबाद पश्चिम विधानसभा सीट में बन रहे ये फ्लैट
ये PMAY आवास इलाहाबाद पश्चिम विधानसभा सीट के तहत स्थित जमीन पर बनाए जा रहे हैं. फूलपुर से सांसद चुने जाने से पहले अतीक अहमद इस विधानसभा सीट से लगातार पांच बार विधायक रहा था. उसके वर्चस्व का सिलसिला बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े राजू पाल ने तोड़ा. लेकिन 2005 में उनकी हत्या कर दी गई और उसी साल हुए उपचुनाव में अतीक अहमद के छोटे भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ ने इस सीट को जीत लिया. बहरहाल 2007 में राजू पाल की विधवा पूजा पाल ने इस सीट पर जीत हासिल की और 2012 में भी इसे बरकरार रखा. 2017 में, बीजेपी के सिद्धार्थ नाथ सिंह ने इस सीट को जीता और 2022 में इसे बरकरार रखा.