लॉकडाउन के दूसरे चरण में अब इस तरीके से होगी सख्ती : विज

अम्बाला : प्रधानमंत्री मोदी ने जिन कड़े तेवरों के साथ लॉकडाऊन पार्ट-2 को 3 मई तक बढ़ाने की घोषणा की उससे लगता है कि अम्बाला का जिला प्रशासन व पुलिस इसे लागू करने के लिए पिछले लॉकडाऊन से ज्यादा सख्ती बरतेगा। पिछले 21 दिनों के लॉकडाऊन में अम्बाला स्वास्थ्य विभाग कोरोना के प्रकोप को रोकने में काफी हद तक कामयाब रहा। करीब 12 लाख आबादी वाले अम्बाला जिले में कोरोना पॉजीटिव के कुल 8 मामले सामने आए, जिनमें से 4 तब्लीगी जमात के थे। 1 व्यक्ति की मौत जरूर हुई लेकिन कुछ एक ठीक होकर घर भी गए।

कोरोना की रोकथाम में बड़ी भूमिका निभाने वाले 3 महकमें गृह, स्वास्थ्य एवं स्थानीय निकाय विभाग के मंत्री अनिल विज अम्बाला में ही बैठे हैं जिसके चलते यहां कोरोना के खिलाफ जंग बेहतर तरीके से लड़ी गई। पंजाब पुलिस की तरह यहां पुलिस ने डंडे चलाने की बजाय समझाने-बुझाने पर ज्यादा जोर रखा। शायद इसीलिए कई बार लोग सोशल डिस्टैंसिंग को ताक पर रखकर बेखौफ सड़कों व गलियों में घूमते नजर भी आए। लॉकडाऊन के आखिरी सप्ताह में पुलिस जरूर जोरदार एक्शन में नजर आई।

अम्बाला छावनी में तो कमोबेश कर्फ्यू जैसे हालत हो गए थे जबकि अम्बाला शहर में भी पुलिस ने बेवजह घूमने वालों पर जमकर शिकंजा कसा। प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को किए अपने सम्बोधन में साफ-साफ कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कठोरता और ज्यादा बढ़ाई जाएगी। 20 अप्रैल तक हर कस्बे, हर थाने, हर जिले, हर राज्य को परखा जाएगा। उन्होंने कहा कि वहां लॉकडाऊन का कितना पालन हो रहा है, उस क्षेत्र ने कोरोना से खुद को कितना बचाया है, यह देखा जाएगा और इसी आधार पर वहां पर 20 अप्रैल से कुछ जरूरी गतिविधियों की अनुमति दी जा सकती है।

उन्होंने एक तरह से राज्य सरकारों को लॉकडाऊन पार्ट-2 में पूरी सख्ती बरतने के निर्देश दिए। माना जा रहा है कि राज्य सरकारें भी पहले के मुकाबले में लॉकडाऊन पार्ट-2 में प्रधानमंत्री की कसौटी पर पूरा उतारने की कोशिश करेंगी। इसके लिए उन्हें जिला प्रशासन व पुलिस को कड़े निर्देश देने होंगे। समझा जा रहा है प्रशासन व पुलिस इस बार लॉकडाऊन तोडऩे वालों के साथ सख्ती से निपटेगी।

लॉकडाऊन पार्ट-1 के दौरान अम्बाला छावनी व अम्बाला शहर में गृह मंत्री अनिल विज व विधायक असीम गोयल की अगुवाई में दर्जनों सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं ने हर जरूरतमंद तक खाना व राशन पहुंचाया। प्रवासी मजदूरों व बेघरों को ठहराने का भी समुचित इंतजाम हुआ। दोनों शहरों में गुरुद्वारों ने लंगर व जरूरतमंदों की सेवा में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी। अम्बाला के लोगों को कई जगह पुलिस का मानवीय चेहरा भी देखने को मिला, जहां उन्होंने खुद लोगों में खाना बांटा और उनका दुख सांझा किया।

अम्बाला छावनी में पूर्व पार्षद चित्रा सरवारा ने सांझी रसोई चलाकर खाना बांटा तो कुछ कांग्रेसी नेता भी अपने तौर पर सक्रिय नजर आए। जजपा ने लोगों में सैनिटाइजर बांटा तो इनैलो लोगों के बीच बहुत नजर नहीं आया। पूर्व विधायक विनोद शर्मा ने अम्बाला शहर में 2 सैनिटाइजर मशीनें भेजकर कई इलाकों को सैनिटाइज करवाया। अब प्रशासन व सामाजिक संस्थाओं के सामने 3 सप्ताह के लिए एक और बड़ा इम्तिहान आ गया है। अनिल विज ने पहले ही कहा हुआ है कि उनके होते अम्बाला में कोई भूखा नहीं सोएगा। असीम गोयल को एक बार फिर अपनी फौज के साथ मैदान में उतरना होगा। डी.सी. अशोक शर्मा व पुलिस अधीक्षक अभिषेक जोरवाल को भी पहले की तरह एक बार फिर दिन-रात एक करना होगा।

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