अब बेबी पाउडर बना और बेच भी सकती है कंपनी, जॉनसन एंड जॉनसन को HC ने दी ये राहत

मुंबई. बेबी पाउडर ( Baby Powder) का उत्पादन और उस उत्‍पाद को भारत में बेचने वाली अमेर‍िका बेस्‍ड कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन (Johnson and Johnson) को आज बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ी राहत म‍िली है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी को बेबी पाउडर बनाने के साथ-साथ उसके उत्‍पाद को बेचने की भी अनुमत‍ि दे दी है.

कंपनी पर बेबी पाउडर से कैंसर होने के आरोप लगे थे ज‍िसके बाद महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) ने गत 15 सितंबर को अपने एक आदेश में जॉनसन एंड जॉनसन का लाइसेंस रद्द कर दिया था. इसके बाद 20 सितंबर को एक दूसरे आदेश में बेबी पाउडर (Baby Powder) के उत्पादन और बिक्री पर भी रोक लगा दी थी. लेकिन अब उसे बड़ी राहत म‍िली है.

बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने जॉनसन एंड जॉनसन को अपना बेबी पाउडर बनाने और बेचने की अनुमति दे दी है. साथ ही महाराष्ट्र सरकार के लाइसेंस रद्द करने के आदेश को सख्त बताते हुए उसको खारिज भी कर दिया है. हाईकोर्ट के आदेश के बाद जॉनसन एंड जॉनसन को बड़ी राहत मिली है.

न्यायमूर्ति गौतम पटेल और न्यायमूर्ति एसजी दिगे की पीठ ने कंपनी को बेबी पाउडर का उत्पादन करने, उसका वितरण करने तथा उसे बेचने की अनुमति दे दी. पीठ ने कंपनी की राज्य सरकार के दो आदेशों को चुनौती देने वाली एक याचिका पर यह आदेश पारित किया. राज्य सरकार के दो आदेशों में से एक 15 सितंबर, 2022 को कंपनी का लाइसेंस रद्द करना और दूसरा 20 सितंबर, 2022 को बेबी पाउडर के निर्माण और बिक्री को तुरंत रोकने का आदेश था. व्‍यवस्था देते हुए पीठ ने कहा कि कॉस्मेटिक उत्पादों के लिए गुणवत्ता और सुरक्षा संबंधी मानकों को बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है. लेकिन किसी एक उत्पाद में इनका मामूली विचलन होने पर पूरी उत्पादन प्रक्रिया को बंद करना उचित नहीं लगता.

अदालत ने आदेश में कहा क‍ि कार्यकारी एक चींटी को मारने के लिए हथौड़े का इस्तेमाल नहीं कर सकता. क्या यह हमेशा अपरिहार्य है कि जब किसी उत्पाद का, (निर्धारित मानदंडों से) विचलन या गैर-अनुपालन का एक मामला हो, तो नियामक प्राधिकरण के पास एकमात्र विकल्प, उत्पादन करने वाली कंपनी का लाइसेंस रद्द कर देना होता है?

पीठ ने कहा क‍ि यह हमें सख्त प्रतीत होता है. ऐसा लगता है कि कार्यकारी कार्रवाई में खामी अथवा अतार्किकता है. ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे पता चले कि एफडीए (राज्य खाद्य एवं औषधि प्रशासन) ने याचिकाकर्ता कंपनी के किसी अन्य उत्पाद के लिए या किसी अन्य कंपनी के लिए इस तरह का कड़ा रुख अपनाया है. कोर्ट ने अपनी व्यवस्था में सरकारी आदेशों को रद्द कर दिया और कंपनी को बेबी पाउडर उत्पादों के निर्माण, वितरण और बिक्री की अनुमति दे दी.

दरअसल, हाईकोर्ट के पूर्व आदेशों में कंपनी को अपने बेबी पाउडर का प्रोडक्शन जारी रखने की अनुमत‍ि दी थी. लेकिन देश में उसके उत्‍पाद की बिक्री नहीं करने के आदेश द‍िए गए थे. लेक‍िन अब उसको उत्‍पादन के साथ-साथ बेचने की अनुमत‍ि भी म‍िल गई है. वहीं, महाराष्‍ट्र सरकार के पूर्व के लाइसेंस रद्द करने के आदेश को भी खार‍िज कर द‍िया है.

क्‍या है मामला

बताते चलें क‍ि कोलकाता की सरकारी प्रयोगशाला की जांच में कंपनी के पाउडर की पीएच वैल्यू सुरक्षित सीमा से अधिक मिली थी. इसके बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए महाराष्ट्र सरकार ने सितंबर में कंपनी का लाइसेंस रद्द कर उत्पादन पर रोक लगा दी थी. इस फैसले के ख‍िलाफ जॉनसन एंड जॉनसन के खिलाफ कंपनी ने याच‍िका दायर की थी. इस पर अलग-अलग सुनवाई के बाद अब कंपनी को भारत में बेबी पाउडर के उत्‍पादन और बेचने की दोनों ही अनुमत‍ि म‍िल गई है. इसके बाद कंपनी ने बड़ी राहत की सांस ली है.

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