हरियाणा में अब 10वीं पास युवा भी ले सकेंगे बीज, खाद और दवाई बेचने का लाइसेंस

हरियाणा में खट्टर सरकार के द्वारा कम पढ़े लिखे युवाओं को भी रोजगार देने के लिए कृषि विभाग के द्वारा एक विशेष योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना के तहत प्रदेश के कम पढ़े लिखे युवाओं को रोजगार मिलेगा।  युवा मात्र 20 हजार रुपए की फीस में डिप्लोमा प्राप्त करेंगे और फिर अपना व्यवसाय शुरू कर सकेंगे। केंद्र सरकार और राज्य सरकार के द्वारा युवाओं को बीज, खाद और दवाई बेचने का डिप्लोमा दिलवाया जायेगा।

डिप्लोमा के लिए देने होंगे 20 हजार रुपए

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के गुण नियन्त्रक निरीक्षक डॉ.अजय कुमार इस योजना के बारें में बताया कि डिप्लोमा के बाद युवाओं को लाइसेंस उनके द्वारा ही दिया जाएगा। डिप्लोमा की फीस 20 हजार रुपए देनी होगी। उन्होंने बताया कि अब तक केवल उन्हीं लोगों का डिप्लोमा कराया जाता था, जो लोग पहले ही उक्त व्यवसाय को करते आ रहे हैं और उनके पास लाइसेंस हैं। पहले खाद, बीज और दवाई की डीलर के लाइसेंस के लिए डिप्लोमा की कोई शर्त नहीं थी। लेकिन  अब भारत सरकार ने खाद, बीज और दवाई के डीलर्स के लिए ये डिप्लोमा अनिवार्य कर दिया है।

10वीं पास युवा भी डिप्लोमा करने के बाद खाद, बीज और दवाई बेचने संबंधित लाइसेंस ले सकेंगे। क्योंकि हरियाणा एग्रीकल्चर मैनेजमेंट एक्सटेंशन ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (हमेटी) द्वारा 10वीं पास युवाओं को डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन सर्विसेज फार इनपुट डीलर (डेसी) कराया जाएगा। 48 सप्ताह का प्रशिक्षण करने के बाद डिप्लोमा देगा। इसको लेकर सप्ताह में एक दिन क्लास लगेगी। इस डिप्लोमा के आधार पर भारत के किसी भी राज्य में खाद, बीज और दवाई बेचने का लाइसेंस प्राप्त कर सकेंगे।  बिना डिप्लोमा किए आपको लाइसेंस प्राप्त नहीं होगा।

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