Note Printing Press: देश में नोट कहां छपते हैं, स्याही कहां से आती है, डिजाइन कौन तय करता है, सिक्के कैसे बनते हैं, जानिए सबकुछ

Note Printing Press

Note Printing Press: भारत की मुद्रा का नाम “रुपया” है। इस रुपये का इतिहास कई साल पुराना है! पहले केवल सिक्के ही प्रचलन में थे, लेकिन समय के साथ-साथ भारतीय मुद्रा का रूप, आकार बदलता गया। भारत में पहली बार बैंक नोट 1861 में ब्रिटिश राज के दौरान छापे गए थे।

आजादी के बाद बैंक नोट छापने की जिम्मेदारी सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की थी। क्या आप जानते हैं कि भारतीय बैंकनोट और सिक्के कहाँ मुद्रित और निर्मित होते हैं? इस देश में चार बैंकनोट मुद्रण मशीनें हैं, प्रत्येक एक अलग शहर में स्थित हैं। यहां एक कागज का नोट छपता है! इसके अलावा, सिक्के चार राज्य टकसालों में ढाले जाते हैं। बताएं कि बैंक नोटों को कैसे डिजाइन, प्रिंट और उभारा जाए।

पल पल की खबर के लिए IBN24 NEWS NETWORK का Facebook चैनल आज ही सब्सक्राइब करें। चैनल लिंक: https://www.facebook.com/ibn24newsnetwork

Note Printing Press

Note Printing Press: नोट छापने वाली संस्था की जिम्मेदारियां

मौद्रिक प्रबंधन विभाग के पास एक बैंकनोट मुद्रण योजना विभाग है जो बैंकनोटों के डिजाइन से लेकर मुद्रण तक सभी कार्य करता है। इनमें बैंक नोटों और सिक्कों की मांग का पूर्वानुमान लगाना, देश में बैंक नोटों और सिक्कों का उचित वितरण सुनिश्चित करना, अनुपयोगी और अप्रचलित सिक्कों को प्रचलन से हटाना आदि शामिल हैं।

Note Printing Press: कहां हैं करेंसी नोट प्रेस

विदेशी मुद्रा विभाग देश की 4 बैंकनोट मशीनों से बैंकनोट स्वीकार करता है। नोट मशीनों में से दो का स्वामित्व भारत सरकार के पास है और दो का स्वामित्व रिज़र्व बैंक के पास है। सरकारी नोट प्रेस नासिक और देवास में उपलब्ध हैं। इसके अलावा, दो अन्य प्रिंटिंग प्रेस मैसूर और सालबोनी (पूर्वी भारत) में स्थित हैं।

वहीं, ये सिक्के भारत सरकार के स्वामित्व वाली चार टकसालों में ढाले जाते हैं। ये टकसाल मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता और नोएडा में स्थित हैं। बैंक नोटों की छपाई 1975 में शुरू हुई। यहां 20 रुपये, 50 रुपये, 100 रुपये और 500 रुपये के नोट छापे जाते हैं। वहीं, देश की पहली करेंसी प्रिंटिंग प्रेस का संचालन 1926 में नासिक में शुरू हुआ। वर्तमान में यहां 1, 2, 5, 10, 50 और 100 रुपये के नोट छपते हैं।

Note Printing Press: मुद्रण स्याही कहाँ से आती है?

बैंकनोट मुद्रण के लिए ऑफसेट स्याही का उत्पादन दिवाज़ बैंकनोट मुद्रण मशीनों में किया जाता है। इसके अलावा, करेंसी नोटों के लिए एम्बॉसिंग स्याही का निर्माण सिक्किम स्थित स्विस कंपनी SICPA द्वारा किया जाता है। नोटों की नकल ना हो इसलिए विदेश से मंगाई जाने वाली स्‍याही के कंपोजीशन में बदलाव किया जाता है।

पल पल की खबर के लिए IBN24 NEWS NETWORK का YOUTUBE चैनल आज ही सब्सक्राइब करें। चैनल लिंक: https://youtube.com/@IBN24NewsNetwork?si=ofbILODmUt20-zC3

यह भी पढ़ें – Adani Port Deal Update: अदाणी ने एक और बन्दरगाह ₹3080 करोड़ में खरीदा, अब 14 पोर्ट पर व्यापार करेगा अदाणी ग्रुप

Advertisement