
राशन डिपो धारकों को आगे से यह शिकायत नहीं रहेगी कि उन्हें पूरा राशन नहीं मिला। सरकार ने राशन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए. इसके तहत राशन डिपो के इलैक्ट्रॉनिक कांटे को POS मशीन के साथ जोड़ दिया जाएगा। इससे ग्राहक अब यह जान पायेगा कि डिपो होल्डर द्वारा उसे कितना राशन तोला गया है, कहीं तोल में कोई गड़बड़ी तो नहीं रह गई। दरअसल ग्राहक को हमेशा यह शिकायत रहती थी कि उन्हें निर्धारित राशन का वितरण नही किया जाता।
डिपो धारक पर तोल में गड़बड़ी के आरोप लगते रहते थे। इस परेशानी का सरकार ने समाधान कर दिया है। न तो अब डिपो होल्डर पर गड़बड़ी के आरोप लगेंगे, न ही उपभोक्ताओं को परेशांन होना पड़ेगा। राशन का वितरण पूरी पारदर्शिता के साथ होगा। इसके लिए बकायदा राशन डिपो धारकों को ट्रेनिंग दी जाएगी। जिला में डिपो धारकों की संख्या 576 है। इन सभी डिपो की पोस मशीनों के सॉफ्टवेयर को खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के मुख्यालय द्वारा अपडेट किया जाएगा।
POS मशीन को डिपो के इलैक्ट्रॉनिक कांटे के साथ जोड़ा जाएगा। अभी तक ऐसे होता आया है कि डिपो धारक पहले पोस मशीन पर ग्राहक के फिंगर प्रिंट लेता है, फिर राशन तोल कर देता है। POS मशीन के कांटे के साथ जुड़ा होने के बाद जब तक कांटे पर राशन नहीं रखा जाएगा, ट्रांजैक्शन पूरी नहीं होगी। POS मशीन से निकलने वाली पर्ची पर अब यह लिखा होगा कि डिपो होल्डर द्वारा कितना राशन तोला गया है। ग्राहक को फिर डिपो होल्डर से कम तोल की शिकायत नहीं रहेगी
खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी ने कहा कि सरकार की तरफ से POS मशीनों के इलैक्ट्रॉनिक कांटे से अटैच करने की नोटिफिकेशन जारी की जा चुकी है। हिसार, अंबाला आदि कई जिलों में डिपो धारकों को ट्रेनिंग देने का काम शुरू हो चुका है। जल्द ही सभी जिलो के डिपो धारकों को भी ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके बाद लोगो को राशन वितरण में गड़बड़ी की शिकायत नहीं रहेगी। राशन वितरण में पूर्ण रूप से पारदर्शिता आएगी। राशन उपभोक्ता काफी लाभान्वित होंगे।