
फरीदाबाद। दिल्ली से सटे फरीदाबाद (हरियाणा) अब बिना अनुमति के कुत्ता-बिल्ली पालने पर जुर्माना लगेगा। कुत्ता-बिल्ली पालने के लिए पंजीकरण अनिवार्य किया गया है। हर कुत्ते का पंजीकरण किया जाएगा। सरकार के ताजा निर्देश के बाद नगर निगम ने पालतू पशुओं के पंजीकरण करने की तैयारी शुरू कर दी है।
सरकार के नए नियम के मुताबिक अब कोई भी बिना अनुमति के कुत्ता, बिल्ली और किसी पक्षी को नहीं पाल सकेगा। सरकार ने पालतू कुत्तों को लेकर निर्देश जारी किए है। कुत्ते के मुंह पर मुखौटा भी लगाना होगा, ताकि कुत्ता राह चलते किसी को काट न सके।
हर महीने कुत्ते व बंदर काटे जाने के आते हैं लगभग हजार मामले
पिछले कुछ दिनों से कुत्तों के काटने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। जिला नागरिक बादशाह खान अस्पताल में हर महीने कुत्ते, बिल्ली व बंदर के काटे जाने के लगभग हजार मामले आते हैं। इनमें एनआइटी, बड़खल तथा ओल्ड फरीदाबाद की विभिन्न कालोनियों के अलावा सेक्टर एरिया तथा सूरजकुंड क्षेत्र से भी बड़ी संख्या में मामले आते हैं।
नगर निगम के पास नहीं है कोई रिकार्ड
नगर निगम के पास अभी ऐसा कोई रिकार्ड नहीं है कि शहर में कितने पालतू कुत्ते हैं। चूंकि नगर निगम की ओर से कोई सख्ती नहीं की जाती, इसलिए कोई पंजीकरण भी कराने नहीं आता है। अब नगर निगम नए सिरे से कुत्तों की मौजूदा संख्या जानने को सर्वे कराएगा। इस सर्वे के दौरान लोगों को जागरूक भी किया जाएगा। इससे सही संख्या का रिकार्ड सामने आ जाएगा।
नगर निगम के वरिष्ठ निरीक्षक राजेंद्र दहिया ने बताया कि कुत्तों के पंजीकरण के लिए नवंबर के पहले सप्ताह में मुख्यालय में सहायता कक्ष शुरू किया जाएगा। कुत्ते-बिल्ली के पंजीकरण के लिए सरल पोर्टल पर आवेदन किया जा सकता है। शहर में हजार से अधिक डेयरियां हैं। सभी डेयरियों को शहर से बाहर किया जाएगा।
शहर से बाहर होंगी हजार से अधिक डेयरियां
नगर निगम क्षेत्र में लगभग एक हजार डेयरियां हैं। इन डेयरियों को शहर से बाहर किया जाएगा। नगर निगम की प्लानिंग शाखा डेयरी जोन के लिए जगह चिह्नित करेगी। बता दें कि कई वर्ष पहले नगर निगम की ओर से ओल्ड फरीदाबाद तथा बल्लभगढ़ में डेयरी जोन बनाया गया था। मगर अब दोनों जगह रिहायशी क्षेत्र हो गया है। एनआइटी व बड़खल में 500 तथा बल्लभगढ़, तिगांव व ओल्ड फरीदाबाद में भी 500 से अधिक डेयरियां हैं, हालांकि निगम के समक्ष यब बड़ी चुनौती होगी, क्योंकि डेयरियों को बाहर करने के लिए पहले डेयरी जोन बनाना पड़ेगा।