सेकंड हैंड कार डीलर्स के लिए आ रहा नया नियम, वाहन मालिकों को होगा ये फायदा

नई दिल्ली. सेकंड हैंड कारें बेचने वाले डीलर के लिए सरकार जल्द ही एक नया नियम बनाने जा रही है. नए नियमों का फायदा ऐसे लोगों को होगा, जो अपनी कार नया ग्राहक मिलने तक डीलर्स के पास अमानत के तौर पर रख देते हैं.

परिवहन मंत्रालय ने इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया है. इसके मुताबिक, अब सेकंड हैंड कार डीलर्स को किसी भी कार को अपने पास रखने से पहले राज्य परिवहन विभाग से इजाजत लेनी होगी.

फिलहाल ऐसे डीलरों की जिम्मेदारी तय करने के लिए कोई नियम नहीं है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, परिवहन मंत्रालय ने इसमें सुधार करने के लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियमों में बदलने का प्रस्ताव दिया है. इससे बड़ी संख्या में वाहन मालिक प्रभावित होंगे. ऐसे सभी डीलरों का रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन किया जाएगा.

आरटीओ को देनी होगी जानकारी

प्रस्ताव के अनुसार, जैसी ही कोई व्यक्ति अपना वाहन डीलर को सौंपता है तो दोनों को इसकी जानकारी आरटीओ को देनी होगी. इसके बाद अधिकृत डीलर वाहन का मालिक माना जाएगा और इससे संबंधित किसी भी घटना के लिए जिम्मेदार होगा. साथ ही डीलर भी वाहन की फिटनेस, डुप्लीकेट आरसी और एनओसी और वाहन के रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर के लिए आवेदन कर सकता है.

रोड पर नहीं कर सकते इस्तेमाल

नियम के मुताबिक, डीलर इन वाहनों का मेंटेनेंस, पेंटिंग और ट्रायल रन के अलावा किसी अन्य काम के लिए इस्तेमाल पब्लिक रोड पर नहीं कर सकेंगे. ऐसे कई मामले आए हैं, जब डीलरों की कस्टडी वाले वाहन महीनों तक ओरिजिनल मालिकों के नाम पर रहती है. इस दौरान मालिकों को यातायात नियमों के उल्लंघन के लिए चालान प्राप्त हुए हैं. यहां तक कि अपराधों में शामिल होने पर नोटिस मिलने तक का मामला सामने आया है.

नियम तोड़ने पर होगी कार्रवाई

अधिकृत डीलर को अपने पास प्रत्येक वाहन का ट्रिप रजिस्टर भी रखना होगा. इसके बाद नया ग्राहक मिलने पर वाहन को नए मालिक के नाम पर ट्रांसफर कर दिया जाएगा. सूत्रों ने कहा कि चूंकि प्राधिकरण की शर्त और उनके संचालन का विवरण स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाएगा. नियमों का उल्लंघन करने पर डीलर्स पर जुर्माना लगाया जा सकता या उनका लाइसेंस भी कैंसिल किया जा सकता है.

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