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मां ने 16 साल की बेटी का 8 बार ‘एग डोनेट’ कराया, सौतेले पिता पर लगा रेप का आरोप, जाने पूरा मामला

तमिलनाडु के इरोड में स्थित प्राइवेट फर्टिलिटी क्लीनिक में 16 साल की नाबालिग लड़की को एक बार नहीं बल्कि आठ बार अंडाणु दान (एग डोनेशन) करने के लिए मजबूर किया गया. लड़की को ऐसा करने पर मजबूर करने वाले 3 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार आरोपियों में एक पीड़िता की मां है. अब इस मामले में एक और नया खुलासा हुआ है. पुलिस ने जांच में पाया कि नाबालिग से पांच सालों में सौतेले पिता ने कई बार रेप किया.

एफआईआर के मुताबिक, पीड़िता की मां अपने पहले पति से अलग हो चुकी है. फिर उसने किसी और से शादी की. नाबालिग भी इनके साथ रहती थी. पीड़िता के साथ ये दोनों मारपीट करते थे. उसे जबरदस्ती एग डोनेशन के लिए मजबूर करते थे. सौतेला पिता एक अन्य महिला के साथ मिलकर नाबालिग से प्राइवेट फर्टिलिटी क्लीनिक में एग डोनेट करवाता था.

दूसरी आरोपी महिला ने ही नाबालिग का नकली आधार कार्ड बनाया था और पांच हजार का कमीशन लिया था. वहीं, आरोपी मां ने 20 हजार रुपए में बेटी के अंडे बेचे थे. पुलिस ने इस मामले में POCSO एक्ट, IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 506 (ii) (आपराधिक धमकी) के साथ-साथ कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है.

मामले में नाबालिग की 33 वर्षीय मां, उसका 40 वर्षीय सौतेला पिता और एक अन्य महिला को गिरफ्तार किया है. तीनों सेलम सेंट्रल जेल में बंद हैं. मामले का खुलासा तब हुआ, जब मां और सौतेले पिता की प्रताड़ना से तंग होकर नाबालिग मई महीने में भाग कर अपने रिश्तेदार के घर सेलम गई और उन्हें आपबीती सुनाई.

पुलिस ने मुताबिक, इस बीच लड़की की मां और दो अन्य लोग सेलम आए. वे लड़की को धमकाकर वापस इरोड ले गए. लड़की के रिश्तेदारों ने इरोड साउथ पुलिस स्टेशन में आरोपी मां और दो अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. उसी दिन उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

इस मामले की जांच कर रही चिकित्सा और ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा निदेशालय की छह सदस्यीय टीम ने पाया कि पिछले पांच सालों में लड़की को अपना अंडा विभिन्न फर्टिलिटी सेंटर में बेचने के लिए मजबूर किया गया. चिकित्सा एवं ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के संयुक्त निदेशक ए. विश्वनाथन के नेतृत्व वाली टीम ने छह जून को नाबालिग लड़की का बयान दर्ज किया.

अधिकारियों ने सोमवार को इरोड के दो प्राइवेट अस्पतालों और सलेम के दो प्राइवेट अस्पतालों की भी जांच की है. वहीं, प्रदेश के अन्य फर्टिलिटी सेंटरों में भी जांच जारी है. अधिकारियों ने कहा है कि अगर अस्पतालों की भी इसमें कोई भूमिका पाई गई तो उनके लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे. इसी तरह मामले में डॉक्टरों की संलिप्तता की भी जांच की जाएगी.

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