दुनिया का सबसे लंबा E-Highway बनने को तैयार! जानिए—दिल्ली से कहां तक जाएगा, हर 50 KM पर मिलेगा EV चार्जिंग हब; हवा और हाइड्रोजन से मिलेगी सुपरक्लीन पावर! भारत इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के भविष्य को लेकर तेजी से कदम बढ़ा रहा है, और इसी दिशा में एक ऐतिहासिक पहल होने जा रही है। देश में वर्ल्ड का सबसे लंबा ई-हाईवे बनाने की तैयारी चल रही है, जो इलेक्ट्रिक वाहनों के मालिकों के लिए लंबी दूरी की यात्रा को न केवल सुविधाजनक, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी बना देगा।

ई-हाईवे का रूट: दिल्ली से जयपुर तक
दुनिया का सबसे लंबा E-Highway बनने को तैयार! जानिए—दिल्ली से कहां तक जाएगा, हर 50 KM पर मिलेगा EV चार्जिंग हब; हवा और हाइड्रोजन से मिलेगी सुपरक्लीन पावर! यह महत्वाकांक्षी ई-हाईवे परियोजना दिल्ली-गुरुग्राम-जयपुर हाईवे पर शुरू की जा रही है। यह रूट देश के सबसे व्यस्त और महत्वपूर्ण मार्गों में से एक है। इस पहल के तहत, नेशनल हाईवे फॉर ईवी (NHEV) द्वारा 3G एनर्जी स्टेशन बनाए जाएंगे, जो इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग समस्या को जड़ से खत्म कर देंगे।
हर 50 KM पर EV चार्जिंग हब
दुनिया का सबसे लंबा E-Highway बनने को तैयार! जानिए—दिल्ली से कहां तक जाएगा, हर 50 KM पर मिलेगा EV चार्जिंग हब; हवा और हाइड्रोजन से मिलेगी सुपरक्लीन पावर! लंबी दूरी की यात्रा के दौरान इलेक्ट्रिक वाहन चालकों की सबसे बड़ी चिंता चार्जिंग स्टेशन की उपलब्धता होती है, जिसे रेंज एंग्जायटी (Range Anxiety) कहा जाता है। इस ई-हाईवे पर इस समस्या का समाधान किया जा रहा है:
•निश्चित दूरी: दिल्ली-गुरुग्राम-जयपुर हाईवे पर हर 50 किलोमीटर की दूरी पर एक EV चार्जिंग हब स्थापित किया जाएगा।
•सुविधा: यह सुनिश्चित करेगा कि वाहन चालकों को कभी भी चार्जिंग के लिए लंबा इंतजार न करना पड़े और वे बिना किसी चिंता के अपनी यात्रा पूरी कर सकें।
सुपरक्लीन पावर: हवा और हाइड्रोजन का इस्तेमाल
दुनिया का सबसे लंबा E-Highway बनने को तैयार! जानिए—दिल्ली से कहां तक जाएगा, हर 50 KM पर मिलेगा EV चार्जिंग हब; हवा और हाइड्रोजन से मिलेगी सुपरक्लीन पावर! इस ई-हाईवे की सबसे अनूठी और पर्यावरण-हितैषी विशेषता यह है कि चार्जिंग स्टेशनों को पावर देने के लिए ग्रिड फ्री (Grid Free) तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। इसका मतलब है कि ये स्टेशन पारंपरिक बिजली ग्रिड पर निर्भर नहीं रहेंगे, बल्कि अपनी बिजली खुद पैदा करेंगे।
•3G एनर्जी स्टेशन: ये स्टेशन सोलर (Solar), विंड (Wind), थर्मल (Thermal) और हाइड्रोजन (Hydrogen) जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करके बिजली उत्पन्न करेंगे।
•पर्यावरण-अनुकूल: हवा (विंड) और हाइड्रोजन जैसी सुपरक्लीन पावर का उपयोग करके, यह ई-हाईवे न केवल वाहनों को चार्ज करेगा, बल्कि कार्बन उत्सर्जन को भी न्यूनतम रखेगा, जिससे यह परियोजना पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी।
भारत के लिए एक ऐतिहासिक कदम
दुनिया का सबसे लंबा E-Highway बनने को तैयार! जानिए—दिल्ली से कहां तक जाएगा, हर 50 KM पर मिलेगा EV चार्जिंग हब; हवा और हाइड्रोजन से मिलेगी सुपरक्लीन पावर! यह ई-हाईवे परियोजना भारत के इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी। यह न केवल इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देगी, बल्कि देश के परिवहन क्षेत्र को भी हरित और टिकाऊ बनाने में मदद करेगी। दिल्ली-गुरुग्राम-जयपुर रूट की सफलता के बाद, इस मॉडल को देश के अन्य प्रमुख हाईवे पर भी लागू किया जा सकता है, जिससे भारत दुनिया के सबसे बड़े और सबसे स्वच्छ इलेक्ट्रिक वाहन नेटवर्क वाले देशों में से एक बन सकता है।
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