
चंडीगढ़। ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ का नारा देने वाले हरियाणा में लिंगानुपात को लेकर बड़ा सुधार हुआ है। साल 2014 में 1000 लड़कों पर 871 लड़कियों की तुलना में वर्ष 2020 में यहां सर्वोच्च लिंग अनुपात दर्ज किया है, जबकि 2016 में यह अनुपात 900 और 2015 में 876 था। सरकारी आकंड़ों के मुताबिक साल 2020 में करीब आठ हजार बच्चियों को कोख में कत्ल होने से बचाया गया। हरियाणा में इस बीच भ्रूण हत्या के खिलाफ लड़ाई जारी रखने का ऐलान हुआ है।
कोविड-19 महामारी के संकट के बावजूद ये उपलब्धि मायने रखती है। कामयाबी पर सीएम मनोहर लाल ने जिला उपायुक्तों, स्वास्थ्य पुलिस अभियोजन महिला और बाल विकास की पूरी टीम को बधाई दी है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 2021 के लिए प्रति 1000 लड़कों पर 935 प्लस का लिंगानुपात हासिल करने का टारगेट रखा है।
छह साल की अवधि में राज्य सरकार ने कन्या भ्रूण हत्या के खतरे को रोकने के लिए कई कदम उठाए। इनमें बड़े पैमाने पर जागरूकता कार्यक्रम, टीमों का गठन, भ्रूणों के अवैध लिंग-परीक्षण और अवैध गर्भपात में लिप्त केंद्रों की पहचान करना और अपराधियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। वहीं प्री-नेटल डायग्नोस्टिक तकनीक (विनियमन और दुरुपयोग की रोकथाम) यानी PNDT Act के उल्लंघन के बारे में जानकारी साझा करने वालों को प्रोत्साहन दिया गया।
लक्ष्य हासिल करने के लिए अंतर-राज्यीय छापेमारी के साथ-साथ स्टिंग ऑपरेशन कराए गए। इस दौरान 840 से अधिक FIR दर्ज हुईं. जिसमें पड़ोसी यूपी, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान और उत्तराखंड के 225 मामले भी शामिल हैं। इस दौरान करीब 3,000 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
इस संबंध में जानकारी देते हुए बेटी बचाओ, बेटी पढाओ कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ राकेश गुप्ता ने कहा कि राज्य सरकार का मुख्य उद्देश्य कन्या भ्रूण हत्या की घटनाओं पर रोक लगाना है। 2020 में करीब 100 आपराधिक मामले दर्ज किए। दिल्ली, पंजाब, यूपी और राजस्थान में अंतरराज्यीय छापेमारी के बाद 40 मामलों का खुलासा हुआ. केवल गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश में अधिकतम 11 एफआईआर के साथ अंतर-राज्यीय छापे के बाद 20 से अधिक एफआईआर दर्ज की गईं।
PNDT अधिनियम के तहत दर्ज मामलों के जिलेवार विवरणों पर श्री गुप्ता ने कहा कि जिन जिलों में दशकों तक लिंगानुपात 900 से कम था, उनमें से अधिकांश लिंगानुपात अब 920+ हो गया है, वहीं अब राज्य के 22 जिलों में से 20 जिलों में लिंगानुपात 900 या 900+ हैं।
उन्होंने कहा कि सिरसा जिला में लिंगानुपात 949 है. उन्होंने कहा कि 2020 के दौरान कुल 5,37,996 जन्म पंजीकृत किए गए, जिनमें 2,79,869 लडकियां और 2,58,127 लडक़े शामिल हैं।