
करनाल ( आकर्षण उप्पल ) करनाल नगर निगम पार्षदों का विरोध आखिरकार आईएएस अधिकारी राजीव मेहता पर एक बार फिर भारी पड़ा और शुक्रवार को एक आदेश के बाद उन्हें फिलहाल निगम आयुक्त के पद से हटा दिया गया है। सूत्रों की माने तो अब दोबारा उन्हें इस पद पर लगाया जायेगा इसकी संभावना बेहद कम है। आपको बता दें कि मेहता दूसरी बार करनाल नगर निगम के आयुक्त पद पर ट्रांसफर हुए थे लेकिन इस बार उनका कार्यकाल केवल 25 दिन का ही रहा । उनकी नियुक्ति के बाद से ही करनाल नगर निगम के पार्षदों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था और यही मुद्दे 21 जनवरी को निगम द्वारा आयोजित बैठक में चर्चा का मुख्य विषय रहा कि राजीव मेहता हर फाइल पर अड़ंगा लगा देते है। निगम में बढ़ते टकराव के बाद ये फीडबैक मुख्यमंत्री मनोहर लाल को दिया गया और आखिरकार हरियाणा सरकार ने राजीव मेहता के स्थान पर डीसी निशांत यादव को निगम की जिम्मेदारी सौंपी है। गौरतलब है कि निशांत यादव निगम आयुक्त के बाद से ही करनाल के डीसी बने हैं। वहीं चर्चा है कि एक तो गुरुवार को सीएम मनोहर लाल करनाल भाजपा जिलाध्यक्ष जगमोहन आनंद की अंतिम अरदास में आये थे वहीं पार्षदों और पार्टी नेताओ ने उन्हें ये फीडबैक दिया और शहर में चल रही गतिविधियों के बारे में उन्हें अवगत करवाया वहीं दूसरी चर्चा है कि फरवरी माह में राजीव मेहता के बेटे की शादी है, इसलिए वे खुद चार्ज छोड़ना चाह रहे थे लेकिन कुछ प्रशासनिक अधिकारीयों के अनुसार अगर मेहता को अस्थाई तौर पर हटाया जाता तो जारी किये आर्डर में ये बात लिखी जाती कि उनकी छुट्टी तक ये आदेश लागू रहेंगे वहीं उनके छुट्टी पर जाने के बाद उनका कार्यभार डीएमसी धीरज कुमार देख रहे थे । वहीं निगम पार्षदों का कहना है कि शहर के विकास में जो भी अधिकारी बाधा पहुंचाएगा, उसको सहन नहीं करेंगे तथा उन्हें उम्मीद है कि अब किसी फाइल पर आदेश देने की जगह डिसकस नहीं लिखा जाएगा।
29 दिसंबर को ही मिला था निगम आयुक्त का कार्यभार :-
आपको बता दें कि तबादलों की सूची 29 दिसंबर को जारी हुई थी। इसमें निगम कमिश्नर निशांत यादव को कमिश्नर से बदलकर डीसी लगाया गया था और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के सीईओ एवं पूर्व कमिश्नर राजीव मेहता को दोबारा से कमिश्नर बनाया गया था। अब फिर से राजीव मेहता के स्थान पर निशांत यादव को निगम कमिश्नर का अतिरिक्त चार्ज दिया गया है। मेहता और पार्षदों में इससे पहले भी कई बार टकराव के मामले सामने आते रहे हैं जिसके बाद विधानसभा चुनावो से पहले भी उन्हें निगम आयुक्त के पद से हटा दिया गया था। उस समय भी उन्हें निगम आयुक्त के पद से हटाकर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का सीईओ लगाया गया था।
एक अधिकारी के पास हो चार्ज :-
पार्षद एडवोकेट नवीन ने कहा कि नगर निगम करनाल का काम बहुत ज्यादा है। इसके लिए जो अधिकारी निगमायुक्त लगाया जाए, उनके पास दूसरा कोई चार्ज नहीं होना चाहिए। दोनों तरफ के कामों में अधिकारी किसी एक तरफ का काम अच्छे से नहीं निभा पाते। ऐसे अधिकारियों की स्थिति सभी समझ सकते हैं।
टेंडर वाली फाइलों को रोक रहे थे कमिश्नर :-
वार्ड 15 के पार्षद युद्धवीर सैनी ने बताया कि निगम कमिश्नर राजीव मेहता ने दोबारा से ज्वाइन करने के बाद कई टेंडर लगी फाइलों को रोका हुआ था। इससे शहर का विकास नहीं हो पा रहा था। ऐसा लगभग हर वार्डों में किया जा रहा है। इसके अलावा कई कामों को पुराने शहर पानीपत के ठेकेदारों को दिया हुआ है, जो मनमर्जी करते हैं।
विकास करवाने वाले अधिकारी का करेंगे सहयोग :-
वार्ड 17 के पार्षद जोगेंद्र शर्मा ने बताया कि उन्हें शहर के विकास के लिये चुना गया है। हर पार्षद को वार्ड के हजारों लोगों को जवाब देना होता है। ऐसे में जो भी अधिकारी विकास में सहयोग करेगा। उसके साथ रहेंगे और जो विकास कामों में रुकावट बनेगा। उसके खिलाफ पार्षद एकजुट होते रहेंगे।
जिले के विकास के लिये काम किया जा रहा है। हमारा पूरा फोकस चल रही परियोजनाओं को जल्दी पूरा कराना है। साथ ही सीएम से संबंधित परियोजनाओं को गंभीरता से लिया जा रहा है। निगम के अंतर्गत काफी विकास कार्य चल रहे हैं। विकास को और गति दी जाएगी। -निशांत यादव, डीसी करनाल।